बाँके बिहारी भजन: दूर करो दुख मेरा
यह भजन भगवान श्रीकृष्ण के बाँके बिहारी स्वरूप को समर्पित है, जो वृंदावन में अत्यंत पूजनीय हैं। यह भजन भक्तों के दुखों को दूर करने और भगवान की शरण में सुख प्राप्त करने की भावना को व्यक्त करता है। “बाँके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा” भजन भक्ति रस से भरा है और इसे Google पर अक्सर खोजा जाता है, विशेष रूप से भक्ति संगीत और श्रीकृष्ण भजनों के प्रेमियों द्वारा। यह भजन भक्तों के बीच आध्यात्मिक शांति और भगवान के प्रति समर्पण को बढ़ावा देता है।
बाँके बिहारी दूर करो दुख Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera
बाँके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा
बाँके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा।
सुना है जो तेरे दर पै आवे, तन मन के दुखडे मिट जावें।
जब आवै शरण तिहारी रे ॥ दूर ॥
जनम जनम का मै हूँ भटका, बेडा आय भंवर में अटका।
पार करो गिरधारी रे ॥ दूर ॥
शबरी अहिल्या गणिका तारी, मीरा तुमने पार उतारी।
मुकुट अब आई हमारी बारी रे ॥ दूर ॥
पीताम्बर धारी, संग में हो वृषभानु दुलारी।
मोहन गिरवर धारी रे ॥ दूर ॥
बाँके बिहारी दूर करो दुख Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera
Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera
Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera
Suna Hai Jo Tere Dar Pe Aave, Tan Man Ke Dukhdde Mit Jaave
Jab Aave Sharan Tihari Re ॥ Door ॥
Janam Janam Ka Main Hoon Bhatka, Beda Aay Bhanwar Mein Atka
Paar Karo Girdhari Re ॥ Door ॥
Shabari Ahilya Ganika Taari, Meera Tumne Paar Utaari
Mukut Ab Aayi Hamari Baari Re ॥ Door ॥
Peetambar Dhari, Sang Mein Ho Vrishbhanu Dulari
Mohan Girvar Dhari Re ॥ Door ॥