भगवान की पौराणिक कथाएं- ईश्वर जो कुछ करता है उसमें अच्छा ही है । bhagavan ke pauraanik kathaen

भगवान की पौराणिक कथाएं bhagavan ke pauraanik kathaen

ईश्वर जो कुछ करता है उसमें अच्छा ही है ।

एक राजा साहब के सामने तलवार आई वो देखने लग गए  इसकी धार कैसी है तो उनका अगूठा ही कट गया , जब कट गया अंगूठा तो मंत्री महोदय के मुख से निकला कि जो हुआ सो अच्छा हुआ । राजा को बड़ा क्रोध आया कि हमारा तो अंगूठा कट गया और यह पट्ठा बोल रहा है कि अच्छा हुआ उसको जेल में डालो, तो तुरंत उसको जेल में भेज दिया गया ।

कुछ महीने में अंगूठा अच्छा हो गया वे कहीं घूमने फिरने के लिए गए और वहां उनको डाकू ने पकड़ लिया कि राजा का बलिदान करेंगे इससे बड़ा फायदा होगा जब उनको स्नान कराकर वस्त्र आभूषण पहना कर देवी के सामने ले गए तब बलिदान करने वाले पुरोहित ने कहा कि इस प्रणी का तो अंगूठा ही नहीं है, अंग भंग है बलि देने लायक नहीं है ।

 जो सर्वांग पूर्ण होता है उसकी बलि होती है , तो राजा बच गए । राजा को ख्याल आया कि मंत्री ने उस दिन कहा था कि जो हुआ अच्छा हुआ लौटकर घर में आए जेल खाने गए मंत्री को छुड़ाया और उससे बोले कि तुमने बिल्कुल ठीक कहा था कि मेरा अंगूठा कट गया तो अच्छा हुआ, अंगूठा तो कट गया सिर बच गया बहुत अच्छा हुआ – बहुत अच्छा हुआ !

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लेकिन अब तुम यह बताओ कि तुम तो जेल में डाले गए तो तुम्हारे साथ कैसे अच्छा हुआ, तो मंत्री ने कहा कि महाराज हम जेल में ना होते तो हम भी आपके साथ जाते और आपका सिर तो बच जाता और हमारा कट जाता । देखो ईश्वर ने एक को जेल में डाल कर उसका अच्छा किया और एक का अगूंठा काटकर उसका अच्छा किया , ईश्वर जो कुछ करता है उसमें अच्छा ही है ।

स देवो यदेव कुरुते तदेव मङ्गलाय । वह परमेश्वर जो करता है उसमें हमारा मंगल है , जिस दिन भूखे रहते रखता है उस दिन भी मंगल है , जिस दिन चोट लगती है उस दिन भी मंगल है, जिस दिन कोई मरता है उस दिन भी मंगल है, जिस दिन कोई बिछड़ता है उस दिन भी मंगल है , जिस दिन हमारे मन के खिलाफ होता है उस दिन भी मंगल है ।

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