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भागवत कथा सीखें वृंदावन उत्तर प्रदेश- घर बैठे या वृंदावन आकर

On: December 7, 2025 9:29 AM
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भागवत कथा सीखें वृंदावन उत्तर प्रदेश- घर बैठे या वृंदावन आकर

जय श्री राधे-कृष्ण! यदि आपके हृदय में श्रीमद् भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा सुनाने की तीव्र इच्छा जागी है, यदि आप चाहते हैं कि आपके मुख से निकली हर पंक्ति श्रोताओं के नेत्रों में अश्रु और हृदय में भक्ति का संचार कर दे, तो अब सही जगह पहुँच गए हैं आप। “भागवत कथा सीखें वृंदावन उत्तर प्रदेश” – यह वाक्य आज हजारों भक्तों के जीवन का लक्ष्य बन चुका है। वृंदावन, वो पावन धरा जहाँ स्वयं भगवान श्रीकृष्ण आज भी रासलीला करते हैं, जहाँ निधिवन में रात होते ही राधा-कृष्ण प्रकट होते हैं, उसी वृंदावन में रहकर या घर बैठे ऑनलाइन आप श्रीमद् भागवत की सात दिवसीय कथा को पूर्ण विधि-विधान के साथ सीख सकते हैं। श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र ने पिछले कई वर्षों से सैकड़ों भक्तों को भागवत व्यासपीठ पर विराजमान होने का सौभाग्य प्रदान किया है। आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज (संकर्षण रामानुज दास) के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण चलता है, जो स्वयं सुप्रसिद्ध कथा वाचक एवं रामानुज संप्रदाय के मूर्धन्य आचार्य हैं।

वृंदावन में भागवत कथा सीखने का अपना अलग ही महत्व है। यहाँ की मिट्टी में भक्ति रस घुला हुआ है। सुबह-शाम यमुना तट पर कथा का अभ्यास करें, राधा-वल्लभ मंदिर में श्री ठाकुर जी के समक्ष अपनी वाणी को निहारें, संध्या समय निधिवन के निकुंज में बैठकर श्लोकों का उच्चारण करें – ऐसा वातावरण पूरे विश्व में कहीं और नहीं मिलेगा। यही कारण है कि देश-विदेश से भक्त यहाँ आकर “भागवत कथा सीखें वृंदावन उत्तर प्रदेश” का सपना पूरा करते हैं। लेकिन यदि आप वृंदावन नहीं आ पा रहे हैं तो चिंता न करें – श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र ने पूर्ण ऑनलाइन कोर्स भी शुरू किया है, जिसमें लाइव क्लास, रिकॉर्डेड व्याख्यान, नोट्स बुक, ऑडियो क्लिप तथा व्यक्तिगत संशोधन की सुविधा उपलब्ध है। अब वृंदावन की दिव्य ऊर्जा आपके मोबाइल और लैपटॉप तक पहुँच रही है।

श्रीमद् भागवत कथा कोई साधारण कथा नहीं है – यह भगवान के परम प्रेम का महासागर है। सात दिन में दसवें स्कंध के संपूर्ण रासपंचाध्यायी तक पहुँचना, गोपियों के विरह को शब्द देना, उद्धव गोपी संवाद को जीवंत करना – यह सब कला रातोंरात नहीं आती। इसके लिए वर्षों का साधना, गुरु कृपा और सही प्रशिक्षण जरूरी है। श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र में आपको यही त्रिवेणी मिलती है। यहाँ आपको प्रथम दिन से ही स्वर लय ताल, उच्चारण शुद्धि, भाव भंगिमा, श्रोताओं को बाँधने की कला, मंच संचालन, माइक हैंडलिंग तथा कथा के बीच-बीच में भजन-कीर्तन डालने की सूक्ष्म तकनीकें सिखाई जाती हैं। प्रशिक्षण के अंत में आपको पूर्ण 7 दिवसीय भागवत कथा का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है, जिसे आप अपने क्षेत्र में व्यासपीठ पर विराजमान होने के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं।

प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम अत्यंत वैज्ञानिक ढंग से तैयार किया गया है। प्रथम सप्ताह में आप प्रथम स्कंध से तृतीय स्कंध तक की कथा की रूपरेखा सीखते हैं – सृष्टि की उत्पत्ति, कपिल देव का सांख्य दर्शन, ध्रुव चरित्र, प्रह्लाद चरित्र आदि। दूसरे सप्ताह में चतुर्थ से षष्ठम स्कंध – परीक्षित मोक्ष, अम्बरीष चरित्र, जड़ भरत उपाख्यान। तीसरे-चौथे सप्ताह में आप सातवीं से नौवीं स्कंध तक पहुँच जाते हैं। अंतिम दो सप्ताह केवल दशम स्कंध के लिए आरक्षित होते हैं – क्योंकि यही भागवत का हृदय है। रास पंचाध्यायी को इतने भाव से पढ़ना कि सारा पांडाल झूम उठे, गोपी गीत को ऐसा गाना कि हर आँख से अश्रुधारा बहने लगे – यही कला यहाँ सिखाई जाती है। और सबसे बड़ी बात – संपूर्ण प्रशिक्षण रामानुज संप्रदाय की वैष्णव परम्परा के अनुसार होता है, जिसमें भक्ति और मर्यादा का अद्भुत समन्वय दिखता है।

कई भक्तों का प्रश्न होता है कि क्या महिलाएँ भी भागवत कथा का प्रशिक्षण ले सकती हैं? उत्तर है – अवश्य! श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र में सैकड़ों माताएँ-बहनें आज भागवत व्यास बन चुकी हैं। माँ राधा रानी की कृपा से आज उत्तर भारत में अनेक महिला कथा वाचक श्रीमद् भागवत सुना रही हैं। अलग से महिलाओं के लिए बैच भी चलाए जाते हैं, जिसमें महिला शिक्षिकाएँ ही प्रशिक्षण देती हैं। इसी तरह युवा, वृद्ध, गृहस्थ, संन्यासी – सभी के लिए अलग-अलग बैच उपलब्ध हैं। वृंदावन में आवासीय प्रशिक्षण लेने वालों के लिए सात्विक भोजन, स्वच्छ कमरे तथा राधा-कृष्ण मंदिरों के दर्शन की निःशुल्क व्यवस्था भी की जाती है।

आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन भागवत कथा प्रशिक्षण का महत्व और भी बढ़ गया है। आप लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता – कहीं से भी जुड़ सकते हैं। रोजाना सुबह 6 से 8 बजे या शाम 7 से 9 बजे लाइव क्लास होती है। क्लास मिस हो जाए तो रिकॉर्डिंग उपलब्ध। साथ ही हर रविवार को डाउट क्लियरिंग सेशन। प्रशिक्षण पूरा होने पर आपको 7 दिन की पूरी कथा के तैयार नोट्स की हार्ड कॉपी घर बैठे कूरियर से मिल जाती है। इसके अतिरिक्त 500 से अधिक ऑडियो क्लिप, भजन संग्रह, कीर्तन संग्रह तथा कथा के बीच डालने योग्य 100 से अधिक छोटी-छोटी कहानियाँ भी दी जाती हैं। यही कारण है कि आज देश के कोने-कोने से भक्त “भागवत कथा सीखें वृंदावन उत्तर प्रदेश” लिखकर सर्च करते हैं और सीधे श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र पहुँच जाते हैं।

क्या आप जानते हैं कि आज एक अच्छे भागवत कथा वाचक को एक सप्ताह की कथा के 2 लाख से 10 लाख रुपये तक मिल रहे हैं? कई व्यास तो महीने में 20-25 दिन कथा करके 25-30 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। लेकिन पैसा तो केवल बोनस है – असली कमाई है लाखों भक्तों के हृदय में भगवान का प्रेम जगाना। एक बार जब आप व्यासपीठ पर बैठकर “जय श्री कृष्ण” बोलते हैं और पूरा पांडाल करबद्ध हो जाता है – उस आनंद की तुलना किसी धन-दौलत से नहीं हो सकती। श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र ने सैकड़ों भक्तों को यह सौभाग्य प्रदान किया है। हमारे कई शिष्य आज Zee TV, Aastha, Sanskar जैसे चैनलों पर कथा सुना रहे हैं। कई विदेशों में – अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया में – प्रवासी भारतीयों को भागवत रस पिला रहे हैं।

प्रशिक्षण के दौरान आपको केवल कथा बोलना ही नहीं सिखाया जाता, बल्कि पूर्ण कथा व्यवस्थापन भी सिखाया जाता है – पांडाल कैसे सजाया जाए, व्यासपीठ कैसे बनवाएँ, ध्वनी व्यवस्था कैसे हो, कथा के बीच प्रसाद वितरण कैसे हो, श्रोताओं की भावनाओं का ध्यान कैसे रखा जाए – ये सब बारीकियाँ सिखाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त कर्मकांड का भी प्रशिक्षण मिलता है – सत्यनारायण कथा, रुद्राभिषेक, सप्तशती पाठ, सुंदरकांड पाठ आदि। यानी एक साथ आप कथा वाचक भी बनते हैं और पूर्ण कर्मकांडी पंडित जी भी।

हमारे प्रशिक्षण की सबसे बड़ी विशेषता है – व्यक्तिगत ध्यान। एक बैच में अधिकतम 30-40 विद्यार्थी ही रखे जाते हैं, ताकि आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज हर विद्यार्थी की वाणी, उच्चारण और भाव को व्यक्तिगत रूप से सुधार सकें। हर महीने के अंत में एक मॉक कथा (नकली कथा) होती है, जिसमें विद्यार्थी पूरी 7 घंटे की कथा सुनाते हैं और आचार्य जी फीडबैक देते हैं। इसी प्रक्रिया से निकलकर हमारे शिष्य आज देश के कोने-कोने में व्यासपीठ सुशोभित कर रहे हैं।

अब विलंब किस बात का? यदि आपके हृदय में भी श्रीमद् भागवत की कथा सुनाने की तीव्र इच्छा है, यदि आप भी चाहते हैं कि आपके मुख से निकले शब्द लाखों हृदयों को भक्ति रस में डुबो दें, तो आज ही श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र से जुड़ें। वृंदावन में आकर प्रशिक्षण लें या घर बैठे ऑनलाइन कोर्स जॉइन करें – निर्णय आपका है, पर भगवान की कृपा आप पर अवश्य बरसेगी।
जय श्री राधे-श्याम!
संस्थान का नाम – 🌸 श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र 🌸
संस्थापक एवं मुख्य प्रशिक्षक – सुप्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज (संकर्षण रामानुज दास)
संपर्क करें:
WhatsApp – https://wa.me/message/7NAY6XCSALUMB1
फोन – 8368032114, 8516827975
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आपकी एक रेटिंग हमारे संकल्प को और बल प्रदान करेगी।
जय श्री राधे-कृष्ण! हरि बोल!

स्वागत है श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र पर!

यदि आप भी भागवत सप्ताहिक कथा सीखकर भागवत कथा प्रवक्ता बनना चाहते हैं, तो आपका हार्दिक स्वागत है! हमारा श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र आपको भागवत पुराण की गहन ऑनलाइन कक्षा से जोड़कर आपके इस संकल्प को पूर्ण करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा मंच है जहां आप न केवल भागवत कथा का ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि इसे प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की कला भी सीखेंगे। पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्र जी महाराज के मार्गदर्शन में, आप विधिवत तैयारी कर सकते हैं और विश्व स्तर पर फैले भक्तों के बीच अपनी पहचान बना सकते हैं।

Contents

पाठ्यक्रम का विवरण

हमारा भागवत सप्ताहिक कथा पाठ्यक्रम कुल 7 महीनों का है, जो आपको चरणबद्ध तरीके से भागवत पुराण की गहराई तक ले जाएगा। यह कोर्स विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो कथा वाचन की कला में निपुण बनना चाहते हैं। कक्षा जूम ऐप के माध्यम से संचालित होती है, जो आपको घर बैठे ही इस दिव्य ज्ञान से जोड़ती है।

  • कक्षा का समय: संध्याकालीन शाम को 7:30 बजे से 9:00 बजे तक। यह समय आपके दैनिक जीवन के साथ आसानी से समन्वित हो जाता है।
  • छात्रों की पहुंच: भारत के सभी प्रांतों से छात्र-छात्राएं जुड़कर लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा, देश के बाहर अन्य देशों से भी भगवत भक्त इस कथा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। चाहे आप कहीं भी हों, यह कक्षा आपको वैश्विक समुदाय का हिस्सा बना देगी।

कक्षा की संरचना और अभ्यास

कक्षा की संरचना इतनी व्यवस्थित है कि आपका हर सत्र ज्ञानवर्धक और अभ्यासपूर्ण हो। पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्रा जी महाराज के मार्गदर्शन में निम्नलिखित तरीके से कक्षा चलती है:

प्रसंग की व्याख्या: सर्वप्रथम, पूज्य गुरुदेव द्वारा कथा प्रसंग को 30 मिनट तक विस्तार से समझाया और पढ़ाया जाता है। यह आपको मूल भावना और अर्थ की गहराई प्रदान करता है।

श्लोकों का अभ्यास: उसके बाद, बारी-बारी से सभी छात्रों से इस श्लोक की चौपाई सुनाई जाती है। आपको वही श्लोक सुनना होता है जो आपने पिछले दिन भेजे गए इस श्लोकों को याद किया है। यह अभ्यास आपकी स्मृति और उच्चारण को मजबूत बनाता है।

कथा बोलने का अभ्यास: इसके बाद, भागवत कथा बोलने का अभ्यास करवाया जाता है। अभ्यास की सूची पहले से तैयार की जाती है, और गुरुदेव के मार्गदर्शन के अनुसार ही यह निर्धारित होता है कि किस प्रसंग पर किस छात्र को कब प्रवचन देना है। इस प्रकार, आप सभी छात्रों के सामने अपना वक्तव्य और प्रवचन प्रस्तुत करते हैं। यह व्यावहारिक अभ्यास आपको आत्मविश्वास से भर देगा और आपको एक कुशल कथा वाचक बना देगा।

यह संरचना न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देती है, बल्कि व्यावहारिक कौशल भी विकसित करती है, ताकि आप कहीं भी कथा का आयोजन कर सकें।

कक्षा से जुड़ने की प्रक्रिया

यदि आप भागवत सप्ताहिक कथा सीखना चाहते हैं और कक्षा से जुड़ना चाहते हैं, तो प्रक्रिया बेहद सरल है:

  • डेमो क्लास: सबसे पहले, एक दिन की डेमो क्लास लें। इससे आपको कक्षा का अंदाज़ा हो जाएगा।
  • नामांकन: डेमो क्लास के बाद, नामांकन प्रक्रिया को पूर्ण करें। नामांकन के बाद ही आपको कक्षा ग्रुप से जोड़ा जाएगा।
  • दैनिक सामग्री: ग्रुप में आपको प्रतिदिन पढ़ने का ऑडियो रिकॉर्डिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और श्लोकों का रिकॉर्डिंग प्राप्त होगा। यदि कभी आप कक्षा से न जुड़ पाएं, तो कोई हानि नहीं—आपको पीडीएफ के रूप में कथा नोट्स प्रदान किए जाएंगे, ताकि आप अपना अध्ययन जारी रख सकें।

यह लचीलापन सुनिश्चित करता है कि आपका सीखना कभी रुके नहीं।

प्रमाण पत्र प्राप्ति प्रक्रिया

हमारा कोर्स पूर्ण करने पर प्रदान किया जाने वाला प्रमाण पत्र आपके समर्पण और सीखे गए ज्ञान का प्रमाण है। यह प्रमाण पत्र न केवल आपके रिज्यूमे को मजबूत बनाता है, बल्कि आपको विभिन्न धार्मिक आयोजनों, मंदिरों और भक्ति समुदायों में कथा वाचन के अवसर प्रदान करने में भी सहायक होता है। प्रमाण पत्र प्राप्ति की प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और चरणबद्ध है, ताकि आप बिना किसी जटिलता के इसे प्राप्त कर सकें। नीचे विस्तृत प्रक्रिया दी गई है:

1. कोर्स की पूर्णता सुनिश्चित करें

  • समयावधि: पूरे 7 महीनों की कक्षाओं को नियमित रूप से पूर्ण करें। प्रत्येक महीने के अंत में प्रगति रिपोर्ट जमा करें, जिसमें आपके द्वारा किए गए अभ्यासों का विवरण हो।
  • न्यूनतम उपस्थिति: कुल कक्षाओं का कम से कम 80% उपस्थिति अनिवार्य है। यदि आप किसी कक्षा में अनुपस्थित रहें, तो उपलब्ध रिकॉर्डिंग्स और पीडीएफ नोट्स के माध्यम से स्व-अध्ययन करें और अगली कक्षा में रिपोर्ट करें।
  • मासिक मूल्यांकन: हर महीने के अंत में एक छोटा मूल्यांकन (जैसे श्लोक पाठ या छोटा प्रवचन) होता है, जिसे सफलतापूर्वक पास करना आवश्यक है।

2. अंतिम मूल्यांकन और प्रस्तुति

  • अंतिम सत्र: कोर्स के अंतिम महीने में एक विशेष अंतिम सत्र आयोजित किया जाता है, जहां आपको पूरे कोर्स के प्रमुख प्रसंगों पर आधारित एक पूर्ण प्रवचन प्रस्तुत करना होता है। यह प्रस्तुति जूम पर लाइव होती है और सभी सह-छात्रों तथा गुरुदेव के समक्ष की जाती है।
  • मूल्यांकन मानदंड: आपकी प्रस्तुति का मूल्यांकन निम्नलिखित आधारों पर किया जाता है:
    • सामग्री की सटीकता: श्लोकों, प्रसंगों और भागवत पुराण के मूल अर्थ की सही व्याख्या।
    • प्रस्तुति कौशल: उच्चारण, भावपूर्ण वर्णन, श्रोताओं को बांधने की क्षमता।
    • समय प्रबंधन: निर्धारित समय (लगभग 20-30 मिनट) में पूर्णता।
  • फीडबैक: गुरुदेव द्वारा तत्काल फीडबैक प्रदान किया जाता है, और यदि आवश्यक हो तो सुधार के सुझाव दिए जाते हैं।

3. प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया

  • सत्यापन: अंतिम मूल्यांकन के 7-10 दिनों के भीतर, संस्थान की टीम द्वारा आपकी प्रगति, उपस्थिति और मूल्यांकन को सत्यापित किया जाता है।
  • डिजाइन और सामग्री: प्रमाण पत्र डिजिटल और भौतिक दोनों रूपों में जारी किया जाता है। इसमें शामिल होते हैं:
    • आपका नाम, कोर्स विवरण, पूर्णता तिथि।
    • पूज्य गुरुदेव आचार्य शिवम मिश्रा जी महाराज का हस्ताक्षर और संस्थान की मुहर।
    • आपके द्वारा प्राप्त ग्रेड या “सफलतापूर्वक पूर्ण” का उल्लेख।
  • प्राप्ति माध्यम:
    • डिजिटल प्रमाण पत्र: ईमेल के माध्यम से पीडीएफ फॉर्मेट में तुरंत भेजा जाता है। आप इसे लिंक्डइन या अन्य प्लेटफॉर्म्स पर साझा कर सकते हैं।
    • भौतिक प्रमाण पत्र: यदि आप चाहें, तो पोस्ट के माध्यम से फ्रेम्ड प्रमाण पत्र (लगभग 15 दिनों में) प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए अतिरिक्त शिपिंग शुल्क लागू हो सकता है।
  • समयसीमा: सत्यापन के बाद 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी हो जाता है।

कोर्स फीस और छूट

भागवत सप्ताहिक कथा के पूरे कोर्स की फीस ₹21,000 है। हम समझते हैं कि यह निवेश आपके भक्ति मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए:

  • इंस्टॉलमेंट विकल्प: आप इसे इंस्टॉलमेंट में जमा कर सकते हैं—हर महीने थोड़ी-थोड़ी राशि देकर।
  • विशेष छूट: यदि आप गुरुकुल के छात्र हैं, पुरोहिताई का कर्म करते हैं, या संत हैं, तो आपके लिए विशेष छूट उपलब्ध है। यह छूट आपके समर्पण को सम्मान देती है।

फीस का यह मॉडल आपको बिना किसी आर्थिक बोझ के कोर्स पूरा करने में मदद करता है।

संपर्क करें और जुड़ें

यदि आप कक्षा से जुड़ना चाहते हैं, तो तुरंत हमसे संपर्क करें! आइकन पर क्लिक करके अपना नाम, पता, एड्रेस और अध्ययन विषय का फॉर्म भरें, और इसे व्हाट्सएप के माध्यम से हमें प्रेषित करें। हम जल्द ही आपके साथ जुड़ेंगे।

छात्रों के अद्भुत परिणाम

हमारे कोर्स से जुड़े छात्रों ने न केवल भागवत कथा की गहन समझ प्राप्त की है, बल्कि वे अब स्वतंत्र रूप से कथा वाचन कर रहे हैं और भक्तों को प्रेरित कर रहे हैं। यहाँ कुछ पूर्व छात्रों के अनुभवों पर आधारित हैं। ये परिणाम दर्शाते हैं कि कैसे यह प्रशिक्षण सामान्य भक्तों को कुशल कथा वाचकों में बदल देता है:-

धन्यवाद! अधिक जानकारी के लिए कॉल करें। आपका यह कदम आपको भागवत कथा के दिव्य संसार में ले जाएगा, जहां आप न केवल सीखेंगे, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी बनेंगे। जय श्री राम!

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