tero sab sankat mit jaye lyrics तेरो सब संकट मिट जाय
तेरो सब संकट मिट जाय
तेरो सब संकट मिट जाय, तू पूजा कर गोवर्धन की। ।
तेरो जनम-मरण मिट जाय, तोहे नन्दलाला मिल जाये ॥
सबमिलि प्रणाम पहिले कीजै, गिरिराज हृदय में धर लीजै ।
चलों मन में प्रेम बढायें, शोभा निरखो या बनकी ॥
आगे पूँछरी कौ लौठा है, जो खाय खाय भयौ सिलौटा है।
करौ सब प्रणाम सिरनाम, जो रक्षा करें अपने जनकी ॥
है मुखारबिन्द की यह झाँकी, याके मुकुट लकुट भ्रकुटी बांकी।
यापै दूध की धार चढ़ाय, इच्छा पूरण होवे मनकी ॥
अब राधा कुण्ड स्नान करौ, मन श्रीराधा को ध्यान धरौ ।
जो इनकी शरण में आय, सब व्याधि मिटै तनकी मनकी ॥
परिक्रमा पूर्ण भई पूर्णकाम, नन्दबाबा के संग मधुप श्याम।
कर जोडौ शीश नवाय, आरम्भ करो विधि पूजन की
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