bhagwat mahapuran hiश्रीमद् भागवत महापुराण

bhagwat mahapuran hindi

 bhagwat mahapuran hindi /श्रीमद् भागवत महापुराण [ अथ सप्तमो अध्यायः ] दक्ष यज्ञ की पूर्ति- ब्रह्मा जी के कहने पर शिवजी दक्ष यज्ञ में पहुंचे और बोले भग देवता मित्र देवता के नेत्रों से अपना यज्ञ भाग देखें, पूषा देवता यजमान के दातों से खाएं, दक्ष का सिर जल गया है अतः उसे बकरे का सिर … Read more

Story of Srimad Bhagwat /श्री भागवत महापुराण

Story of Srimad Bhagwat

Story of Srimad Bhagwat /श्री भागवत महापुराण द्वितीय दिवस की कथा ( अथ द्वाविंशो अध्यायः ) देवहूति के साथ कर्दम प्रजापति का विवाह- मनु जी बोले- हे मुनि ब्राह्मणों को ब्रह्मा ने अपने मुख से प्रगट किया है फिर आपकी रक्षा के लिए अपनी भुजाओं से हम क्षत्रियों को उतपन्न किया है, इसलिए ब्राम्हण उनका हृदय … Read more

sampurna bhagwat puran /सम्पूर्ण भागवत महापुराण

sampurna bhagwat puran

sampurna bhagwat puran /सम्पूर्ण भागवत महापुराण                                                      श्री मद्भागवत महापुराण सप्ताहिक कथा ( अथ पंचमो अध्यायः ) विदुर जी का प्रश्न और मैत्रेय जी का सृष्टि क्रम वर्णन— भागवत,श्लोक-3.5.2 संसार … Read more

bhagwat katha drishtant

bhagwat katha drishtant चींटी को कणभर हाथी को मनभर

bhagwat katha drishtant चींटी को कणभर हाथी को मनभर जो मनुष्य परमात्मा का सेवक बनकर स्वयं को उनको समर्पित कर देता है वह अपनी सभी इच्छायें, सुख-सुविधायें उनके भरोसे छोड़ देता है। वह समझ लेता है कि जिसने उसे यह मनुष्य की काया दी है, उसे क्या मेरी इच्छा और सुख-सुविधा को पूर्ण करने की … Read more

दृष्टांत कथाएं /धन्य है सत्पुरषों का संग

दृष्टांत कथाएं /धन्य है सत्पुरषों का संग

दृष्टांत कथाएं माधवदास जी द्वारा बृद्धा माता को पोता प्रदान करना।  एक महात्मा थे श्री माधव दास जी महाराज, श्री वृंदावन धाम में निवास किया करते थे। एक बार श्री जगन्नाथ पुरी जा कर रहे तो वे नित्य भिक्षा के लिए जाते थे।  नारायण हरि –भिक्षां देहि कहकर भिक्षा मांगा करते थे, लोग अपना सौभाग्य मानते थे।  … Read more

prerak prasang rajeshwaranand ji धन्य है सत्पुरषों का संग

prerak prasang rajeshwaranand ji / दृष्टान्त- धन्य है सत्पुरषों का संग  माधवदास जी द्वारा बृद्धा माता को पोता प्रदान करना।  एक महात्मा थे श्री माधव दास जी महाराज, श्री वृंदावन धाम में निवास किया करते थे। एक बार श्री जगन्नाथ पुरी जा कर रहे तो वे नित्य भिक्षा के लिए जाते थे।  नारायण हरि – भिक्षां … Read more

कहानी जीवन की सच्चाई

दृष्टांत – ( 1 ) एक ब्राह्मण और एक सन्यासी सांसारिक और धार्मिक विषयों पर बातचीत करने लगे, सन्यासी ने ब्राह्मण से कहा बच्चा इस संसार में कोई किसी का नहीं है | ब्राह्मण इसको कैसे मान सकता था वह तो यही समझता था कि अरे मैं तो दिन रात अपने कुटुंब के लोगों के … Read more