चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics
चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम,
मिलेंगे कुंज बिहारी ओढ के कामर कारी,
प्रात होत हम श्री यमुना जी जाएंगे,
कर असनान हम जीवन सफल बनाएंगे,
तेरे पूरण हो सब काम रट्टेगे वहा राधे राधे नाम……
श्री वृन्दावन धाम की महिमा भारी है,
महलन की सरकार श्री राधे जू प्यारी है,
क्यों भटके खामा खा रट्टेगे राधे राधे नाम……..
श्री वृदावन धाम श्री बांके बिहारी को,
एक टक होते न दर्शन बांके बिहारी को,
तू जपले आठो याम रट्टेगे वहा राधे राधे नाम……
चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com
भक्ति भाव के सर्वश्रेष्ठ भजनों की लिस्ट देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें
chalo re man shree vrindaavan dhaam ratege raadhe raadhe naam,
milenge kunj bihaaree odh ke kaamar kaaree,
praat hot ham shree yamuna jee jaaenge,
kar asanaan ham jeevan saphal banaaenge,
tere pooran ho sab kaam rattege vaha raadhe raadhe naama……
shree vrindaavan dhaam kee mahima bhaaree hai,
mahalan kee sarakaar shree raadhe joo pyaaree hai,
kyon bhatake khaama kha rattege raadhe raadhe naama……..
shree vridaavan dhaam shree baanke bihaaree ko,
ek tak hote n darshan baanke bihaaree ko,
too japale aatho yaam rattege vaha raadhe raadhe naama……
चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com
भक्ति भाव के सर्वश्रेष्ठ भजनों की लिस्ट देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें
चलौ मन श्रीवृन्दावन धाम
चलौ रे मन श्री वृन्दावन धाम, रटेंगे राधे-राधे नाम।
मिलेंगे कुञ्ज बिहारी, ओढिके कामरि कारी ॥
प्रात: होत ही श्री यमुना में न्हावेंगे।
परिक्रमा दे जीवन सफल वनावेंगे ॥
तेरे होंगे पूरण काम, रटेंगे राधे-राधे नाम ॥ मिलेगें……..
दूर-दूर से नर नारी यहां आते है,
दर्शन करके जीवन सफल वनाते है
क्यौ भटके खामाखाम रटेगे राधे राधे नाम ॥ मिलेगे…
सिर्फ साल में एक वार होय मंगला है
नित्य नये वने तोरके फूल बंगला है
तेरो मन पावे विश्राम रटेगे राधे राधे नाम ॥ मिलेगे……….
चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics
{ 24 }
मन चल रे वृन्दावन धाम
मन चल रे वृन्दावन धाम राधे राधे गायेंगे।
राधे राधे गायेंगे श्यामा श्यामा गायेंगे तोकूँ वही पे मिलेंगे श्यामा श्याम॥
वृन्दावन में बाँके बिहारी,
ओढि के बैठो कामरिया कारी ।
तोहे मिल जाये घनश्याम ॥
वृन्दावन में राधा रानी,
मुक्ति भी यहाँ भर रही पानी ।
याके चरण पड्यो है श्याम राधे राधे गायेंगे।
अब तो आस यही मेरे मन की,
धूल बनूँ मै श्रीचरनन की।
श्रीराधा चरण विश्राम राधे राधे गायेंगे ।
चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics
वृन्दावन धाम अपार‘
वृन्दावन धाम अपार रटैजा राधे राधे
रटैजा राधे राधे भजैजा राधे राधे
जो राधा राधा गावै, वो प्रेम पदारथ पावै
वाकौ है जाय वेडा पार रटैजा………
जो राधा नाम न होतो, रसराज विचारौ रोतौ
नही होते कृष्ण अवतार रटैजा………
वृन्दावन ये `की लीला, मत जानौ गुण कौ चीला
यामें ऋषी मुनी गये हार रटैजा……..
वृन्दावन रास रचायौ, शिव गोपी रूप वनायौ
वंशी वट कियौ विहार रटैजा.
ये प्रेम की अकथ कहानी, नाय समझें ज्ञानी ध्यानी
याहे जानें विरज की नारि रटैजा…….
तू वृन्दावन में आयौ, तेने राधा नाम न गायौ
तेरे जीवन कू धिक्कार रटैजा……..
भक्ती नृत्य
{ 26 }
कोई कह गोविन्द कोई गोपाला
कोई कहे गोविन्द कोई गोपाला ।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला ॥
राधा ने श्याम कहा मीरा ने गिरधर ।
कृष्णा ने कृष्ण कहा कुब्जा ने नटवर ॥
ग्वालो ने तुमको पुकारा गोपाला ||
मैया तो कहती है तुमको कन्हैया
घनश्याम कहते है बलराम भैया ॥
सूरा की आँखौ के तुम हो उजाला ॥
भीष्म जी के बनबारी अर्जुन के मोहन ।
छलिया ही कह के बुलाये दुर्योधन ॥
कंसा तो कहता है जलकर के काला ॥
अच्युत युद्धिष्ठिर के ऊधो के माधव ।
भक्तों के भगवान संतो के केशव ॥
संत सभी भजते है कहकर कृपाला ।
{ 27 }
नटवर नागर नंदा‘
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविन्दा |
श्याम सुन्दर मुख चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा |
तू ही नटवर, तू ही नागर, तू ही बाल मुकुन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा..
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यू तारों में चन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा…
सब सखियन में राधा जी बड़ी है, ज्यूं नदियों में गंगा ॥ भजो रे मन गोविन्दा………
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे, नरसिंह रूप धरन्दा ॥भजो रे मन गोविन्दा…..
कालीदह में नाग ज्यों नाथौ फण-पर नृत्य करन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा……..
वृन्दावन में रास रचायो, नाचत बाल मुकुन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा……
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, काटो यम का फन्दा॥ भजो रे मन गोविन्दा..
चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyricsचलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics चलो रे मन श्री वृंदावन धाम रटेगे राधे राधे नाम chalo re man shri vrindavan dham lyrics
आत्मदेव को संत का आर्शिवाद
{ 28 }
संतन के संग संग लाग रे
संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी
अच्छी बनेगी तेरी बिगडी बनेगी! संतन के.
ध्रुव जी की बन गयी प्रहलाद जी की बन गयी
हरि सुमिरन में लाग रे तेरी अच्छी बनेगी! संतन के….
कागा ते तोय हंस करेंगे
मिट जाये उर के दाग रे तेरी अच्छी बनेगी ! संतन के…..
मोह निशा में बहुत दिन सोये
जाग सकै तो जाग रे तेरी अच्छी बनेगी! संतन के…
सुत वित नारि तीन आशायें
त्याग सकै तो त्याग रे तेरी अच्छी बनेगी ! संतन के…….
कहत कवीर राम सुमिरन में
पाग सकै तो मन पाग रे तेरी अच्छी बनेगी ! संतन के……..
{ 29 }
जायेगा जब यहाँ से
जायेगा जब यहाँ से कुछ भी ना साथ होगा।
दो गज़ कफन का टुकड़ा तेरा लिवास होगा।
मरते ही घर से बाहर रख देंगे तेरे बदन को ।
आकर के झट उठा लें हरिजन तेरे कफन को ।
पीटेगा छाती आपनी कुनबा उदास होगा। दो गज़
काँधे पे रख ले जायें परिवार वाले तेरे ।
यमदूत लै पकड़ कर डोलैगे घेरे-घेरे ।
दे देगा आग तुझको बेटा जो खास होगा ॥ दो गज़
मिट्टी में मिले मिट्टी बाकी की राख होगी।
सौने सी तेरी काया जलकर के खाक होगी।
दुनिया को छोड़ तेरा मरघट में वास होगा ॥ दो गज़
धुधंकारी को प्रेत योनी की प्राप्ति
{ 29 }
मानव जनम अनमोल रे
मानव जनम अनमोल रे मिट्टी में न घोल रे
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नहीं कभी नहीं रे
तू बुलबुला है पानी का मत कर जोश जवानी का
नेक कमाई कर ले वन्दे पता नही जिन्दगानी का
मीठा सब से वोल रे मिट्टी में न घोल रे॥ अव जो मिला.
तू सतसंग में जाया कर गीत प्रभु के गाया कर
सुवह साम तू वैठ के वन्दे ध्यान प्रभु का लगाया कर
नही लगता कुछ मोल रे मिट्टी में न घोल रे ॥ अव जो मिला.
मतलव का संसार है इसका नही ऐतवार है
सम्भल-सम्भल कर कदम बढाना फूल नही अंगार है
मन की आख़ै खोल रे मिट्टी में न घोल रे ॥ अव जो मिला.
{ 30 }
जीते भी लकड़ी मरते भी लकडी
जीते भी लकड़ी मरते भी लकडी देख तमासा लकड़ी का
क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का
जिस पर तेरा जनम हुआ था वो पलंग था लकड़ी का
जव जव माँ ने लोरी सुनाई वो पलना था लकड़ी का
पढने गया जब पाठ शाला में लेखन पाटी लकड़ी का
जव जव गुरू ने डर दिखलाया डंडा था वो लकड़ी का
जहां पर तेरा व्याह रचाया, वो मंडप था लकडी का
वृद्ध हुआ जव चल न सका तो लिया सहारा लकड़ी का
मरते दम तक मिटा नही पाया, झगडा झगडी लकड़ी का
राम नाम की ज्योती जला ले मिटा जाये झगड़ा लकड़ी का
धुधंकारी उद्धार
{ 31 }
हम हो गये भव से
हम हो गये भव से पार लेकर नाम तेरा
बाल्मीक अति दीन दुखी था बुरे कर्म में सदा लीन था
करी रामायण तैयार लेकर नाम तेरा! लेकर…
थे नल नील जाति के वानर राम नाम लिख दिया शिला पर
हो गयी सेना पार लेकर नाम तेरा! लेकर…
गज ने आधा नाम पुकारा गरूड़ छोड़ प्रभु दिया सहारा
किया ग्राह संघार लेकर नाम तेरा! लेकर…
भरी सभा में द्रुपद दुलारी, कृष्ण द्वारिका नाथ पुकारी
वढ गया चीर अपार लेकर नाम तेरा! लेकर…
{ 32 }
तेरी पार करेंगे नैया
तेरी पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया
निश दिन भज गोपाल पियारे
मोर मुकुट पीताम्बर धारे ! भक्तो के रखवैया..
स्वांस स्वांस भज नंद दुलारे
वो ही बिगडे काज सम्हारे ! नटवर चतुर रिझैया..
अर्जुन के हित रथ को हाँका
साँवरिया गिरधारी वाँका ! गीता ज्ञान सुनैया……
ग्वाल वाल संग धेनु चरावै
लूट लूट कै माखन खावै ! कालीनाग नथैया.
भक्त सुदामा चावल लाये
बडे प्रेम से भोग लगायें ! कह कर भैया भैया..
{ 33 }
तारा है सारा जमाना श्याम
तारा है सारा जमाना श्याम हमको भी तारो
हमको भी तारो श्याम हमको भी तारो
हमने सुना है श्याम अहिल्या को तारा
पत्थर का करके बहाना । श्याम…
हमने सुना है श्याम सवरी को तारा
वेरौ का करके बहाना । श्याम…
हमने सुना है श्याम सुदामा को तारा
तन्दुल का करके बहाना। श्याम…
हमने सुना है श्याम द्रोपदी को तारा
चीर का करके बहाना । श्याम…
अमर कथा प्रारम्भ
{ 34 }
राम नाम के हीरे मोती
राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊँ गली-गली
ले लो रे कोई राम का प्यारा शोर मचाऊँ गली-गली
माया के दीवाने सुनलो एक दिन ऐसा आयेगा
धन दौल और माल खजाना यहीं पड़ा रह जायेगा
सुन्दर काया मांटी होगी चर्चा होगी गली-गली….ले लो रे….
इस दुनिया को कब तक पगले अपनी कहता जायेगा
ईश्वर को तू भूल गया है अन्त समय पछतायेगा
दो दिन का यह चमन खिला है फिर मुरझाये कली – कली… ले…
क्यों करता है मेरा मेरा यह तेरा मुकाम नहीं
झूठे जग में फसा हुआ है वह सच्चा इन्सान नहीं
जग का मेला दो दिन का है अन्त में होगी चला चली…ले लो रे…
जिस-जिस ने यह मोती लृटे वो तो माला-माल हुये
धन दौलत के बने पुजारी आखिर वो कंगाल हुये
सोने चांदी वालो सुनलो बात सुनाऊँ खरी खरी… ले लो रे…. –
{ 35 }
उमा के पड गये सौता
बाघम्बर प्रभु ने मगवाये, वैटे आसन मार
कथा सुनाने लगे ऊमा को वो शंकर त्रिपुरार
उमा के पड़ गये सोता हुंकरा भर रह्यो तोता
कथा कहने लगे शिवजी, जब ताली तीन बजाई
पशु चले गये सारे पंक्षि आकाश उडाई
पार्वती भी कथा सुनन को हो गई है तैयार- उमा के…
ये कैसी हर की माया, ये कैसा खेल रचाया
आधी कथा सुनी माता ने, निन्द्रा का पहरा आया
ध्यान लगाकर सुने कथा, फिर झुके नीद भार/ उमा के….
कथा सुनी शुदेवा वो अजर अमर हो जाये
पार्वती भी मन में फिर बहुत घणी पछताये
मन ही मन में सोचे मोपे कथा रहि भरतार- उमा के….
शुकदेव जी से व्यास जी का निवेदन
{ 36 }
मैं तो बाहर नहीं तात आऊँगा
मैं तो वाहर नही तात आऊँगा, गर्भ में रहकर हरी गुण गाऊगा
चाहे सुख में रहूं, चाहे दुख में रहूं, चाहे नरकों की सब यातनायें सहूं
में तो यही रहके प्रभु को रिझाउगा। गर्भ….
चल रही मोह ममता भयंकर यहां, काम व्यापार चलता निरन्तर यहां
चैन सपने में भी नही पाऊगा। गर्भ…..
मुझको मुनिवर न वाहर बुलाना कभी, ना दे झूठे वादे बुलाये कभी
में तो गिरधर प्रभु की शरण जाऊगा। गर्भ…..
द्वतीय दिवस
भगवत् कथा / एवं भगवत् भक्ति का महत्व
{ 37 }
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे, तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे
अगर उनसे मिलने की दिल तमन्ना, दिल तमन्ना
अगर उनसे मिलने की दिल तमन्ना, करो शुद्ध अन्त:करण धीरे धीरे
कोई काम दुनिया मुश्किल नहीं है, मुश्किल नहीं है
कोई काम दुनिया मुश्किल नही है, जो करते रहोगें यतन धीरे धीरे
करो प्रेम से भक्ति सेवा हरी की, सेवा हरी की
करो प्रेम से भक्ति सेवा हरी की, तो मिल जायेगा वो रतन धीरे धीरे
{ 38 }
अमृत है हरी नाम छोड
अमृत है हरी नाम जगत में छोड़ विषय विश पीना क्या
हरी नाम नही तो जीना क्या
काल सदा अपने रस डोले, न जाने कब सिर चढ़ बोले
हरी का नाम जपो निश वासर, अगले समय समय ही ना। हरी नाम…
भूषण से सव अंग सजावे पर रसना पे हरी नाम ना लावे
देह पडी रह जावे यही पर फिर कुण्डल और नगीना क्या । हरी नाम…
तीरथ है हरी नाम तुम्हारा, फिर क्यो फिरता मारा मारा
अन्त समय हरि नाम न आवे, फिर काशी और मदीना क्या । हरी नाम…
नारद पूर्व चरित्र
{ 39 }
जिसको जीवन मिला सतसंग
जिसको जीवन में मिला सतसंग है, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है
जिसका हरी जुडा संम्बन्ध है उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है
तुलसी मीरा कवीरा ने गाया, सूरदास ने दर्शन पाया
जिसके हृदय में राम नाम बंद है ! उसे हर घड़ी………
जिसका जीवन सच्चाई में ढल गया, उसके पापौ का पर्वत भी टल गया
रोम रोम में बसे गोविन्द है! उसे हर घड़ी…..
संत ऋषियों की बाड़ी को मानो, तत्व क्या है जगत का ये जानो
उसका चौरासी कट जाये फंद है ! उसे हर घड़ी….
स्वर्ग जाने की इच्छा नहीं है मुक्ती पाने की इच्छा नही है
स्वयं किशोरी ही परमानन्द है ! उसे हर घड़ी……….
{ 40 }
वाह वाह रे मोज फकीरा की
वाह वाह रे मोज फकीरा की ।
कभी चबावे चना चबेना, कभी लपट ले खीरा की – वाह….
कभी तो ओढे शाल दुशाले, कभी गुदड़िया लीरा की – वाह…
कभी तो सोवे रंग महल में, कभी तो गली अहीरा की – वाह…
मंग-तंग के टुकड़े खाते, चाल चले है अमीरा की – वाह….
{ 41 }
मन लागा मोरा यार फकीरी में
मन लागा मोरा यार फकीरी में
जो सुख पावों नाम- भजनमें, सो सुख नाहि अमीरी में
भला-बुरा सबका सुन लीजै, कर गुजरान गरीबी में
प्रेम नगर में रहनि हमारी, भलि बनि आई सबूरी में
हाथ में कूँडी बगलमें सोंटा चारो दिसा जगीरी में
आखिर यह तन खाक मिलैगा, कहा फिरत मगरूरी में
कहत कबीर सुनो भाई साधो, साहिब मिलै सबूरीमें
कुन्ती स्तुति
{ 42 }
सुख भी मुझे प्यारे है
सुख भी मुझे प्यारे है दु:ख भी मुझे प्यारे है
छोडू मै किस भगवन दोनो ही तुम्हारे है
सुख दुख ही तो दुनिया की गाडी को चलाते है।
सुख दुख ही हम सबको इन्सान बनाते है
संसार की नदिया के दानो ही किनारे है। छोडू …
दुख चाहे ना कोई सब सुख को तरसते है ।
सुख में सब हँसते है दुख में सब रोते है
सुख मिले उसे जिसमें दुख ही तो सहारे है। छोडू…
मै कैसे कहू मुझको सुख दो या दुख दो जो
भी तेरी मरजी हो, मरजी से मुझे दे दो
मैने तो तेरे आगे वस हाथ पसारे है । छोडू…
सुख में तेरा शुक्र करूं, दुख में फरियाद करूं
जिस हाल में तू रख्खे उस हाल में याद करूं
यादो में वियोगी ने ये गीत सवारे है | छोडू…
{ 43 }
तेरे फूलो से भी प्यार
तेरे तेरे फूलो से भी प्यार तेरे कांटौ से भी प्यार
तू जो भी देना चाहे दे दे मेरे सरकार
चाहे सुख दे या दुख, चाहे खुशी दे या गम
मालिक जैसे भी रखेगा वैसे रह लेंगे हम
चाहे हंसी भरा संसार चाहे आंसुओं के हार । तू जो भी…
हमको दोनो है पसंद तेरी धूप और छाह
दाता किसी भी दिशा में ले चल जिन्दगी की नाव
चाहे हमे लगा दे पार चाहे छोड हमे मझधार । तू जो भी…
तेरी मर्जी में विधाता कोई छुपा वडा राज
दुनिया चाहे हमसे रूठे तू ना होना नाराज़
तूझे वन्दन है वार वार, हमको करले तू स्वीकार । तू जो भी…