छोड़ वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना Chhod Vrinda Vipin Kunj Yamuna
यह भजन भगवान श्रीकृष्ण के वृन्दावन त्याग की उस करुण वेदना को चित्रित करता है, जब अक्रूरजी के आग्रह पर वे मथुरा की ओर प्रस्थान करते हैं। ‘छोड़ वृन्दा विपिन कुंज यमुना’ नामक यह भक्ति रचना ब्रजवासियों के हृदय-विदारक दुख को मार्मिक ढंग से व्यक्त करती है। माता यशोदा और पिता नंद का व्याकुल होना, गोपियां और ब्रजवासी का रोदन, गायों का उदास स्वर—सब कुछ कृष्ण-विरह की तीव्रता को उजागर करता है। यह भजन भक्ति साहित्य की परंपरा में विरह-भाव की अनुपम अभिव्यक्ति है, जो श्रोता के मन को झकझोर देती है। कथा वाचकों द्वारा गाए जाने पर यह और अधिक भावपूर्ण हो जाता है, क्योंकि वे कृष्ण लीला की गहराई को अपनी वाणी से जीवंत कर देते हैं। इसकी प्रत्येक पंक्ति में ब्रज की मधुर स्मृतियां और श्याम-सुलझन की पीड़ा घुली हुई है। यह न केवल कृष्ण-भक्ति को प्रेरित करता है, बल्कि जीवन में अलगाव की सच्चाई को भी सिखाता है। कुल मिलाकर, यह भजन भक्तों के लिए एक अमूल्य रत्न है, जो सुनते ही आंसू और आनंद दोनों उमड़ आते हैं। (शब्द संख्या: १५२)
भजन का यूट्यूब वीडियो लिंक (कथा वाचक द्वारा गाया गया):
(आचार्य शांतनु जी महाराज द्वारा प्रस्तुत)
छोड़ वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना Chhod Vrinda Vipin Kunj Yamuna
छोड़ वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना
छोड़ वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना पुलिन श्याम मधुवन चले
मात यशुदा पिता नंद व्याकुल भये सब रोवे हमारे कन्हैया गये
छोड़ सबसे लगन प्राण जीवन हरण! श्याम मधुवन चले…
क्रूर अक्रूर ब्रज चन्द्र कू ले गयो, मेरी भोरी किशोरी कू दुख दे गयो
अब करै कहा यतन जो मिलै नद नंदन! श्याम मधुवन चले…
हाय मोहन बिना चैन कैसे परे कौन नवनीत माखन की चोरी करे
गैइया करती रुदन धूल छाई गगन! श्याम मधुवन चले……..
छोड़ वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना Chhod Vrinda Vipin Kunj Yamuna
Chhod Vrinda Vipin Kunj Yamuna
Chhod Vrinda Vipin Kunj Yamuna Pulin Shyam Madhuvan Chale
Mat Yashoda Pita Nand Vyakul Bhaye Sab Rove Hamare Kanhaiya Gaye
Chhod Sabse Lagan Pran Jivan Haran! Shyam Madhuvan Chale…
Krur Akrur Braj Chand Ko Le Gayo, Meri Bhori Kishori Ko Dukh De Gayo
Ab Karae Kaha Yatan Jo Milai Na Nand Nandan! Shyam Madhuvan Chale…
Hay Mohan Bina Chain Kaise Pare Kaun Navneet Makhan Ki Chori Kare
Gaiya Karti Rudan Dhool Chhai Gagan! Shyam Madhuvan Chale……..


