सीस पगा न झँगा तन पे sees paga na jhaga
सीस पगा न झँगा
सीस पगा न झँगा तन पे प्रभु, जाने को आहि बसौ केहि ग्रामा ।
धोती फटी सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह की नहि सामा।
द्वार खडौ द्विज दुर्बल एक, रह्यो चकि सो बसुधा अभिरामा ।
पूछत दीनदयाल को धाम, बतावत आपनो नाम सुदामा ॥१॥
कैसे बिहाल बेबाइन
कैसे बिहाल बेबाइन के पग, कंटक जाल लगे पुनि जोए ।
हाय ! महादुख पायौ सखा, तुम आए इतै न कितै दिन खोए ।
देखि सुदामा की दीन दसा, करुणा करिकै करुनानिध रोए ।
पानी परात को हाथ छुयौ नहिं, नैनंन के जलसें पग धोए ॥ १ ॥
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