bhagwat katha drishtant

bhagwat katha drishtant चींटी को कणभर हाथी को मनभर

bhagwat katha drishtant चींटी को कणभर हाथी को मनभर जो मनुष्य परमात्मा का सेवक बनकर स्वयं को उनको समर्पित कर देता है वह अपनी सभी इच्छायें, सुख-सुविधायें उनके भरोसे छोड़ देता है। वह समझ लेता है कि जिसने उसे यह मनुष्य की काया दी है, उसे क्या मेरी इच्छा और सुख-सुविधा को पूर्ण करने की … Read more

दृष्टांत कथाएं /धन्य है सत्पुरषों का संग

दृष्टांत कथाएं /धन्य है सत्पुरषों का संग

दृष्टांत कथाएं माधवदास जी द्वारा बृद्धा माता को पोता प्रदान करना।  एक महात्मा थे श्री माधव दास जी महाराज, श्री वृंदावन धाम में निवास किया करते थे। एक बार श्री जगन्नाथ पुरी जा कर रहे तो वे नित्य भिक्षा के लिए जाते थे।  नारायण हरि –भिक्षां देहि कहकर भिक्षा मांगा करते थे, लोग अपना सौभाग्य मानते थे।  … Read more

prerak prasang rajeshwaranand ji धन्य है सत्पुरषों का संग

prerak prasang rajeshwaranand ji / दृष्टान्त- धन्य है सत्पुरषों का संग  माधवदास जी द्वारा बृद्धा माता को पोता प्रदान करना।  एक महात्मा थे श्री माधव दास जी महाराज, श्री वृंदावन धाम में निवास किया करते थे। एक बार श्री जगन्नाथ पुरी जा कर रहे तो वे नित्य भिक्षा के लिए जाते थे।  नारायण हरि – भिक्षां … Read more