श्रीराधे गोपाल भज मन श्री राधे shri radhe gopal bhaj man shri radhe
श्रीराधे गोपाल भज मन श्री राधे।
श्री राधे श्याम राधे आजा-आजा कृष्ण मुरारी।
पड़ी भंवर में नाव हमारी। भक्तन के प्रतिपाल भज मन श्री राधे।।१।।
द्रुपद सुता दुष्टों ने घेरी आये नाथ करी ना देरी।
तुरत लगाय चीर की ढेरी। भये वस्त्र रूप नन्दलाल, भज मन श्री राधे।।२।।
गज और ग्राह लड़े जल भीतर
गज की टेर सुनी मेरे नटवर । आये मदन गोपाल, भज मन श्रीराधे।।३।।
ब्रज वासिन के सखा दुलारे।
ब्रज गोपिन के प्राण पियारे। मन मोहन नन्दलाल, भज मन श्री राधे ।।४।।
सूर-श्याम आँखन के तारे।
दुखों के तुम हो नाशन हारे। मीरा के गिरधर लाल, भज मन श्री राधे।।५।।
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