ganapati stotram lyrics  श्री गणेश का लोकप्रिय संकटनाशन स्तोत्र

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श्री गणेश का लोकप्रिय संकटनाशन स्तोत्र

भगवान गणेश हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं और विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं। वे विभिन्न कठिनाइयों और बाधाओं के नाशक और समस्याओं के समाधानकारी माने जाते हैं। भगवान गणेश को पहले ही पूजन किया जाता है जब कोई धार्मिक अथवा आचरण कार्य शुरू किया जाता है, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा या अशुभता से बचा जा सके। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों पर विशेष रूप से उनका पूजन किया जाता है। ganapati stotram lyrics

गणेश का रूप हाथी के समान होता है और उनके पास एक मुख, एक छड़ी, एक वामकेश्वर और चंद्रमा की मुद्रा होती है। उनके पूजन मंत्र और कथाएं भारतीय सांस्कृतिक धर्म में महत्वपूर्ण हैं और उन्हें विघ्नहर्ता के रूप में समर्पित किया जाता है।


भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, विद्यादाता हैं, धन-संपत्ति देने वाले हैं. इस तरह गौरीपुत्र गणपति जीवन की हर परेशानी को दूर करने वाले हैं
 
॥ श्री गणेशायनमः ॥नारद उवाच –
 
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥
 
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥
 
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥
 
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥
 
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
 
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
 
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥
 
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥
 
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

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श्री गणेश का लोकप्रिय संकटनाशन स्तोत्र


भगवान गणेश हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं। वे विघ्नहर्ता, विद्या के पति, और बुद्धि के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। गणेश को गजानन, विघ्नेश्वर, वक्रतुण्ड, और विनायक भी कहा जाता है। ganapati stotram lyrics

गणेश के रूप में एक मुख, एक छड़ी, एक वामकेश्वर, और चंद्रमा की मुद्रा होती है। उनके पास एक हाथी के समान मुख्य स्वरूप होता है जो विचारशीलता और बुद्धि का प्रतीक होता है। गणेश विभिन्न आसनों में पूजे जाते हैं, और उनके पूजन के अनेक मंत्र और कथाएं हैं जो उनके भक्तों द्वारा प्रतिदिन और विशेषकर गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों पर उच्चरण की जाती हैं। ganapati stotram lyrics

गणेश विघ्नों को हरने वाले और सफलता की प्राप्ति में सहायक होते हैं, इसलिए उन्हें आदरपूर्वक पूजा जाता है और उनके बिना कोई कार्य शुरू नहीं किया जाता है। ganapati stotram lyrics

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