आनलाइन श्रीराम कथा क्लास Shri Ram Katha Class
आनलाइन श्रीराम कथा क्लास Shri Ram Katha Class श्री राम कथा कक्षा में नामांकन की सूचना नमस्कार, आप सभी को सूचित किया जाता है कि श्री राम कथा की कक्षा में शामिल होने के लिए नामांकन प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। यदि आप इस दिव्य कथा का अध्ययन करना चाहते हैं और इसके गहन […]
Banke Bihari Temple: Vrindavan
Banke Bihari Temple: Vrindavan बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में स्थित, एक विशेष धार्मिक स्थल है। यह भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर भक्तों के लिए एक बड़ा आस्था केंद्र है और श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा होती है। इस मंदिर में लोग श्री कृष्ण की पूजा में मस्त रहते हैं। यह संस्कृति और धर्म […]
कलश स्थापना विधि मंत्र kalash sthapana mantra in sanskrit
कलश स्थापना विधि मंत्र kalash sthapana mantra in sanskrit अथ कलशस्थापनं-पूजनञ्चभूमिस्पर्श: – (जहाँ कलश स्थापित करना हो वहाँ पर शुद्ध मिट्टी रखकर रोली हल्दी से अष्टदल कमल बनाकर मिट्टी का स्पर्श करें। ) ॐ मही द्यौः पृथिवी च न इमं य्यज्ञं मिमिक्षताम् । पिपृतान्नो भरीमभिः ||सप्तधान्य विकिरणम्- (मिट्टी के ऊपर सप्तधान्य (अथवा जव) – विकीर्ण करे) ॐ ओषधयः […]
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं namami shamishan lyrics in hindi
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं namami shamishan lyrics in hindi रूद्राष्टकम्नमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयंगिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।करालं महाकाल कालं कृपालंगुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरंमनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गालसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥ चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालंप्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालंप्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि […]
कलश स्थापना विधि और मंत्र kalash pujan mantra
कलश स्थापना विधि और मंत्र kalash pujan mantra वरुणकलशपूजनम् दाएं हाथ से कलश का स्पर्श करें- ॐ महीद्यौः पृथिवी च न ऽइमं यज्ञं मिमिक्षताम् । पिपृतान्नो भरीमभिः || सप्तधान्य ॐ ओषधयः समवदन्त सोमेन सह राज्ञा । यस्मै कृणोति ब्राह्मणस्तर्वं राजन् पारयामसि ॥ कलशस्थापन ॐ आजिघ्रकलशम्मह्यात्वाविशन्त्विन्दवः । पुनरूर्जानिवर्त्तस्वसानः सहस्त्रन्धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्माविशताद्रयिः ॥ कलश […]
रुक्मिणी जी का श्रीकृष्ण को प्रेम पत्र rukmani ji ka patra
रुक्मिणी जी का श्रीकृष्ण को प्रेम पत्र rukmani ji ka patra श्रुत्वा गुणान् भुवनसुन्दर शृण्वतां तेनिर्विश्य कर्णविवरैर्हरतोऽङ्गतापं।रूपं दृशं दृशिमतां अखिलार्थलाभंत्वय्यच्युताविशति चित्तमपत्रपं मे॥१ रुक्मिणीजीने कहा है— त्रिभुवनसुन्दर! आपके गुणोंको, जो सुननेवालोंके कानोंके रास्ते हृदयमें प्रवेश करके एक-एक अंगके ताप, जन्म-जन्मकी जलन बुझा देते हैं तथा अपने रूप-सौन्दर्यको जो नेत्रवाले जीवोंके नेत्रोंके लिये धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष […]
धार्मिक ज्ञान की कथा- चोर से एक महान सन्यासी बनने की कहानी dharmik gyan ki kathayen
धार्मिक ज्ञान की कथा dharmik gyan ki kathayen चोर से एक महान सन्यासी बनने की कहानी अच्छी बात की नकल से कभी-कभी अपूर्व फल की प्राप्ति होती है ¡ एक चोर आधी रात को किसी राजा के महल में घुसा और राजा को रानी से यह कहते सुना कि, मैं अपनी कन्या का विवाह उस साधु […]
श्रेष्ठ पौराणिक कथाएं- माधवदास का सख्यभाव
श्रेष्ठ पौराणिक कथाएं- माधवदास का सख्यभाव adbhut pauraanik kathaen श्री माधव दास जी का भगवान श्री कृष्ण से सख्य भाव था, अतः भगवान उनसे विविध प्रकार के विनोद पूर्ण कौतुक किया करते थे । एक दिन जब आप भगवान का दर्शन करने लगे तो देखा कि भगवान कुछ उदास हैं, आपने पूछा प्रभु आज आप […]
संकल्प मंत्र इन हिंदी puja sankalp mantra
संकल्प मंत्र इन हिंदी puja sankalp mantra संकल्प – यजमान जला- ऽक्षत-द्रव्यं चादाय सङ्कल्पं कुर्यात् । सङ्कल्पः– यजमानः दाहिने हाथ में जल, अक्षत तथा द्रव्य लेकर ‘ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः’ से ‘ग्रहशान्तिमहं करिष्ये ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्त मानस्य अद्य श्रीब्रह्मणोऽह्नि द्वितीये परार्द्ध विष्णुपदे श्री श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे युगे कलियुगे कलिप्रथमचरणे भूलोंके जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्तकदेशे (अविमुक्तवाराणसी […]
Gauri Ganesh Pujan Mantra गौरी गणेश पूजन मंत्र
Gauri Ganesh Pujan Mantra गौरी गणेश पूजन मंत्र ॥ श्री गणेशाय नमः ।। गणेश पूजन विधि मंत्र सहित सज्जनो कोई भी कार्य करने के पूर्व गणेश जी का पूजन अवश्य ही किया जाता है। प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवान हैं, छोटी पूजा से लेकर बड़ी-बड़ी पूजा यज्ञ में सर्वप्रथम गणेश पूजन ही होता है। इसलिए […]