बूटी हरी के नाम की लिरिक्स | Booti Hari Ke Naam Ki Lyrics
यह लोकप्रिय कृष्ण भजन ‘बूटी हरी के नाम की’ भगवान के नाम की महिमा का वर्णन करता है, जहां विभिन्न देवता और भक्त हरि नाम का अमृत विभिन्न तरीकों से पीते हैं। पढ़ें पूरा भजन लिरिक्स हिंदी में और अंग्रेजी अक्षरों (रोमन) में। यह भजन पौराणिक कथाओं जैसे ब्रह्मा, शंकर, कृष्ण, शबरी, अर्जुन और हनुमान से प्रेरित है। Google पर सबसे अधिक खोजे जाने वाले भजन लिरिक्स में से एक, जो भक्ति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है।
पूरा भजन हिंदी Booti Hari Ke Naam Ki Lyrics
बूटी हरी के नाम की
बूटी हरी के नाम की सबको पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो खुद को मिटा के पी
ब्रह्मा ने चारों वेद की पुस्तक बना के पी
शंकर ने अपने शीश पर गंगा चढ़ा कर पी
बृज गोपियों ने कृष्ण को माखन खिला के पी
शबरी ने झूठे बेर अपने प्रभु को खिला के पी
पृथ्वी का भार शेष ने सिर पर उठा के पी
बाली ने चोट बाण की सीने पे खा के पी
अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत बना के पी
बजरंग बली ने रावण की लंका जला के पी
English Word Format Booti Hari Ke Naam Ki Lyrics
Booti Hari Ke Naam Ki
Booti Hari Ke Naam Ki Sabko Pila Ke Pi
Peene Ki Hai Tamanna To Khud Ko Mita Ke Pi
Brahma Ne Charon Ved Ki Pustak Bana Ke Pi
Shankar Ne Apne Sheesh Par Ganga Chadha Kar Pi
Brij Gopiyon Ne Krishna Ko Makhan Khila Ke Pi
Shabari Ne Jhuthe Ber Apne Prabhu Ko Khila Ke Pi
Prithvi Ka Bhaar Shesh Ne Sir Par Utha Ke Pi
Bali Ne Chot Baan Ki Seene Pe Kha Ke Pi
Arjun Ne Gyaan Geeta Ka Amrit Bana Ke Pi
Bajrang Bali Ne Ravan Ki Lanka Jala Ke Pi
Booti Hari Ke Naam Ki Lyrics