मैली चादर ओढि के कैसे maili chadar odh ke kaise lyrics
मैली चादर ओढि के कैसे
मैली चादर ओढ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊ
हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊ
तुमने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया
आकर के संसार में मैंने इसको दाग लगाया
जनम जनम की मैली चादर कैसे दाग छुडाऊ
निर्मल वाडी पाकर तुझसे नाम न तेरा गाया
नयन मूद कर है परमेश्वर कभी न तुमको ध्याया
मन वीडा की तारें टूटी अव क्या गीत सुनाउ ।
नेक कमाई करी न कोई जग की माया जोडी
जोड के नाते इस दुनियां के तुम संग प्रीती तोडी
करम गठरिया सिर पर रख कर पग भी चल न पाऊ
इन पैरौ से चलकर तेरे मन्दिर कभी न आया
जहां जहां हो पूजा तेरी कभी न शीश झुकाया
हे हरि हर में हार गया अब क्या हार चडाऊ
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