sabse unchi prem sagai lyrics in hindi
विवरण
“सबसे ऊँची प्रेम सगाई” एक लोकप्रिय भक्ति भजन है जो भगवान श्री कृष्ण और उनके भक्तों के बीच अटूट प्रेम और भक्ति को दर्शाता है। इस भजन में सूरदास जी ने प्रेम की महिमा को विभिन्न उदाहरणों जैसे विदुर, सुदामा, और गोपियों के प्रेम के माध्यम से व्यक्त किया है। यह भजन भक्ति रस से परिपूर्ण है और भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। इसे Google पर भक्ति भजनों, श्री कृष्ण भक्ति, और सूरदास भजनों के लिए खोजा जाता है। यह भजन भक्तों को प्रेम और समर्पण की भावना से जोड़ता है और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
हिंदी में भजन sabse unchi prem sagai lyrics in hindi
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खाई
जूठे फल सवरी के खाये बहु विधि करत बढाई
राजसूयज्ञ युधिष्ठर कीन्हा, तामे झूठ उठाई
प्रेम के वस अर्जुन रथ हांकौ भूल गयो ठकुराई
ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन गोपियन नाच नचाई
प्रेम के वश नृप सेवा कीन्ही आप वने हरि नाई
सूर क्रूर या लायक नाही, कहा लग करौ बडाई
अंग्रेजी अक्षरों में भजन sabse unchi prem sagai lyrics in hindi
Sabse Unchi Prem Sagai
Sabse Unchi Prem Sagai
Duryodhan Ki Meva Tyagi Saag Vidur Ghar Khaai
Joothe Phal Sabri Ke Khaaye Bahu Vidhi Karat Badhaai
Rajasuyagya Yudhishthir Kinha, Taame Jhooth Uthaai
Prem Ke Vas Arjun Rath Haanko Bhool Gayo Thakuraai
Aisi Preet Badhi Vrindavan Gopiyan Naach Nachai
Prem Ke Vash Nrip Seva Kinhi Aap Bane Hari Naai
Soor Kroor Ya Laayak Naahi, Kaha Lag Karaun Badhaai
sabse unchi prem sagai lyrics in hindi