bhagwat puran adhyay -5

bhagwat katha dijiye

bhagwat puran adhyay   भागवत पुराण कथा भाग-5 सबकोई अपना ही पेट भरने या अपना पोषण में लगा है। पाखण्ड निरताः सन्तो विरक्ताः सपरिग्रहाः ।। साधु-सन्त विलासी, पाखण्डी, दम्भी, कपटी आदी हो गये हैं। तपसि धनवंत दरिद्र गृही । कलि कौतुक तात न जात कही ।। इधर गृहस्थ भी अपने धर्म को भूल गये हैं […]

bhagwat katha saransh /20

bhagwat katha saransh

bhagwat katha saransh [ अथ पंचमोऽध्यायः ] गौकल मे भगवान का जन्म महोत्सव-श्रीशुकदेवजी बोले परीक्षित् वसदेवजी जब बालक को सुला बालिका को लेकर चले गए तब भी यशोदा को पता नही चला कि उसके बालक हुआ है या बलिका प्रात: नन्दजी की बड़ी बहिन सनन्दाजी ने देखाकि यशोदा के पास एक सुन्दर बालक सो रहा […]

bhagwat katha saransh in hindi/19

bhagwat katha saransh in hindi

bhagwat katha saransh in hindi [ अथ द्वादशोऽध्यायः ] इक्ष्वाकु वंश के शेष राजाओं का वर्णन-मनु पुत्र इक्ष्वाकु का वंश बड़ा ही पवित्र है इसमें बड़े-बड़े प्रतापी राजा हुए उनका वंश अब तक भी चल रहा है क्यों न हो जहाँ साक्षात् रामजी प्रकट हुए हों। इति द्वादशोऽध्यायः     [ अथ त्रयोदशोऽध्यायः ] राजा […]

bhagwat katha hindi story/15भागवत कथा

bhagwat katha hindi story

bhagwat katha hindi story [ षष्ठम स्कन्ध ] ( अथ दशमो अध्यायः ) देवताओं द्वारा दधीचि ऋषि की अस्थियों से वज्र निर्माण और वृत्तासुर की सेना पर आक्रमण- भगवान की ऐसी आज्ञा सुन देवता दधीचि ऋषि के पास पहुंचे और उनसे उनकी अस्थियों की याचना की, ऋषि ने भगवान की आज्ञा जान योगाग्नि से अपना शरीर […]

bhagwat puran in hindi/भागवत महापुराण सप्ताहिक कथा

bhagwat puran in hindi

bhagwat puran in hindi श्री मद भागवत महापुराण सप्ताहिक कथा ( अथ अष्टमो अध्यायः ) राजा परीक्षित के विविध प्रश्न— भागवत,श्लोक-2.8.1-2 राजा परीक्षित ने पूछा – भगवन आप वेद वेत्ताओं में श्रेष्ठ हैं | मैं आपसे यह जानना चाहता हूं कि जब ब्रह्माजी ने निर्गुण भगवान के गुणों का वर्णन करने को कहा तब उन्होंने […]

भागवत महापुराण सप्ताहिक कथा-3/bhagwat puran in hindi

भागवत महापुराण सप्ताहिक कथा-3/bhagwat puran in hindi

( अथ प्रथमो अध्यायः ) मंगलाचरण श्लोक- 1,1,1-2-3 bhagwat puran in hindi सृष्टि की रचना उसका पालन तथा संघार करने वाला परमात्मा जो कण-कण में विद्यमान है जो सबका स्वामी है जिसकी माया से बड़े-बड़े  ब्रह्मा आदि देवता भी मोहित हो जाते हैं | जैसे तेज के कारण मिट्टी में जल का आभास होता है […]