कृष्णाष्टकम्- भजे व्रजैकमण्डनं bhaje braje ka mandanam lyrics
कृष्णाष्टकम्
मनोज गर्व मोचनम् विशाल लोल लोचनम्,
कदम्ब सून कुण्डलम् सुचारु गण्ड मण्डलम्,
सदैव पाद पङ्कजम मदीय मानसे निजम्,
भुवो भरावतारकम् भवाब्दि कर्ण धारकम्,
गुणाकरम् सुखाकरम् क्रुपाकरम् कृपापरम् ,
समस्त गोप नन्दनम् , ह्रुदम्बुजैक मोदनम्,
विदग्ध गोपिका मनो मनोज्ञा तल्पशायिनम्,
यथा तथा यथा तथा तदैव कृष्ण सत्कथा ,
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