ईश्वर पर विश्वास की कहानी- छड़िक वैराग्य- दो भक्तों की तपस्या dharmik kahani story in hindi

Share This Post

ईश्वर पर विश्वास की कहानी- dharmik kahani story in hindi

छड़िक वैराग्य– दो भक्तों की तपस्या

एक गांव में दो व्यक्ति थे वह अच्छे मित्र थे जो भी करते एक साथ ही करते थे दोनों घर गृहस्ती वाले थे, एक बार वे दोनों घर गृहस्थी से परेशान हो गए और दोनों घर से वन जाकर भगवान का भजन करने का विचार बनाया और दोनों प्राणी अपना जरूरी सामान लेकर वन की ओर निकल पड़े ।

वन में जाकर एक व्यक्ति बरगद के नीचे आसन लगाया दूसरा पीपल के वृक्ष के नीचे आसन लगाया, एक दिन उसी वन से देवर्षि नारद गुजरे दोनों ने निवेदन किया कि हे देवर्षि आप भगवान के पार्षद हैं आप हमारा छोटा सा संदेश प्रभु के पास पहुंचा दीजिए, उनसे कहिएगा कि भगवान दो भक्त अपना घर बार छोड़कर वन में आप का भजन कर रहे हैं उन्हें आप दर्शन कब दोगे ।

देवर्षि भगवान से बताया तो भगवान ने कहा कि देवर्षि उनसे जाकर कह देना कि जितने पीपल में पत्ते हैं उतने वर्ष बाद और बरगद वाले से कह देना बरगद में जितने उसके फल हैं उतने वर्ष बाद में उन्हें दर्शन दूंगा, देवर्षि नारद आए और सबसे पहले बरगद के नीचे बैठे भक्त को बताया कि भगवान ने कहा है कि मैं दर्शन दूंगा पर इस बरगद में जितने फल है उतने बरसो बाद ।

तो उस व्यक्ति के होश उड़ गए वह अपना बोरिया बिस्तर बांधा और देवर्षि नारदजी से कहने लगा महाराज इससे बढ़िया तो घर जा रहा हूं वहां मेरे पुत्र पत्नी मेरा इंतजार कर रहे होंगे ,उसका क्षणिक बैराग था तो वह भाग गया ।

dharmik kahani story in hindi
dharmik kahani story in hindi, dharmik kahani story in hindi, dharmik kahani story in hindi, dharmik kahani story in hindi, dharmik kahani story in hindi, dharmik kahani story in hindi, 
  1. धार्मिक कहानियाँ
  2. दुर्गा-सप्तशती
  3. विद्यां ददाति विनयं
  4. गोपी गीत लिरिक्स इन हिंदी अर्थ सहित
  5. भजन संग्रह लिरिक्स 500+ bhajan 
  6. गौरी, गणेश पूजन विधि वैदिक लौकिक मंत्र सहित
  7. कथा वाचक कैसे बने ? ऑनलाइन भागवत प्रशिक्षण

अब देवर्षि दूसरे व्यक्ति के पास आए और कहने लगे हां भाई भगवान ने संदेश भेजा है कि मैं दर्शन तो दूंगा पर पीपल में जितने पत्ते हैं इतने वर्षों बाद दर्शन दूंगा, उस व्यक्ति ने जैसे ही यह सुना कि भगवान मुझे दर्शन देने के लिए बोले हैं भाव विभोर होकर नाचने लगा ।

दें कहिन ता द्याबय करिहैं ।राम खबरिया ल्याबय करिहैं ।।

और मगन हो गया नाचने में उसी समय भगवान वहीं प्रकट हो गए और भक्त के साथ नाचने लगे, भक्त ने परमात्मा का साक्षात्कार करके कृतकृत्य हो गया ।

देवर्षि नारद ने कहा प्रभु आप भी बड़े झूठे हैं अभी-अभी आपने कहा कि जितने पीपल के वृक्ष में पत्ते हैं उतने वर्ष बाद दर्शन दूंगा और आप तो पल भर में प्रकट हो गए, परमात्मा ने कहा देवर्षि मुझे प्राप्त करने का एकमात्र साधन है श्रद्धा और विश्वास अगर भक्त की सच्ची श्रद्धा और विश्वास है तो मुझे प्राप्त करना एकदम सरल है मै छिन मे प्रकट हो जाता हूँ ।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा प्राप्त होती है कि हम कोई भी कार्य करें उस पर पूर्ण विश्वास रखें और श्रद्धा के साथ उस कार्य को करें वह जरूर पूर्ण होगा जरूर सफल होगा ।

यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने मित्रों के साथ भी साझा करें |
spot_img

Related Posts

Shiv Puran Katha Notes: Essential Hindu Scripture

Shiv Puran Katha Notes: Essential Hindu Scripture शिव पुराण हिंदू...

रामायण सार- मंगलाचरण ramayan sar hindi

रामायण सार- मंगलाचरण ramayan sar hindi बंदना * नमामि भक्त वत्सलं...

भागवत कहां सिखाई जाती है bhagwat katha classes

भागवत कहां सिखाई जाती है bhagwat katha classes भागवत श्री...

भागवत सप्ताहिक कथा bhagwat saptahik katha PDF

भागवत सप्ताहिक कथा bhagwat saptahik katha PDF     भागवत सप्ताहिक कथा:...

श्री राम कथानक Ram katha Notes

श्री राम कथानक Ram katha Notes   श्री राम कथा, जिसे...

bhagwat bhajan lyrics pdf भागवत भजन माला

bhagwat bhajan lyrics pdf भागवत भजन माला   भागवत भजन माला...
- Advertisement -spot_img