भागवत कथा कैसे सीखें – घर बैठे प्रशिक्षण करने का मार्गदर्शन
भागवत कथा कैसे सीखें – घर बैठे विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त करने का संपूर्ण मार्गदर्शन
आज के युग में जब लोग भौतिक सुखों की दौड़ में इतने व्यस्त हैं कि भगवान का नाम तक लेना भूल जाते हैं, ऐसे में श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सुनना और सुनाना दोनों ही परम दुर्लभ पुण्य का कार्य है। “भागवत कथा कैसे सीखें” यह प्रश्न आज लाखों भक्तों के मन में उठ रहा है। पहले जहाँ कथा सीखने के लिए वर्षों तक गुरुकुल में रहना पड़ता था, वहीं आज आधुनिक तकनीक और सच्चे गुरुओं की कृपा से घर बैठे भी विधिवत प्रशिक्षण लिया जा सकता है। श्रीमद्भागवत में स्वयं भगवान कहते हैं – “कलौ खलु भविष्यन्ति नारायणपरायणा:” अर्थात कलियुग में नारायण के परायण भक्त ही रहेंगे और ऐसे भक्तों को भागवत कथा का वाचन करना अत्यंत प्रिय है। यदि आपके हृदय में भी श्रीकृष्ण की लीला-कथा सुनाने की तीव्र जिज्ञासा जागी है तो यह लेख आपके लिए ही लिखा गया है।
सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि भागवत कथा कोई साधारण कहानी नहीं है, यह स्वयं ब्रह्मस्वरूपा श्रीकृष्ण का विग्रह है। भागवतम् में बार-बार कहा गया है – “निगम-कल्प-तरोर्गलितं फलं” अर्थात वेद रूपी कल्पवृक्ष का पका हुआ फल है श्रीमद्भागवत। इसलिए इसे सीखने के लिए सर्वप्रथम श्रद्धा, नम्रता और गुरु-भक्ति का होना अनिवार्य है। बिना गुरु के भागवत कथा का प्रशिक्षण अधूरा माना जाता है। आज देश में अनेक संस्थान हैं जो ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों माध्यमों से प्रशिक्षण दे रहे हैं, परंतु उनमें से कुछ ही ऐसे हैं जो रामानुज संप्रदाय की शुद्ध देशिक परंपरा का पालन करते हैं। ऐसे ही एक विश्वसनीय संस्थान का नाम है – श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र, जिसके संस्थापक सुप्रसिद्ध कथा वाचक एवं प्रशिक्षक आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज (संकर्षण रामानुज दास) हैं।
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र में भागवत कथा सीखने का पाठ्यक्रम अत्यंत वैज्ञानिक और व्यवस्थित तरीके से तैयार किया गया है। यहाँ आपको सबसे पहले संस्कृत उच्चारण, छंद, ताल-लय और भागवत के दस विषयों (दश-लक्षण) का गहन अध्ययन कराया जाता है। प्रशिक्षण तीन चरणों में होता है – प्रथम चरण में भागवत के मूल श्लोकों का शुद्ध उच्चारण, दूसरा चरण में भावार्थ एवं कथा-प्रवाह और तीसरा चरण में व्यावहारिक कथा वाचन एवं मंच संचालन। प्रत्येक रविवार को लाइव ऑनलाइन क्लास होती है और सप्ताह भर व्हाट्सएप ग्रुप में डाउट क्लियरिंग, ऑडियो नोट्स एवं पीडीएफ बुक उपलब्ध कराई जाती है। अब तक सैकड़ों भक्तों ने यहाँ से प्रशिक्षण लेकर सप्ताह-ज्ञान यज्ञ आयोजित किए हैं और हजारों श्रोताओं को भागवत रसपान कराया है।
कई लोग सोचते हैं कि भागवत कथा सीखने के लिए बहुत विद्वान होना जरूरी है, परंतु यह भ्रांति है। भागवत स्वयं कहती है – “नैष्कर्म्यमप्यच्युत-भाव-वर्जितं न शोभते ज्ञानम् अलं निरञ्जनम्” अर्थात भगवान की भक्ति से रहित ज्ञान भी शोभा नहीं पाता। इसलिए यहाँ प्रशिक्षण के दौरान भक्ति पर सर्वाधिक बल दिया जाता है। सुबह-सुबह मंगल आरती, नित्य श्रीमद्भागवत पाठ और गुरु-पादुका पूजन से दिन की शुरुआत होती है। आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज स्वयं बताते हैं कि “जब तक कथावाचक का हृदय रस से भीगा नहीं होगा, तब तक श्रोता का हृदय कैसे भीगेगा?” इसलिए प्रशिक्षण में रस-प्रधान कथा-शैली का विशेष अभ्यास कराया जाता है – गोपी-गीत, वेणु-गीत, रास-पंचाध्यायी एवं उद्धव-गीता के भावों को गाकर सुनाने की कला सिखाई जाती है।
आजकल यूट्यूब पर ढेर सारे भागवत कथा के वीडियो उपलब्ध हैं, परंतु केवल देखने-सुनने से कथा वाचन की कला नहीं आती। इसके लिए नियमित रियाज़, गुरु का सान्निध्य और फीडबैक जरूरी है। श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र में प्रत्येक छात्र को अलग-अलग कथा के अंश (जैसे दशम स्कंध के 29वें अध्याय का रास-पंचाध्यायी) देकर रिकॉर्डिंग कराई जाती है और आचार्य जी स्वयं सुधार बताते हैं। साथ ही हर महीने एक लाइव कथा का आयोजन किया जाता है जिसमें छात्र स्वयं कथा करते हैं और अनुभवी कथावाचकों से तुरंत मार्गदर्शन मिलता है। इस तरह छह से आठ महीने के प्रशिक्षण के बाद कोई भी साधारण भक्त भी आत्मविश्वास के साथ सप्ताह भर की भागवत कथा कर सकता है।
भागवत कथा सीखने की सबसे बड़ी बाधा है – समय का अभाव। नौकरीपेशा लोग, गृहस्थी, महिलाएँ – सब यही कहते हैं कि समय कहाँ है? इस समस्या का समाधान भी श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र ने निकाला है। यहाँ रिकॉर्डेड क्लासेस, ऑफलाइन पीडीएफ नोट्स और रात 9 बजे के बाद की विशेष बैच भी चलती हैं। इतना ही नहीं, अगर कोई भक्त एक बार फीस जमा कर देता है तो उसे जीवनभर अपडेटेड नोट्स और नई कक्षाएँ निःशुल्क मिलती रहती हैं। कई बहनें घर बैठे ही प्रशिक्षण लेकर अब अपने मोहल्ले, सोसाइटी या गाँव में नारी भागवत सप्ताह करवा रही हैं और सैकड़ों महिलाओं को भगवान की कथा सुना रही हैं।
भागवत कथा प्रशिक्षण के साथ-साथ यहाँ कर्मकांड, वैष्णव आचार-विचार, पूजा-अनुष्ठान की विधियाँ एवं पंचसंस्कार की दीक्षा भी दी जाती है। क्योंकि रामानुज संप्रदाय में बिना पंचसंस्कार के कथा वाचन को पूर्णता नहीं मानी जाती। आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज स्वयं संकर्षण रामानुज दास नाम से श्रीरंगम मठ परंपरा के दीक्षित ब्रह्मचारी हैं और उन्होंने हजारों भक्तों को पंचसंस्कार देकर वैष्णव बनाया है। यहाँ प्रशिक्षण लेने वाले हर छात्र को निःशुल्क पंचसंस्कार और तुलसी माला प्रदान की जाती है। साथ ही वैष्णव शास्त्रों की दुर्लभ पुस्तकें भी बहुत कम मूल्य में उपलब्ध हैं।
कई लोग पूछते हैं कि प्रशिक्षण की फीस कितनी है? तो इसका उत्तर बहुत सरल है – यहाँ प्रशिक्षण का कोई निश्चित शुल्क नहीं है, जितनी श्रद्धा हो उतना गुरु दक्षिणा दें। बहुत से भक्त तो केवल 1100 रुपये या 2100 रुपये देकर भी पूरा कोर्स कर लेते हैं और बाद में अपनी कथा से होने वाली दक्षिणा से गुरु जी को और अधिक समर्पित करते हैं। अभी तक इस संस्थान से 500 से अधिक भक्तों ने भागवत कथा का पूरा प्रशिक्षण लिया है और आज देश-विदेश में कथा कर रहे हैं। कुछ भक्त तो दुबई, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी कथा करके वहाँ के भारतीयों को भागवत रस का पान करा रहे हैं।
यदि आप भी अपने जीवन को धन्य करना चाहते हैं, अपने कुल को पवित्र करना चाहते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो देर न करें। घर बैठे भागवत कथा सीखने का यह स्वर्णिम अवसर आपके हाथ में है। अभी संस्थान में नए बैच शुरू हो रहे हैं और सीमित सीटें हैं। पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है। आपको केवल एक व्हाट्सएप मैसेज करना है या कॉल करना है और आपका नामांकन हो जाएगा। साथ ही आपको तुरंत पहली पीडीएफ बुक और ऑडियो क्लास मिल जाएगी।
अंत में हृदय से प्रार्थना है कि हे नाथ! आप सबको भागवत कथा सीखने और सुनाने का सौभाग्य प्रदान करें। जय श्री राधे-श्याम!
और यदि यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो कृपया श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र को गूगल पर जाकर 5 स्टार रेटिंग और एक सुंदर समीक्षा अवश्य दें। आपकी एक समीक्षा सैकड़ों भक्तों को सही मार्ग दिखाएगी।
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🌸 संपर्क सूत्र: 8368032114 | 8516827975
संस्थापक: आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज (संकर्षण रामानुज दास)
संस्थान: श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र
(भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा)
भागवत सप्ताहिक कथा ऑनलाइन कक्षा
स्वागत है श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र पर!
यदि आप भी भागवत सप्ताहिक कथा सीखकर भागवत कथा प्रवक्ता बनना चाहते हैं, तो आपका हार्दिक स्वागत है! हमारा श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र आपको भागवत पुराण की गहन ऑनलाइन कक्षा से जोड़कर आपके इस संकल्प को पूर्ण करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा मंच है जहां आप न केवल भागवत कथा का ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि इसे प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की कला भी सीखेंगे। पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्र जी महाराज के मार्गदर्शन में, आप विधिवत तैयारी कर सकते हैं और विश्व स्तर पर फैले भक्तों के बीच अपनी पहचान बना सकते हैं।
पाठ्यक्रम का विवरण
हमारा भागवत सप्ताहिक कथा पाठ्यक्रम कुल 7 महीनों का है, जो आपको चरणबद्ध तरीके से भागवत पुराण की गहराई तक ले जाएगा। यह कोर्स विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो कथा वाचन की कला में निपुण बनना चाहते हैं। कक्षा जूम ऐप के माध्यम से संचालित होती है, जो आपको घर बैठे ही इस दिव्य ज्ञान से जोड़ती है।
- कक्षा का समय: संध्याकालीन शाम को 7:30 बजे से 9:00 बजे तक। यह समय आपके दैनिक जीवन के साथ आसानी से समन्वित हो जाता है।
- छात्रों की पहुंच: भारत के सभी प्रांतों से छात्र-छात्राएं जुड़कर लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा, देश के बाहर अन्य देशों से भी भगवत भक्त इस कथा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। चाहे आप कहीं भी हों, यह कक्षा आपको वैश्विक समुदाय का हिस्सा बना देगी।
कक्षा की संरचना और अभ्यास
कक्षा की संरचना इतनी व्यवस्थित है कि आपका हर सत्र ज्ञानवर्धक और अभ्यासपूर्ण हो। पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्रा जी महाराज के मार्गदर्शन में निम्नलिखित तरीके से कक्षा चलती है:
प्रसंग की व्याख्या: सर्वप्रथम, पूज्य गुरुदेव द्वारा कथा प्रसंग को 30 मिनट तक विस्तार से समझाया और पढ़ाया जाता है। यह आपको मूल भावना और अर्थ की गहराई प्रदान करता है।
श्लोकों का अभ्यास: उसके बाद, बारी-बारी से सभी छात्रों से इस श्लोक की चौपाई सुनाई जाती है। आपको वही श्लोक सुनना होता है जो आपने पिछले दिन भेजे गए इस श्लोकों को याद किया है। यह अभ्यास आपकी स्मृति और उच्चारण को मजबूत बनाता है।
कथा बोलने का अभ्यास: इसके बाद, भागवत कथा बोलने का अभ्यास करवाया जाता है। अभ्यास की सूची पहले से तैयार की जाती है, और गुरुदेव के मार्गदर्शन के अनुसार ही यह निर्धारित होता है कि किस प्रसंग पर किस छात्र को कब प्रवचन देना है। इस प्रकार, आप सभी छात्रों के सामने अपना वक्तव्य और प्रवचन प्रस्तुत करते हैं। यह व्यावहारिक अभ्यास आपको आत्मविश्वास से भर देगा और आपको एक कुशल कथा वाचक बना देगा।
यह संरचना न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देती है, बल्कि व्यावहारिक कौशल भी विकसित करती है, ताकि आप कहीं भी कथा का आयोजन कर सकें।
कक्षा से जुड़ने की प्रक्रिया
यदि आप भागवत सप्ताहिक कथा सीखना चाहते हैं और कक्षा से जुड़ना चाहते हैं, तो प्रक्रिया बेहद सरल है:
- डेमो क्लास: सबसे पहले, एक दिन की डेमो क्लास लें। इससे आपको कक्षा का अंदाज़ा हो जाएगा।
- नामांकन: डेमो क्लास के बाद, नामांकन प्रक्रिया को पूर्ण करें। नामांकन के बाद ही आपको कक्षा ग्रुप से जोड़ा जाएगा।
- दैनिक सामग्री: ग्रुप में आपको प्रतिदिन पढ़ने का ऑडियो रिकॉर्डिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और श्लोकों का रिकॉर्डिंग प्राप्त होगा। यदि कभी आप कक्षा से न जुड़ पाएं, तो कोई हानि नहीं—आपको पीडीएफ के रूप में कथा नोट्स प्रदान किए जाएंगे, ताकि आप अपना अध्ययन जारी रख सकें।
यह लचीलापन सुनिश्चित करता है कि आपका सीखना कभी रुके नहीं।
प्रमाण पत्र प्राप्ति प्रक्रिया

हमारा कोर्स पूर्ण करने पर प्रदान किया जाने वाला प्रमाण पत्र आपके समर्पण और सीखे गए ज्ञान का प्रमाण है। यह प्रमाण पत्र न केवल आपके रिज्यूमे को मजबूत बनाता है, बल्कि आपको विभिन्न धार्मिक आयोजनों, मंदिरों और भक्ति समुदायों में कथा वाचन के अवसर प्रदान करने में भी सहायक होता है। प्रमाण पत्र प्राप्ति की प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और चरणबद्ध है, ताकि आप बिना किसी जटिलता के इसे प्राप्त कर सकें। नीचे विस्तृत प्रक्रिया दी गई है:

1. कोर्स की पूर्णता सुनिश्चित करें
- समयावधि: पूरे 7 महीनों की कक्षाओं को नियमित रूप से पूर्ण करें। प्रत्येक महीने के अंत में प्रगति रिपोर्ट जमा करें, जिसमें आपके द्वारा किए गए अभ्यासों का विवरण हो।
- न्यूनतम उपस्थिति: कुल कक्षाओं का कम से कम 80% उपस्थिति अनिवार्य है। यदि आप किसी कक्षा में अनुपस्थित रहें, तो उपलब्ध रिकॉर्डिंग्स और पीडीएफ नोट्स के माध्यम से स्व-अध्ययन करें और अगली कक्षा में रिपोर्ट करें।
- मासिक मूल्यांकन: हर महीने के अंत में एक छोटा मूल्यांकन (जैसे श्लोक पाठ या छोटा प्रवचन) होता है, जिसे सफलतापूर्वक पास करना आवश्यक है।
2. अंतिम मूल्यांकन और प्रस्तुति
- अंतिम सत्र: कोर्स के अंतिम महीने में एक विशेष अंतिम सत्र आयोजित किया जाता है, जहां आपको पूरे कोर्स के प्रमुख प्रसंगों पर आधारित एक पूर्ण प्रवचन प्रस्तुत करना होता है। यह प्रस्तुति जूम पर लाइव होती है और सभी सह-छात्रों तथा गुरुदेव के समक्ष की जाती है।
- मूल्यांकन मानदंड: आपकी प्रस्तुति का मूल्यांकन निम्नलिखित आधारों पर किया जाता है:
- सामग्री की सटीकता: श्लोकों, प्रसंगों और भागवत पुराण के मूल अर्थ की सही व्याख्या।
- प्रस्तुति कौशल: उच्चारण, भावपूर्ण वर्णन, श्रोताओं को बांधने की क्षमता।
- समय प्रबंधन: निर्धारित समय (लगभग 20-30 मिनट) में पूर्णता।
- फीडबैक: गुरुदेव द्वारा तत्काल फीडबैक प्रदान किया जाता है, और यदि आवश्यक हो तो सुधार के सुझाव दिए जाते हैं।
3. प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया
- सत्यापन: अंतिम मूल्यांकन के 7-10 दिनों के भीतर, संस्थान की टीम द्वारा आपकी प्रगति, उपस्थिति और मूल्यांकन को सत्यापित किया जाता है।
- डिजाइन और सामग्री: प्रमाण पत्र डिजिटल और भौतिक दोनों रूपों में जारी किया जाता है। इसमें शामिल होते हैं:
- आपका नाम, कोर्स विवरण, पूर्णता तिथि।
- पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्रा जी महाराज का हस्ताक्षर और संस्थान की मुहर।
- आपके द्वारा प्राप्त ग्रेड या “सफलतापूर्वक पूर्ण” का उल्लेख।
- प्राप्ति माध्यम:
- डिजिटल प्रमाण पत्र: ईमेल के माध्यम से पीडीएफ फॉर्मेट में तुरंत भेजा जाता है। आप इसे लिंक्डइन या अन्य प्लेटफॉर्म्स पर साझा कर सकते हैं।
- भौतिक प्रमाण पत्र: यदि आप चाहें, तो पोस्ट के माध्यम से फ्रेम्ड प्रमाण पत्र (लगभग 15 दिनों में) प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए अतिरिक्त शिपिंग शुल्क लागू हो सकता है।
- समयसीमा: सत्यापन के बाद 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी हो जाता है।
कोर्स फीस और छूट
भागवत सप्ताहिक कथा के पूरे कोर्स की फीस ₹21,000 है। हम समझते हैं कि यह निवेश आपके भक्ति मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए:

- इंस्टॉलमेंट विकल्प: आप इसे इंस्टॉलमेंट में जमा कर सकते हैं—हर महीने थोड़ी-थोड़ी राशि देकर।
- विशेष छूट: यदि आप गुरुकुल के छात्र हैं, पुरोहिताई का कर्म करते हैं, या संत हैं, तो आपके लिए विशेष छूट उपलब्ध है। यह छूट आपके समर्पण को सम्मान देती है।
फीस का यह मॉडल आपको बिना किसी आर्थिक बोझ के कोर्स पूरा करने में मदद करता है।
संपर्क करें और जुड़ें
यदि आप कक्षा से जुड़ना चाहते हैं, तो तुरंत हमसे संपर्क करें! आइकन पर क्लिक करके अपना नाम, पता, एड्रेस और अध्ययन विषय का फॉर्म भरें, और इसे व्हाट्सएप के माध्यम से हमें प्रेषित करें। हम जल्द ही आपके साथ जुड़ेंगे।
छात्रों के अद्भुत परिणाम
हमारे कोर्स से जुड़े छात्रों ने न केवल भागवत कथा की गहन समझ प्राप्त की है, बल्कि वे अब स्वतंत्र रूप से कथा वाचन कर रहे हैं और भक्तों को प्रेरित कर रहे हैं। यहाँ कुछ पूर्व छात्रों के अनुभवों पर आधारित हैं। ये परिणाम दर्शाते हैं कि कैसे यह प्रशिक्षण सामान्य भक्तों को कुशल कथा वाचकों में बदल देता है:-
धन्यवाद! अधिक जानकारी के लिए कॉल करें। आपका यह कदम आपको भागवत कथा के दिव्य संसार में ले जाएगा, जहां आप न केवल सीखेंगे, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी बनेंगे। जय श्री राम!




