bhagwat katha saransh /20
bhagwat katha saransh [ अथ पंचमोऽध्यायः ] गौकल मे भगवान का जन्म महोत्सव-श्रीशुकदेवजी बोले परीक्षित् वसदेवजी जब बालक को सुला बालिका को लेकर चले गए तब भी यशोदा को पता नही चला कि उसके बालक हुआ है या बलिका प्रात: नन्दजी की बड़ी बहिन सनन्दाजी ने देखाकि यशोदा के पास एक सुन्दर बालक सो रहा […]
bhagwat katha in hindi/18
bhagwat katha in hindi अथ नवम स्कन्ध प्रारम्भ [ अथ प्रथमोऽध्यायः ] वैवस्वत मनु के पुत्र सुद्युम्न की कथा-श्रीशुकदेवजी बोलेपरीक्षित! अब तुम्हे सातवें वैवस्वत मनु का वंश सुनाते है सूर्य पुत्र श्राद्वदेव ही वैवस्वत मनु थे श्राद्धदेव की पत्नि श्रद्धा के जब कोई संतान नहीं हुई कुलगुरु वशिष्ठजी ने संतान के लिए मित्रवरुण नामक यज्ञ […]
Bhagwat katha in hindi/17भागवत कथा
Bhagwat katha in hindi [ अथ दशमोऽध्यायः ] देवासुर संग्राम-श्रीशुकदेवजी बोले-परीक्षित्! सांपों को दूध पिलाने से कोई लाभ नही ऐसा विचार भगवान ने राक्षसों को अमृत नहीं दिया भगवान से विमुख कोई अलभ्य वस्तु प्राप्त कर भी कैसे सकता हैं। देवताओं को अमृत पिलाकर भगवान अन्तर्ध्यान हो गए। जब राक्षसों ने देखा कि उनके साथ […]
भागवत सप्ताहिक कथा shrimad bhagwat katha in hindi-4
shrimad bhagwat katha in hindi ( अथ नवमो अध्याय: ) भगवान श्री कृष्ण ने देखा कि बहुत समझाने के बाद भी युधिष्ठिर का शोक दूर नहीं हो रहा है बे उन्हें लेकर पितामह भीष्म के पास गए, अन्य ऋषि गण भी वहां आए पितामह ने ऋषियों को तथा भगवान को प्रणाम किया | पांडवों को […]