bhagwat puran adhyay -5
bhagwat puran adhyay भागवत पुराण कथा भाग-5 सबकोई अपना ही पेट भरने या अपना पोषण में लगा है। पाखण्ड निरताः सन्तो विरक्ताः सपरिग्रहाः ।। साधु-सन्त विलासी, पाखण्डी, दम्भी, कपटी आदी हो गये हैं। तपसि धनवंत दरिद्र गृही । कलि कौतुक तात न जात कही ।। इधर गृहस्थ भी अपने धर्म को भूल गये हैं … Read more