udho mohi braj bisrat nahin ऊधो मोहि ब्रज विसरत नाहीं

udho mohi braj bisrat nahin ऊधो मोहि ब्रज विसरत नाहीं

ऊधो मोहि वृज

ऊधो मोहि ब्रज विसरत नाहीं ।

हंससुता की सुन्दर कलरव उरु तरुवरकी छाहीं ॥

वे सुरभी वे बच्छ दोहनी खिरक दुहावन जाहीं ।

ग्वाल बाल सब करत कुलाहल नाचत दै गलवाहीं ॥

यह मथुरा कंचन की नगरी मनि-मुक्त जि हि माहीं ।

जबहिं सुरत आवत वा सुख की जिया उमगत सुध नाहीं।

अनगिन भाँति करी बहु लीला जसुदा – नंद निबाही ।

सूरदास प्रभु रहे मौन मह यह कह कह पछिताहीं ॥

bhajan krishna bhajan odia bhajan shiv bhajan mata ke bhajan mata rani ke bhajan ram bhajan khatu shyam ke bhajan, hindi bhajan, krishna bhajan lyrics, bhole baba ke bhajan, bhajan aarti, bhajan audio, bhajan anuradha paudwal, bhajan acche wale, bhajan app, bhajan all, bhajan albums, bhajan ashutosh shashank shekhar, anup jalota bhajan, aarti bhajan,

www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com

क्ति भाव के सर्वश्रेष्ठ भजनों की लिस्ट देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करेंभक्ति भाव के सर्वश्रेष्ठ भजनों का संग्रह

udho mohi braj bisrat nahin ऊधो मोहि ब्रज विसरत नाहीं

यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने मित्रों के साथ भी साझा करें |

Leave a Comment