ak din gwalin lyrics एक दिन ग्वालिन सव
एक दिन ग्वालिन सव
एक दिन ग्वालिन सव जुरनियां पकरो श्याम को
सव सखियन मिल सला किये पर श्याम हाथ नही आवै
ऐसा करौ उपाय सखीवो चोरी करतौ पावै
फिरतौ यशुदा पै लै जनिया पकरौ श्याम कौ
यशोदा पै लै जाय कै यामें लगवावैगी संन्टी
एक सखी तव यो उठ वोली छीकेते वाधौ घन्टी
चोरी करत में वजनिया पकडौ श्याम कौ
वोले श्याम घंटी से सुन तू मेरौ कहियो मत टरियौ
जव तक मै माखन नही खाऊ तव तक तू मत बजियों
माखन लेन लगे सवरिया पकरो श्याम कौ
माखन लैकें हाथ पै धरलियो मन में है रहे राजी
जवही माखन मुख में दीनो तव ही घन्टी वाजी
गोपिन पकरे है कन्हैया पकरौ श्याम कू
क्यौरी घन्टी नाही करी पर तूतौ नैक डरैना
घन्टी बोली सुनौ श्याम घन्टी बिन भोग लगैना
तौ मरियादा रखनियां पकरौ श्याम कू
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com