dhanya dhanya bhumi lyrics धन्य धन्य ब्रज भूमि कि तूने
धन्य धन्य ब्रज भूमि कि तूने
धन्य धन्य ब्रज भूमि कि तूने चरण चिन्ह जहां डाले
भाग्यवान है कृष्णा तेरे देश में रहने वाले
मै ब्रज कौ रसिया ब्रजवासी मेरौ मन कान्हा कौ दास आत्मा राधे की दासी
हृदय वृन्दावन में डोले मेरी श्वास श्वास राधे कृष्ण राधे कृष्ण बोले
इस जग को बुद्धि देने वाला बुधवार को जग में आया रे
अष्टम सन्तान का जन्मोत्सव अष्टमी को जाय मनाया रे
लेते ही जनम गोकुल की ओर आंधी पानी में धाया रे
हुआ नंद के घर आनन्द सवेरे जब मुख चन्द्र दिखाया रे
वही चन्द्र वृज चन्द्र वना और बृज में किये उजाले। भाग्यवान…
मान व्रज ने यह पाया है चारो धामो ने इसी धाम को श्रेष्ठ बताया है ।
गोपाल बना दिया गोचारण गऊँओं का मान बढ़ाने को
घर घर का माखन खाता रहा हर घर से नेह निभाने को
बरसाने वाली राधा से किया प्रेम प्रेम बरसाने को
ब्रज में आया ब्रजवासी का सर्वोत्तम गौरव पाने को
बन्दनीय है राधा वंशी यमुना गोपी ग्वाले । भाग्यवान…
मेरे भारत का क्या कहना सोने पै सुहाग है पावन ब्रजभूमि पे रहना
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