भागवत कथा सीखें वृंदावन में – घर बैठे या वृंदावन आकर
परिचय – वृंदावन की पुकार और भागवत कथा का अमृत
जय श्री राधे-कृष्ण!
वृंदावन वह पावन धरा है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण आज भी रास रचाते हैं, बंसी बजाते हैं और भक्तों को अपनी प्रेमलीला में डुबो देते हैं। इसी वृंदावन में श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा सुनना और सुनाना दोनों ही परम सौभाग्य की बात है। आज के युग में जब लोग घर बैठे भागवत कथा सीखना चाहते हैं, तब भी वृंदावन का महत्व कम नहीं हुआ। बल्कि अब वृंदावन से प्रशिक्षित आचार्य पूरे विश्व में भागवत का अलौकिक रस बाँट रहे हैं।
यदि आप भी अपने जीवन को भागवतमय करना चाहते हैं, सप्ताह-भागवत करवाना या खुद कथा वाचक बनना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है।
भागवत कथा क्यों सीखें? आज के युग में इसका महत्व
श्रीमद् भागवत पुराण को पंचम वेद कहा जाता है। स्वयं भगवान वेदव्यास जी ने इसे “निगम-कल्प-तरोर्गलितं फलं” कहा है – अर्थात् वेदों के कल्पवृक्ष का पका हुआ फल। इस कथा को सुनने मात्र से जीव के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान के चरणोंके में आ जाते हैं।
आज कलियुग में लोग तनाव, चिंता और भौतिकता में डूबे हैं। ऐसे में भागवत कथा एकमात्र औषधि है जो मन को शांति, हृदय को प्रेम और जीवन को सार्थकता देती है। जो व्यक्ति भागवत कथा सीख लेता है, वह न केवल स्वयं मुक्त होता है, बल्कि सैकड़ों-हजारों जीवों को भवसागर से पार कर देता है।
वृंदावन में भागवत कथा सीखने का विशेष महत्व
वृंदावन वह स्थान है जहाँ श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की, जहाँ राधा-कृष्ण आज भी विहार करते हैं। यहाँ की रज में श्रीमद् भागवत का रस अपने आप उतर आता है। यहाँ की हर गली, हर कुञ्ज, हर घाट भागवत की साखी देता है।
वृंदावन में भागवत कथा सीखने से आपकी वाणी में स्वतः ही रस घुल जाता है। यहाँ के वातावरण में रहकर कथा करने से उच्चारण शुद्ध होता है, भाव अपने आप जागृत होते हैं और कथा में वह मिठास आती है जिसे सुनकर श्रोता रो पड़ते हैं।
घर बैठे भी वृंदावन से भागवत कथा सीखना संभव है
अगर आप वृंदावन नहीं आ सकते तो चिंता न करें। आज के डिजिटल युग में वृंदावन आपके घर तक आ रहा है। श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र, वृंदावन के द्वारा संचालित ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरह के प्रशिक्षण उपलब्ध हैं।
इस केंद्र के संस्थापक सुप्रसिद्ध कथा वाचक एवं प्रशिक्षक पूज्य आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज (संकर्षण रामानुज दास) जी हैं, जो रामानुज संप्रदाय के विद्वान हैं और दशकों से हजारों शिष्यों को भागवत, रामकथा एवं शिवमहापुराण की कथा सिखा रहे हैं।
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र – भागवत कथा का विश्वसनीय केंद्र
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र वृंदावन में स्थित एक ऐसा संस्थान है जहाँ वैदिक परंपरा के अनुसार पूर्ण विधि-विधान से भागवत कथा, रामकथा, शिवकथा एवं समस्त कर्मकांडों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
यहाँ निम्नलिखित कोर्स उपलब्ध हैं:
- 300 दिन का संपूर्ण भागवत कथा प्रशिक्षण (ऑफलाइन वृंदावन)
- 3 महीने का ऑनलाइन लाइव भागवत कथा कोर्स (घर बैठे)
- सप्ताह-भागवत प्रशिक्षण (7 दिन की संक्षिप्त कथा)
- कर्मकांड प्रशिक्षण (सोलह संस्कार, श्राद्ध, विवाह आदि)
- रामचरितमानस पाठ एवं कथा प्रशिक्षण
हर कोर्स के साथ नोट्स, बुकलेट्स और सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।
भागवत कथा प्रशिक्षण में क्या-क्या सिखाया जाता है?
- श्रीमद् भागवत के दसों स्कंधों का क्रमबद्ध अध्ययन
- प्रत्येक प्रसंग की लीला, भाव और रहस्य की गहराई
- रसपूर्ण कथा कहने की कला (स्वर, लय, भाव-भंगिमा)
- संस्कृत श्लोकों का सरल हिंदी अर्थ सहित उच्चारण
- कथा में गीत, भजन, चौपाई कैसे जोड़ें
- श्रोताओं को भाव-विभोर कैसे करें
- माइक हैंडलिंग, स्टेज प्रेजेंस और कॉन्फिडेंस
- कथा के दौरान होने वाले पूजन, आरती विधि
सभी प्रशिक्षण के बाद आप स्वयं आत्मविश्वास के साथ 7 दिन की भागवत कथा कर सकते हैं।
ऑफलाइन प्रशिक्षण – वृंदावन में 45 दिन का निवास
जो साधक वृंदावन आकर रहना चाहते हैं, उनके लिए केंद्र में साफ-सुथरे कमरे, शुद्ध सात्विक भोजन और रोज सुबह-शाम राधा-कृष्ण मंदिर में दर्शन की व्यवस्था है।
सुबह 4 बजे मंगला आरती, फिर नित्य क्रम, ब्रह्म मुहूर्त में स्वाध्याय और दिन में 8-10 घंटे कथा प्रशिक्षण। शाम को यमुना तट पर भजन-कीर्तन।
45 दिन बाद जब आप लौटते हैं तो आपके भीतर एक नया कथा वाचक जन्म ले चुका होता है।
ऑनलाइन प्रशिक्षण – घर बैठे वृंदावन का रस
अगर आप नौकरी या परिवार के कारण वृंदावन नहीं आ सकते तो ऑनलाइन लाइव क्लासेस बेस्ट विकल्प हैं।
- रोजाना 2-3 घंटे लाइव क्लास
- रिकॉर्डेड वीडियो जीवन भर के लिए
- व्हाट्सएप ग्रुप में डाउट सॉल्विंग
- हर रविवार को लाइव मॉक कथा (आप खुद कथा बोलते हैं, गुरुजी फीडबैक देते हैं)
- कोर्स पूरा होने पर ऑनलाइन परीक्षा व सर्टिफिकेट
हजारों शिष्य आज भारत के कोने-कोने से और विदेशों से भी इस ऑनलाइन कोर्स को कर रहे हैं।
सफल शिष्यों की सच्ची कहानियाँ
- लखनऊ के श्री रवि शर्मा जी पहले बैंक में नौकरी करते थे। ऑनलाइन कोर्स किया और आज पूर्ण रूप से कथा वाचक हैं। हर महीने 4-5 सप्ताह भागवत करते हैं।
- मध्य प्रदेश की बहन राधा रानी जी गृहिणी थीं। घर बैठे प्रशिक्षण लिया और अब अपने गाँव में हर साल निःशुल्क भागवत कथा करती हैं।
- अमेरिका में रहने वाले पंडित गोविंद दास जी ने भी यहीं से प्रशिक्षण लिया और अब अमेरिका में हिंदी में भागवत कथा करवा रहे हैं।
आप भी इन सफल शिष्यों की श्रृंखला में शामिल हो सकते हैं।
अंतिम निर्णय – आज ही जुड़ें श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र से
यदि आपके हृदय में भागवत कथा सीखने की तीव्र इच्छा है तो फिर देर किस बात की?
वृंदावन की यह पावन संस्था आपके जीवन को बदलने के लिए तैयार खड़ी है।
संपर्क करें:
व्हाट्सएप: https://wa.me/message/7NAY6XCSALUMB1
फोन/व्हाट्सएप: 8368032114 | 8516827975
संस्थापक: आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज (संकर्षण रामानुज दास)
संस्थान: श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र, वृंदावन
हमारी सेवा को बेहतर बनाने के लिए कृपया Google पर 5 स्टार रेटिंग व समीक्षा अवश्य दें:
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जय श्री राधे-श्याम!
आइए, मिलकर श्रीमद् भागवत का अमृत पूरे विश्व में बाँटें।
हरि ॐ तत् सत् ॥
भागवत सप्ताहिक कथा ऑनलाइन कक्षा
स्वागत है श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र पर!
यदि आप भी भागवत सप्ताहिक कथा सीखकर भागवत कथा प्रवक्ता बनना चाहते हैं, तो आपका हार्दिक स्वागत है! हमारा श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र आपको भागवत पुराण की गहन ऑनलाइन कक्षा से जोड़कर आपके इस संकल्प को पूर्ण करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा मंच है जहां आप न केवल भागवत कथा का ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि इसे प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की कला भी सीखेंगे। पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्र जी महाराज के मार्गदर्शन में, आप विधिवत तैयारी कर सकते हैं और विश्व स्तर पर फैले भक्तों के बीच अपनी पहचान बना सकते हैं।
पाठ्यक्रम का विवरण
हमारा भागवत सप्ताहिक कथा पाठ्यक्रम कुल 7 महीनों का है, जो आपको चरणबद्ध तरीके से भागवत पुराण की गहराई तक ले जाएगा। यह कोर्स विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो कथा वाचन की कला में निपुण बनना चाहते हैं। कक्षा जूम ऐप के माध्यम से संचालित होती है, जो आपको घर बैठे ही इस दिव्य ज्ञान से जोड़ती है।
- कक्षा का समय: संध्याकालीन शाम को 7:30 बजे से 9:00 बजे तक। यह समय आपके दैनिक जीवन के साथ आसानी से समन्वित हो जाता है।
- छात्रों की पहुंच: भारत के सभी प्रांतों से छात्र-छात्राएं जुड़कर लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा, देश के बाहर अन्य देशों से भी भगवत भक्त इस कथा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। चाहे आप कहीं भी हों, यह कक्षा आपको वैश्विक समुदाय का हिस्सा बना देगी।
कक्षा की संरचना और अभ्यास
कक्षा की संरचना इतनी व्यवस्थित है कि आपका हर सत्र ज्ञानवर्धक और अभ्यासपूर्ण हो। पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्रा जी महाराज के मार्गदर्शन में निम्नलिखित तरीके से कक्षा चलती है:
प्रसंग की व्याख्या: सर्वप्रथम, पूज्य गुरुदेव द्वारा कथा प्रसंग को 30 मिनट तक विस्तार से समझाया और पढ़ाया जाता है। यह आपको मूल भावना और अर्थ की गहराई प्रदान करता है।
श्लोकों का अभ्यास: उसके बाद, बारी-बारी से सभी छात्रों से इस श्लोक की चौपाई सुनाई जाती है। आपको वही श्लोक सुनना होता है जो आपने पिछले दिन भेजे गए इस श्लोकों को याद किया है। यह अभ्यास आपकी स्मृति और उच्चारण को मजबूत बनाता है।
कथा बोलने का अभ्यास: इसके बाद, भागवत कथा बोलने का अभ्यास करवाया जाता है। अभ्यास की सूची पहले से तैयार की जाती है, और गुरुदेव के मार्गदर्शन के अनुसार ही यह निर्धारित होता है कि किस प्रसंग पर किस छात्र को कब प्रवचन देना है। इस प्रकार, आप सभी छात्रों के सामने अपना वक्तव्य और प्रवचन प्रस्तुत करते हैं। यह व्यावहारिक अभ्यास आपको आत्मविश्वास से भर देगा और आपको एक कुशल कथा वाचक बना देगा।
यह संरचना न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देती है, बल्कि व्यावहारिक कौशल भी विकसित करती है, ताकि आप कहीं भी कथा का आयोजन कर सकें।
कक्षा से जुड़ने की प्रक्रिया
यदि आप भागवत सप्ताहिक कथा सीखना चाहते हैं और कक्षा से जुड़ना चाहते हैं, तो प्रक्रिया बेहद सरल है:
- डेमो क्लास: सबसे पहले, एक दिन की डेमो क्लास लें। इससे आपको कक्षा का अंदाज़ा हो जाएगा।
- नामांकन: डेमो क्लास के बाद, नामांकन प्रक्रिया को पूर्ण करें। नामांकन के बाद ही आपको कक्षा ग्रुप से जोड़ा जाएगा।
- दैनिक सामग्री: ग्रुप में आपको प्रतिदिन पढ़ने का ऑडियो रिकॉर्डिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और श्लोकों का रिकॉर्डिंग प्राप्त होगा। यदि कभी आप कक्षा से न जुड़ पाएं, तो कोई हानि नहीं—आपको पीडीएफ के रूप में कथा नोट्स प्रदान किए जाएंगे, ताकि आप अपना अध्ययन जारी रख सकें।
यह लचीलापन सुनिश्चित करता है कि आपका सीखना कभी रुके नहीं।
प्रमाण पत्र प्राप्ति प्रक्रिया

हमारा कोर्स पूर्ण करने पर प्रदान किया जाने वाला प्रमाण पत्र आपके समर्पण और सीखे गए ज्ञान का प्रमाण है। यह प्रमाण पत्र न केवल आपके रिज्यूमे को मजबूत बनाता है, बल्कि आपको विभिन्न धार्मिक आयोजनों, मंदिरों और भक्ति समुदायों में कथा वाचन के अवसर प्रदान करने में भी सहायक होता है। प्रमाण पत्र प्राप्ति की प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और चरणबद्ध है, ताकि आप बिना किसी जटिलता के इसे प्राप्त कर सकें। नीचे विस्तृत प्रक्रिया दी गई है:

1. कोर्स की पूर्णता सुनिश्चित करें
- समयावधि: पूरे 7 महीनों की कक्षाओं को नियमित रूप से पूर्ण करें। प्रत्येक महीने के अंत में प्रगति रिपोर्ट जमा करें, जिसमें आपके द्वारा किए गए अभ्यासों का विवरण हो।
- न्यूनतम उपस्थिति: कुल कक्षाओं का कम से कम 80% उपस्थिति अनिवार्य है। यदि आप किसी कक्षा में अनुपस्थित रहें, तो उपलब्ध रिकॉर्डिंग्स और पीडीएफ नोट्स के माध्यम से स्व-अध्ययन करें और अगली कक्षा में रिपोर्ट करें।
- मासिक मूल्यांकन: हर महीने के अंत में एक छोटा मूल्यांकन (जैसे श्लोक पाठ या छोटा प्रवचन) होता है, जिसे सफलतापूर्वक पास करना आवश्यक है।
2. अंतिम मूल्यांकन और प्रस्तुति
- अंतिम सत्र: कोर्स के अंतिम महीने में एक विशेष अंतिम सत्र आयोजित किया जाता है, जहां आपको पूरे कोर्स के प्रमुख प्रसंगों पर आधारित एक पूर्ण प्रवचन प्रस्तुत करना होता है। यह प्रस्तुति जूम पर लाइव होती है और सभी सह-छात्रों तथा गुरुदेव के समक्ष की जाती है।
- मूल्यांकन मानदंड: आपकी प्रस्तुति का मूल्यांकन निम्नलिखित आधारों पर किया जाता है:
- सामग्री की सटीकता: श्लोकों, प्रसंगों और भागवत पुराण के मूल अर्थ की सही व्याख्या।
- प्रस्तुति कौशल: उच्चारण, भावपूर्ण वर्णन, श्रोताओं को बांधने की क्षमता।
- समय प्रबंधन: निर्धारित समय (लगभग 20-30 मिनट) में पूर्णता।
- फीडबैक: गुरुदेव द्वारा तत्काल फीडबैक प्रदान किया जाता है, और यदि आवश्यक हो तो सुधार के सुझाव दिए जाते हैं।
3. प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया
- सत्यापन: अंतिम मूल्यांकन के 7-10 दिनों के भीतर, संस्थान की टीम द्वारा आपकी प्रगति, उपस्थिति और मूल्यांकन को सत्यापित किया जाता है।
- डिजाइन और सामग्री: प्रमाण पत्र डिजिटल और भौतिक दोनों रूपों में जारी किया जाता है। इसमें शामिल होते हैं:
- आपका नाम, कोर्स विवरण, पूर्णता तिथि।
- पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्रा जी महाराज का हस्ताक्षर और संस्थान की मुहर।
- आपके द्वारा प्राप्त ग्रेड या “सफलतापूर्वक पूर्ण” का उल्लेख।
- प्राप्ति माध्यम:
- डिजिटल प्रमाण पत्र: ईमेल के माध्यम से पीडीएफ फॉर्मेट में तुरंत भेजा जाता है। आप इसे लिंक्डइन या अन्य प्लेटफॉर्म्स पर साझा कर सकते हैं।
- भौतिक प्रमाण पत्र: यदि आप चाहें, तो पोस्ट के माध्यम से फ्रेम्ड प्रमाण पत्र (लगभग 15 दिनों में) प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए अतिरिक्त शिपिंग शुल्क लागू हो सकता है।
- समयसीमा: सत्यापन के बाद 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी हो जाता है।
कोर्स फीस और छूट
भागवत सप्ताहिक कथा के पूरे कोर्स की फीस ₹21,000 है। हम समझते हैं कि यह निवेश आपके भक्ति मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए:

- इंस्टॉलमेंट विकल्प: आप इसे इंस्टॉलमेंट में जमा कर सकते हैं—हर महीने थोड़ी-थोड़ी राशि देकर।
- विशेष छूट: यदि आप गुरुकुल के छात्र हैं, पुरोहिताई का कर्म करते हैं, या संत हैं, तो आपके लिए विशेष छूट उपलब्ध है। यह छूट आपके समर्पण को सम्मान देती है।
फीस का यह मॉडल आपको बिना किसी आर्थिक बोझ के कोर्स पूरा करने में मदद करता है।
संपर्क करें और जुड़ें
यदि आप कक्षा से जुड़ना चाहते हैं, तो तुरंत हमसे संपर्क करें! आइकन पर क्लिक करके अपना नाम, पता, एड्रेस और अध्ययन विषय का फॉर्म भरें, और इसे व्हाट्सएप के माध्यम से हमें प्रेषित करें। हम जल्द ही आपके साथ जुड़ेंगे।
छात्रों के अद्भुत परिणाम
हमारे कोर्स से जुड़े छात्रों ने न केवल भागवत कथा की गहन समझ प्राप्त की है, बल्कि वे अब स्वतंत्र रूप से कथा वाचन कर रहे हैं और भक्तों को प्रेरित कर रहे हैं। यहाँ कुछ पूर्व छात्रों के अनुभवों पर आधारित हैं। ये परिणाम दर्शाते हैं कि कैसे यह प्रशिक्षण सामान्य भक्तों को कुशल कथा वाचकों में बदल देता है:-
धन्यवाद! अधिक जानकारी के लिए कॉल करें। आपका यह कदम आपको भागवत कथा के दिव्य संसार में ले जाएगा, जहां आप न केवल सीखेंगे, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी बनेंगे। जय श्री राम!




