Shiv dhanush toda Ram ji ne
विवरण (Description)
“शिव धनुष तोड़ा राम जी ने” एक भक्ति भरा भजन है जो भगवान श्री राम के स्वयंवर में शिव धनुष तोड़ने की महिमा का वर्णन करता है। यह भजन राम और सीता के पवित्र विवाह के क्षण को दर्शाता है, जिसमें सीता जी श्री राम को जयमाला पहनाती हैं। यह भजन भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है और रामायण की इस कथा को भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करता है। इसे भक्ति और श्रद्धा के साथ गाया जाता है, विशेष रूप से राम नवमी, विवाह समारोहों और धार्मिक आयोजनों में। इस भजन को सुनने और गाने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और भगवान राम के प्रति भक्ति की अनुभूति होती है।
हिंदी भजन Shiv dhanush toda Ram ji ne
शिव धनुष तोड़ा राम जी ने
शिव धनुष तोड़ा राम ने स्वयंबर में जिस घड़ी
सब देवी देवता भी लगे करने आरती
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
कहीं वेद मंत्र हो रहे थे ऊँची तान से,
पुष्पों की वर्षा हो रही थी आसमान से
ऊँचा था सिंहासन जहाँ विराजमान थे
माथे पे मुकुट कांधे तरकस कमान थे
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
जय माल लिये हाथ में तब आयी जानकी
डालूँ गले में किस तरह हैरान थी खड़ी
कुछ झिझकी कुछ सिमटी सीता ने विचारा
आँखों ही आँखों में किया लक्षण को इशारा
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
हे शेष के अवतार मुझे दे दो सहारा
भूलूँगी नहीं उम्र भर एहसान तुम्हारा
हे लखन थोड़ी देर तू पृथ्वी को उठा ले
ये भाभी तेरे भैया को जय माल पहना दे
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
इतना समझ के लक्ष्मण फौरन हुए खड़े
श्री राम जी के चरणों में जाकर के गिर पड़े
श्री राम जी भी भाँप गए दोनों की बात को
सर नीचा कर उठाने लगे लखन भ्रात को
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
इतने में जानकी ने जयमाल डाल दी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
अंग्रेजी अक्षरों में भजन Shiv dhanush toda Ram ji ne
Shiv dhanush toda Ram ji ne
Shiv dhanush toda Ram ne swayamvar mein jis ghadi
Sab devi devta bhi lage karne aarti
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Kahi ved mantra ho rahe the unchi taan se
Pushpo ki varsha ho rahi thi aasman se
Uncha tha singhasan jahan virajman the
Mathe pe mukut kandhe tarkash kamaan the
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Jai maal liye hath mein tab aayi Janki
Daalun gale mein kis tarah hairaan thi khadi
Kuch jhijhki kuch simti Sita ne vichara
Aankho hi aankho mein kiya Lakshman ko ishara
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
He Shesh ke avatar mujhe de do sahara
Bhoolungi nahi umr bhar ehsaan tumhara
He Lakhan thodi der tu prithvi ko utha le
Ye bhabhi tere bhaiya ko jai maal pehna de
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Itna samajh ke Lakshman fauran hue khade
Shri Ram ji ke charano mein jaakar ke gir pade
Shri Ram ji bhi bhaap gaye dono ki baat ko
Sar nicha kar uthane lage Lakhan bhrat ko
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Itne mein Janki ne jai maal daal di
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki
Jai Ram Chandra aapki jai jai ho Janki