गणेश पूजन विधि मंत्र सहित gauri ganesh pujan vidhi
अथ देवपूजापद्धतिः प्रारम्भः
प्रात:काल स्नान सन्ध्योपासनादि नित्यकर्म के पश्चात् अथवा शुभ मुहूर्त में सपत्नीक यजमान शुद्धवस्त्र धारण कर ऊन या कुशा के आसन पर पूर्वाभिमुख बैठकर, दीप जलाकर गायत्री या इस मन्त्र से शिखा – बन्धन करे –
यजमान के ललाट पर तिलक करें-
बाह्याभ्यन्तरशुद्धिः
बायें हाथ में जल लेकर दायें हाथ से अपने ऊपर जल छिड़कते हुए निम्नलिखित मन्त्र पढ़ें-
जल छिड़क कर इस मन्त्र से आसन शुद्धि करें।
आसन के नीचे ॐ भूर्भुवः स्वः शक्राय नमः बोलकर जल से त्रिकोण लिखकर मस्तक पर लगावें ।
gauri ganesh pujan vidhi mantra
पवित्रीधारणम्
दाहिनी अनामिका में दो कुश की तथा बायीं में तीन की पवित्री धारण करें –
स्वस्तिवाचनम्
कर्मपात्र के नीचे चावल तथा उसके जल में गन्ध अक्षत पुष्प डालकर वरुण और गंगादि नदियों का आवाहन करें ।
gauri ganesh puja vidhi in hindi
दाहिने हाथ में जल, चन्दन, चावल, पुष्प और दक्षिणा लेकर सङ्कल्प करें ।
budhwar ganesh puja vidhi |
सङ्कल्पः
ब्राह्मण शर्माहं, क्षत्रिय वर्माहं, वैश्य गुप्तोहं इस प्रकार बोले । दूसरे के लिये किया जाये तो ( अमकनाम्नः प्रतिनिधिभूतोऽहं ) तथा ‘करिष्यामि कहें।
गौरी गणेश पूजा विधि इन हिंदी
पुनः जल लेकर कर्मांग देवताओं के पूजन का संकल्प करें-
तदङ्गत्वेन गणपतिपूजनं कलशार्चनं स्वस्तिपुण्याहवाचनं मातृकापूजनं नान्दीश्राद्धम् आचार्यादिवरणानि अग्निस्थापनपूर्वकं सूर्यादिनवग्रहाणां स्थापनं पूजनं च करिष्ये ।
तत्रादौ दीपपूजनं शंखघण्टार्चनं दिग्रक्षणं च करिष्ये ।
दीपपूजनम्
शंखपूजनम्
ॐ भूर्भुवः स्वः शंखस्थदेवतायै नमः आवाहयामि । सर्वोपचारार्थे गन्धाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि नमस्करोमि ।।
प्रार्थना
घण्टापूजनम्
gauri ganesh pujan kaise karen
गणपतिपूजनम्
आवाहनम् पूगीफल ( मौली लपेटी हुई सुपारी) में- अक्षत पुष्प से महागणपति का आवाहन करें-
आसनम् (हाथ में फूल लेकर )
ganesh gauri pujan mantra
गौरी गणेश पूजन की विधि
शुद्धोदकस्नानम्’
वस्त्रम्
gauri ganesh pujan
यज्ञोपवीतम्
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गन्धम्
gauri ganesh pujan mantra
पुष्पम्
ॐ भू० सिद्धिबुद्धिसहिताय श्रीमन्महागणपतये नमः। धूपम् आघ्रापयामि ।।
shri ganesh pujan vidhi
नैवेद्यम्
ऋतुफलम्
नीराजनम्
गणेश गौरी पूजन विधि
मन्त्रपुष्पम्
प्रार्थना