chale yagya ki raksha karne lyrics
विवरण
यह भजन भगवान श्री राम की महिमा और उनके बाल्यकाल की वीरता को दर्शाता है, जो रघुकुल के दुलारे और दशरथ के नैनों के तारे हैं। इस भजन में भगवान राम के साथ-साथ भक्त ध्रुव और प्रह्लाद की भक्ति और प्रभु कृपा का भी उल्लेख है। यह भजन भक्ति और आध्यात्मिकता से भरा है, जो भक्तों के दिलों को छूता है और श्री राम के प्रति श्रद्धा को बढ़ाता है। इसे www.kathahindi.com पर प्रकाशित करने के लिए उपयुक्त बनाया गया है, ताकि यह गूगल सर्च में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
हिंदी भजन chale yagya ki raksha karne lyrics
चले यज्ञ की रक्षा करने
चले यज्ञ की रक्षा करने वो प्राणों के प्यारे
रघुकुल राघव राम चन्द्र दशरथ के नैनो के तारे
सोच रही थी नन्ने मुन्ने कैसे तीर चलायेगे
कैसे बड़े बड़े दुष्टों को रण में मार गिरायेगें
बालक नहीं यह रूप प्रभु का दशरथ राज दुलारे
रघुकुल राघव राम चन्द्र दशरथ के नैनो के तारे
बालक पन में भक्त ध्रुव ने हरि दर्शन को पाया था
बाल भक्त प्रह्लाद ने सत के झण्डे को फैहराया था
जली होलिका प्रभु कृपा से फूल बने अंगारे
रघुकुल राघव राम चन्द्र दशरथ के नैनो के तारे
अंग्रेजी अक्षरों में भजन chale yagya ki raksha karne lyrics
Chale yagna ki raksha karne
Chale yagna ki raksha karne wo praanon ke pyare
Raghukul Raghava Ram Chandra Dashrath ke naino ke tare
Soch rahi thi nanne munne kaise teer chalayenge
Kaise bade bade dushton ko ran mein maar girayenge
Balak nahi yeh roop prabhu ka Dashrath raj dulare
Raghukul Raghava Ram Chandra Dashrath ke naino ke tare
Balak pan mein bhakt Dhruv ne Hari darshan ko paya tha
Bal bhakt Prahlad ne sat ke jhande ko faihraya tha
Jali Holika prabhu kripa se phool bane angare
Raghukul Raghava Ram Chandra Dashrath ke naino ke tare