gopi geet lyrics in hindi

gopi geet lyrics in hindi

gopi geet lyrics in hindi अथैकत्रिंशोऽध्यायः गोपिकागीत ॥ गोपीगीतम् ॥ गोप्य ऊचुः । जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः, श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि । दयित दृश्यतां दिक्षु तावका- स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥ १॥   गोपियाँ विरहावेशमें गाने लगीं – ‘प्यारे ! तुम्हारे जन्मके कारण वैकुण्ठ आदि लोकोंसे भी व्रजकी महिमा बढ़ गयी है। तभी तो सौन्दर्य और … Read more

विद्या ददाति विनयम

विद्या ददाति विनयम

विद्या ददाति विनयम विद्यां ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्नोति,धनात् धर्मं ततः सुखम्॥   विद्या यानि ज्ञान हमें विनम्रता प्रादान करता है, विनम्रता से योग्यता आती है और योग्यता से हमें धन प्राप्त होता है जिससे हम धर्म के कार्य करते हैं और हमे सुख सुख मिलता है| “विद्या ददाति विनयम” यह संस्कृत श्लोक … Read more

vidya dadati vinayam विद्या ददाति विनयम्

विद्या ददाति विनयम

vidya dadati vinayam विद्या ददाति विनयम्  विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम् । पात्रात्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मम् ततः सुखम् ।। प्रंसगः– विद्यायाः फलं निरूपयति- अन्वय:- विद्या विनयं ददाति, विनयात पात्रतां याति, पात्रत्वात धनम आप्नोति, धनात् धर्मं (आप्नोति) ततः सुखम् (आप्नोति) ।। व्याख्या– विद्या विनयं = नम्रतां, ददाति, विनयात = नम्रस्वभावात पात्रता = सर्वकार्यकरणयोग्यतां याति = प्राप्नोति, पात्रत्वात = … Read more

gopi geet lyrics गोपिकागीत-जयति तेऽधिकं

gopi geet lyrics in hindi

gopi geet lyrics गोपिकागीत-जयति तेऽधिकं अथैकत्रिंशोऽध्यायः गोपिकागीत ॥ गोपीगीतम् ॥ गोप्य ऊचुः । जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः, श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि । दयित दृश्यतां दिक्षु तावका- स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥ १॥   गोपियाँ विरहावेशमें गाने लगीं – ‘प्यारे ! तुम्हारे जन्मके कारण वैकुण्ठ आदि लोकोंसे भी व्रजकी महिमा बढ़ गयी है। तभी तो सौन्दर्य और … Read more

चिरंजीव महर्षि- लोमश Lomas rishi ki katha hindi me

चिरंजीव महर्षि- लोमश Lomas rishi ki katha hindi me

चिरंजीव महर्षि- लोमश Lomas rishi ki katha hindi me चिरंजीव महर्षि– लोमश ये चिरंजीव महर्षि हैं, शरीर पर बहुत से रोम होने के कारण इनको लोमश कहते हैं ।  द्विपरार्ध व्यतीत होने पर जब ब्रह्मा की आयु समाप्त होती है तो इनका एक रोम गिरता है । यद्यपि ब्रह्मा जी की आयु बहुत बड़ी है । … Read more

राजेश्वरानंद जी हास्य प्रवचन-हम विचार नहीं कर पाते rajeshvaranand ji hasy katha

राजेश्वरानंद जी हास्य प्रवचन rajeshvaranand ji hasy katha

राजेश्वरानंद जी हास्य प्रवचन rajeshvaranand ji hasy katha हास्य कहानी- हम विचार नहीं कर पाते एक व्यक्ति ने अपने मित्र से कहा हमें नौकरी दे दो दूसरे व्यक्ति ने कहा हमें तो नौकर की ही जरूरत है उसी की तलाश है तुम ही मिल गए हो तो ठीक है । व्यक्ति ने कहा काम क्या … Read more

राजेश्वरानंद जी के दृष्टांत-हास्य-व्यंग्य – सास और बहु hasya katha rajeshwaranand ji

राजेश्वरानंद जी के दृष्टांत- hasya katha rajeshwaranand ji

राजेश्वरानंद जी के दृष्टांत- hasya katha rajeshwaranand ji हास्य-व्यंग्य – सास और बहु एक गांव की बात है एक घर में जब भी कोई साधु भीख मांगने जाता तो सास रोज मना करती बाबा कुछ नहीं है  जाओ, एक बार वह सास किसी काम से गांव  गई हुई थी घर में बहू थी। वह बाबा आया और भीख मांगा … Read more

श्रीमद्भागवत दृष्टांत माला- दृढ़ विश्वास की अदभुत कहानी bhagwat dristant mala in hindi

श्रीमद्भागवत दृष्टांत माला bhagwat dristant mala in hindi 7+

श्रीमद्भागवत दृष्टांत माला bhagwat dristant mala in hindi दृढ़ विश्वास की अदभुत कहानी एक वृद्ध माता को पत्थर मिल गया किसी ने कह दिया कि यह भगवान हैं, वृद्धा ने मान लिया उनका नाम रख दिया गोल मटोल भगवान और उन्हें खिलाए बिना खाए नहीं, भोग लगाये, आरती करे, पूजा करे ।  अकेले वह और उसके … Read more

सत्संग के दृष्टांत कहानियां-गोपियों का अनंत प्रेम bhagwat katha ke drishtant pdf

सत्संग के दृष्टांत कहानियां bhagwat katha ke drishtant pdf 1

सत्संग के दृष्टांत कहानियां bhagwat katha ke drishtant pdf गोपियों का अनंत प्रेम एक बार की बात है भगवान श्री कृष्ण द्वारिकाधीश बन जब द्वारिकापुरी में थे तब प्रेम की बात आई और प्रभु के मुख से निकल गया कि ब्रज की गोपियों का प्रेम अनंत है ।  रुकमणी आदि रानियां बोलीं क्या प्रभु वे गोपियां … Read more

श्रीमद्भागवत दृष्टांत माला-सूरदास जी का पद गायन bhagwat katha ke drishtant

श्रीमद्भागवत दृष्टांत माला bhagwat katha ke drishtant

श्रीमद्भागवत दृष्टांत माला bhagwat katha ke drishtant सूरदास जी का पद गायन सूरदास जी से ईर्ष्या करने वाले लोग सूरदास जी भगवान के परम भक्त थे, कृष्ण भक्ति उनके रोम-रोम पर विद्यमान थी वह पृथ्वी के महान विभूति और एक महान कवि थे ।  ब्रज में निवास करते थे वहीं पास में ही भगवान श्री कृष्ण … Read more