fulo me saj rahe hai lyrics फूलो में सज रहे है
फूलो में सज रहे है श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही है वृष भानु की दुलारी
टेडा सा मुकुट सिर पर रख्खा है किस अदा से
करूणा वरस रही हैं करूणा भरी निगाह से
विन मोल विक्र गये है जब से छवि निहारी
वहिंया गले में डाले जव दौनौ मुस्कुराते
सवको ही प्यारे लगते सबके ही मन को भाते
इन दोनों पे में सदके इन दौनों पे मे वारी
चुन चुन के कलियां जिसने वंगला तेरा बनाया
दिव्य आभूषणों से जिसने तुम्हें सजाया
उन हाथों पे में सद के उन हाथौ पे में वारी
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