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इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकलें, shri krishna bhajan in hindi lyrics pdf

On: September 26, 2025 9:49 AM
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Krishna Bhajan Lyrics सुन री यशोदा मैया

shri krishna bhajan in hindi lyrics pdf

हिंदी में विवरण

यह भक्ति भजन “इतना तो करना स्वामी” भगवान श्री कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और समर्पण को व्यक्त करता है। इस भजन में भक्त प्रार्थना करता है कि जब उनके प्राण शरीर से निकलें, तब वे भगवान का नाम लें और उनकी कृपा से मुक्ति प्राप्त करें। यह भजन वृंदावन, गंगा, यमुना और भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े पवित्र स्थानों का उल्लेख करता है। यह भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है और Google पर “Krishna Bhajan Lyrics” के रूप में खोजा जाता है। भजन का भाव भक्त की अंतिम इच्छा को दर्शाता है कि वह भगवान के चरणों में समर्पित होकर जीवन पूरा करे।

भजन का पाठ (हिंदी में) shri krishna bhajan in hindi lyrics pdf

इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकलें,
गोविंद नाम लेकर, प्राण तन से निकलें।

श्री गंगा जी का तट हो, यमुना का बंशी वट हो,
मेरा सांवरा निकट हो, जब प्राण तन से निकलें।

श्री वृंदावन स्थल हो, मेरे मुख में तुलसी दल हो,
विष्णु चरण का जल हो, जब प्राण तन से निकलें।

सन्मुख सांवरा खड़ा हो, बंसी का स्वर भरा हो,
तिरछा चितवन धरा हो, जब प्राण तन से निकलें।

मेरे प्राण निकलें सुख से, प्रभु का नाम निकले मुख से,
बच जाऊं घोर दुख से, जब प्राण तन से निकलें।

उस वक्त जल्दी आना, ना श्याम भूल जाना,
राधे को संग में लाना, जब प्राण तन से निकलें।

यह नेक सी अर्ज है, मानो तो क्या हर्ज है,
कुछ आपका फर्ज है, जब प्राण तन से निकलें।

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Itna To Karna Swami

Itna to karna swami, jab praan tan se niklen,
Govind naam lekar, praan tan se niklen.

Shri Ganga ji ka tat ho, Yamuna ka banshi vat ho,
Mera saanwara nikat ho, jab praan tan se niklen.

Shri Vrindavan sthal ho, mere mukh mein tulsi dal ho,
Vishnu charan ka jal ho, jab praan tan se niklen.

Sanmukh saanwara khada ho, banshi ka swar bhara ho,
Tirchha chitvan dhara ho, jab praan tan se niklen.

Mere praan niklen sukh se, prabhu ka naam nikle mukh se,
Bach jaaun ghor dukh se, jab praan tan se niklen.

Us waqt jaldi aana, na Shyam bhool jaana,
Radhe ko sang mein laana, jab praan tan se niklen.

Yeh nek si arj hai, maano to kya harj hai,
Kuch aapka farz hai, jab praan tan se niklen.

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