कुछ ना बिगडेगा तुम्हारा हरि kuch na bigdega tumhara lyrics

कुछ ना बिगडेगा तुम्हारा हरि kuch na bigdega tumhara lyrics

कुछ ना बिगडेगा तुम्हारा हरि

कुछ ना बिगडेगा तुम्हारा हरि शरण आने के बाद

हर खुशी मिल जायेगी चरणों में झुक जाने के बाद

प्रेम की मंजिल के राही कष्ट पाते है जरूर

बीज फल देता तभी है मिट्टी में मिल जाने के बाद। कुछ…

फूल से जाकर के पूछो कैसी छाई है बहार

रात भर कांटौ में सोया डाली में आ जाने के बाद । कुछ…

देखकर काली घटा को ऐ भंवर मत हो निराश

वंद कलियां फिर खिलेंगी रात ढल जाने के बाद । कुछ…

प्रेम कर निष्काम निर्मल नाम लो घनश्याम का

सूखी बगिया फिर खिलेंगी ऋतु बदल जाने के बाद। कुछ…

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कुछ ना बिगडेगा तुम्हारा हरि kuch na bigdega tumhara lyrics

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