मुकुट सिर मोर का mukut sir mor ka lyrics
मुकुट सिर मोर का मेरे
मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का
दो नैना सरकार के, कटीले है कटार से
कमल लजाये तेरे नैनो को देख के
घूरी घटायें तेरे कजरे की रेख पे
ये मुखडा निहार के सौ चाँद गये वार के ! दो नैना…
कुर्वान जाऊ तेरी वांकी अदाओं पे
पास मेरे आजा भरलू तोह वाहो में
जमाने को विसार के दिलौया तोपै वार के ! दो नैना
बांके विहारी नही तुलना तुम्हारी
तुमसा ना पहले कोई ना देखा अगाडी
दीवानो ने विचार के कहा ये पुकार के! दो नैना
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com