जगत प्रीत मत करियो रे jagat preet mat kariyo lyrics
जगत प्रीत मत करियो रे
जगत प्रीत मत करियो रे मनवा, जगत प्रीत मत करियो रे मनवा
भववाधा से डरियो रे मनवा
ये जग तो माया की छाया झूठी माया झूठी छाया
या पीछे मत पडियो रे मनवा ! जगत..
ये जग तो मांटी का खिलौना इस के पीछे तू मत होना
गुरू चरणा चित धरियो रे मनवा ! जगत……
ये जग तो मतलव का साथी हारे के वस हरि ही हिमाती
की सुधि न विसरियो रे मनवा! जगत…… प्रभु
इस जग में तू आया अकेला मत करियो जग में मन मैला
भव से पार उतारियो रे मनवा ! जगत……
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