chhod vrinda vipin छोड वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना
छोड वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना
छोड वृन्दा विपिन कुञ्ज यमुना पुलिन श्याम मधुवन चले
मात यशुदा पिता नंद व्याकुल भये सब रोवे हमारे कन्हैया गये
छोड सबसे लगन प्राण जीवन हरण ! श्याम मधुवन चले…
क्रूर अक्रूर ब्रज चन्द्र कू ले गयो, मेरी भोरी किशोरी कू दुख दे गयो
अब करै कहा यतन जो मिलै नद नंदन ! श्याम मधुवन चले…
हाय मोहन बिना चैन कैसे परे कौन नवनीत माखन की चोरी करे
गैइया करती रुदन धूल छाई गगन! श्याम मधुवन चले……..
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