भरदे रे श्याम झोली भर दे bharde shyam jholi bharde
भरदे रे श्याम झोली भर दे
भरदे रे श्याम झोली भर दे भर दे ना वहला वातौ में
पढ़ ले रे श्याम तू तो पढ़ ले पढले क्या लिख्खा है आंखौ में
दिन वीते वीती रातें अपनी कितनी हुई मुलाकातें
तुझे जाना पहचाना तेरे झूठे हुये सारे वादे
भूले रे श्याम तुम तो भूले भूले क्या रख्खा है वादौ में। भरदे….
नादान है अन्जान है श्याम तू ही मेरा भगवान है
तूझे चाहूं तुझे पाऊ मेरे दिल का यही अरमान है
ले ले रे श्याम अव तो लेले लेले मेरा हाथ हाथों में । भरदे ….
मेरी नैइया ओ कन्हैयां पार कर दे तू वन के खिवैया
मुझे आस है विश्वास है कान्हा भर देगा तू दामन मेरा
झूमे रे श्याम अवतो झूमे झूमे मेरा मन चरणौ में । भरदे….
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