तेरे नाम की ओढ़ चुनरिया tere naam ki odh chunariya lyrics
तेरे नाम की ओढ़ चुनरिया
तेरे नाम की ओढ़ चुनरिया, मै तो नाचूँ बीच बजार में
ऐसी हालत हो गई मेरी सवरिया के प्यार में
रंग बदलती इस दुनिया में, कोई किसी का यार नही
मतलब की है सारी दुनिया, बिन मतलव व्यवहार नही
हार चुकी हूँ मै मनमोहन, प्यार के इस व्यापार में ऐसी हालत…..
कभी तो कोई आँख दिखाता, कोई गले लगाता है –
धूप छाँव पग पग पर मिलते, सुख दु:ख आता जाता है
जीत की मुझको खुशी नही है, गम नही है हार में । ऐसी हालत….
ना मुझको दौलत कि चिंता नाहिं आस अमीरी की
ना मुझको शोहरत कि चिंता नाहिं फिकर फकीरी की
हमको तो सबकुछ ही मिला है प्रीतम के दरबार में ऐसी हालत….
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