है सब से सोभा न्यारी hai sabse shobha nyari raman bihari ki lyrics
है सब से सोभा न्यारी
है सब से सोभा न्यारी रमण बिहारी की
जाऊ बार बार बलिहारी मेरे रमण बिहारी की
मुसकाये मुरली बजाये, गुलाबी अधरौ से
हस हस तीर चलाये नशीली नजरों से
घुंघराली, अलकै नागिन सी लटकारी की। जाऊ बार बार……….
नख से सिख तक सिंगार जड़ा हुआ पहने है,
काछनी गोटेदार पीताम्बर पहने हैं
सिर साजे टेडी पाग नैन सुखकारी की। जाऊ बार बार..
तुमहें साधन कर, अपनाऊ ये मेरे हाथ नहीं
तुमही प्राणों के प्राण ये झूठी बात नही
तुम स्वामी और मै दासी भानु – दुलारी की । जाऊ बार बार..
रहे रमण हृदय में तिहारा सदा ये मन चाहे
द्रण सम्बन्ध हमें आप से बन जाये
करदो अभिलाषा पूरण, दीन भिखारी की । जाऊ बार-बार……
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