गोकर्ण भागवत gokarna bhagwat shlok
गोकर्ण भागवत gokarna bhagwat shlok गोकर्ण भागवत देहेस्थिमांसरुधिरेभिमतिं त्यज त्वं | जायासुतादिषु सदा ममतां विमुंच || पश्यानिशम् जगदिदम क्षणभंगनिष्ठम | वैराग्यरागरसिको भव भक्तिनिष्ठ: || धर्मं भजस्व सततं त्यज लोकधर्मान | सेवस्य साधूपुरुषांजाहि काम तृष्णतां || अन्यस्य दोष गुण चिन्तन माशू मुक्त्वा | सेवाकथारसमहो नितरां पिब त्वम् || उक्त श्लोक श्री मद्भागवत महापुराण के महात्तम के […]
भजन श्यामसुन्दर का करते रहोगे/bhajan shyam sundar ka karte rahoge
भजन श्यामसुन्दर का करते रहोगे/bhajan shyam sundar ka karte rahoge भजन श्यामसुन्दर का करते रहोगे, तो संसार सागर से तरते रहोगे।। कृपानाथ केवल मिलेंगे किसी दिन, जो सत्संग पथ से गुजरते रहोगे। चढ़ोगे हृदय पर सभी के सदा तुम, तो अभिमान गिरि से उतरते रहोगे।। न होगा कभी क्लेश मनको तुम्हारे, जो अपनी बढ़ाई से […]