Monday, September 16, 2024
Homeslokaspratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

॥ हरिः ॐ तत्सत्परमात्मने नमः ।।

 

बोधवचनानि – बोधदायक वचन

1. सत्यं वद- सत्य बोलो

2. धर्मं चर- धर्म का आचरण करो

3. मातृदेवो भव- माता को देव मानो

4. पितृदेवो भव- पिता को देव मानो

5. आचार्यदेवो भव- आचार्य को देव मानो

6. अतिथिदेवो भव- अतिथि को देव मानो

7. स्वाध्यायान्मा प्रमद:- स्वाध्याय में प्रमाद मत करो

8. श्रद्धया देयम्- श्रद्धा से दो

pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

 

करदर्शनम्

कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।

करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम् ॥1॥

 

पृथ्वी का वंदन

समुद्रवसने देवि! पर्वतस्तनमण्डले।

विष्णुपनि! नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व मे॥2॥

 

जगद्गुरु श्रीकृष्ण की वन्दना

वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ।

देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।3 ।।

 

माधव का वन्दन

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्।

यत्कृपा तमहं वंदे परमानन्दमाधवम् ।।4।।

 

देवियों को प्रणाम

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।

नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम् ।।5।।

 

pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

पुण्यश्लोक

पुण्यश्लोको नलो राजा पुण्यश्लोको युधिष्ठिरः।

पुण्यश्लोका च वैदेही पुण्यश्लोको जनार्दनः।।6।।

 

सात चिरंजीवी

अश्वत्थामा बलिया॑सो हनुमांश्च विभीषणः।

कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविनः॥7॥

 

पाँच सतियाँ

अहल्या द्रौपदी सीता तारा मंदोदरी तथा।

पंच नामस्मरेन्नित्यं महापातकनाशनम् ॥8॥

 

सात मोक्षपुरियाँ

अयोध्या मथुरा माया काशी काँची अवंतिका।

पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिकाः॥9॥

 

नारायण का वंदन

नारायणं निराकारं नरवीरे नरोत्तमम्।

नृसिंह नागनाथं च तं वन्दे नरकान्तकम् ॥10॥

 

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रघुनंदन राम का वंदन

राघवं रामचन्द्रं च रावणारं रमापतिम्।

राजीवलोचनं रामं तं वन्दे रघुनंदनम् ॥11॥

 

सुप्रभात में शुभयाचना

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च।

गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥12॥

 

जय प्राप्ति

लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः।

येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः ।।20 ।।

 

सात देवता-देवियों को प्रणाम

विनायकं गुरुं भानुं ब्रह्माविष्णुमहेश्वरान् ।

सरस्वतीं प्रणम्यादौ सर्वकार्यार्थसिद्धये ॥21 ।।

 

गणपति को नमस्कार

अभीप्सितार्थसिद्ध्यर्थे पूजितो यः सुरासुरैः।

सर्वविघ्नहरस्तस्मै गणाधिपतये नमः॥22॥

 

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त्रिमूर्ति की प्रार्थना

सर्वेष्वारम्भकार्येषु त्रयस्त्रिभुवनेश्वराः।

देवा दिशन्तु नः सिद्धिं ब्रह्मेशानजनार्दनाः॥23॥

 

सात नदियों को आवाहन

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।

नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु ॥24 ।।

 

गंगाजी को नमस्कार

नमामि गंगे! तव पादपंकजम्।

सुरासुरैर्वन्दितदिव्यरूपम्।

भुक्तिं च मुक्तिं च ददासि नित्यं

भावानुसारेण सदा नराणाम् ॥25 ।।

 

सूर्य नमस्कार

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।

दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते ॥26॥

 

pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

भोजन-मन्त्र

ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविः ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।

ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं, ब्रह्म कर्म समाधिना ।।27 ।।

 

दीप दानमन्त्र

दीप ज्योतिः पर ब्रह्म, दीप ज्योति जनार्दनः।

दीपो हरतु मे पापं, दीप ज्योति नमोऽस्तुते ।।28 ।।

 

क्लेश-नाशकमन्त्र

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।

प्रणत क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः॥29 ।।

 

बाधानाशक मन्त्र

सर्वाबाधाप्रशमनं, त्रैलोक्यस्याऽखिलेश्वरी।

एवमेवत्वयाकार्य, मस्मद्वैरिविनाशनम् ।।30 ।।

 

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सन्तान प्राप्ति मन्त्र

देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।

देहि मे तनयं कृष्णं त्वामहं शरणं गतः।।31 ।।

 

विद्या-मन्त्र

सरस्वति महाभागे, वरदे कामरूपिणी।

विश्वरूपि विशालाक्षी, हे विद्या परमेश्वरी ॥32॥

 

रोग-नाशक मन्त्र

अच्युत अनंत गोविन्द नाम उच्चारण भेषजात्।

नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ॥33 ।।

pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

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