bhagwat katha saransh /20

bhagwat katha saransh

bhagwat katha saransh [ अथ पंचमोऽध्यायः ] गौकल मे भगवान का जन्म महोत्सव-श्रीशुकदेवजी बोले परीक्षित् वसदेवजी जब बालक को सुला बालिका को लेकर चले गए तब भी यशोदा को पता नही चला कि उसके बालक हुआ है या बलिका प्रात: नन्दजी की बड़ी बहिन सनन्दाजी ने देखाकि यशोदा के पास एक सुन्दर बालक सो रहा … Read more

bhagwat katha saransh in hindi/19

bhagwat katha saransh in hindi

bhagwat katha saransh in hindi [ अथ द्वादशोऽध्यायः ] इक्ष्वाकु वंश के शेष राजाओं का वर्णन-मनु पुत्र इक्ष्वाकु का वंश बड़ा ही पवित्र है इसमें बड़े-बड़े प्रतापी राजा हुए उनका वंश अब तक भी चल रहा है क्यों न हो जहाँ साक्षात् रामजी प्रकट हुए हों। इति द्वादशोऽध्यायः     [ अथ त्रयोदशोऽध्यायः ] राजा … Read more

bhagwat katha hindi story/15भागवत कथा

bhagwat katha hindi story

bhagwat katha hindi story [ षष्ठम स्कन्ध ] ( अथ दशमो अध्यायः ) देवताओं द्वारा दधीचि ऋषि की अस्थियों से वज्र निर्माण और वृत्तासुर की सेना पर आक्रमण- भगवान की ऐसी आज्ञा सुन देवता दधीचि ऋषि के पास पहुंचे और उनसे उनकी अस्थियों की याचना की, ऋषि ने भगवान की आज्ञा जान योगाग्नि से अपना शरीर … Read more

 bhagwat mahapuran hiश्रीमद् भागवत महापुराण

bhagwat mahapuran hindi

 bhagwat mahapuran hindi /श्रीमद् भागवत महापुराण [ अथ सप्तमो अध्यायः ] दक्ष यज्ञ की पूर्ति- ब्रह्मा जी के कहने पर शिवजी दक्ष यज्ञ में पहुंचे और बोले भग देवता मित्र देवता के नेत्रों से अपना यज्ञ भाग देखें, पूषा देवता यजमान के दातों से खाएं, दक्ष का सिर जल गया है अतः उसे बकरे का सिर … Read more

Bhagwat Katha in Hindi

Bhagwat Katha in Hindi

Bhagwat Katha in Hindi                                       श्री मद भागवत महापुराण सप्ताहिक कथा ( अथ द्वितीयो स्कन्ध प्रारम्भ ) अथ प्रथम अध्याय: भागवत,श्लोक-2.1.1हे राजा परीक्षित लोकहित में किया हुआ प्रश्न बहुत उत्तम है , मनुष्य के लिए  जितनी भी बातें … Read more

भागवत कथा-2/sampurna bhagwat katha in hindi

sampurna bhagwat katha in hindi

( अथ तृतीयो अध्यायः ) नारद जी बोले मैं  ! ज्ञान बैराग और भक्ति के कष्ट निवारण हेतु ज्ञान यज्ञ करूंगा , हे मुनि आप उसके लिए स्थान बताएं कुमार बोले गंगा के किनारे आनंद नामक तट है वहीं ज्ञान यज्ञ करें इस प्रकार कह कर सनकादि नारद जी के साथ गंगा तट पर आ गए| … Read more