षोडश मातृका पूजन shodash matrika mantra
षोडशमातृकापूजनम्
१६अक्षत पुञ्जों में एक-एक चावल छोड़ते हुए नाम मन्त्र से गणपति पूर्वक गौरी आदि १६ मातृकाओं का आवाहन एवं स्थापन करें।
आवाहनम्
ॐ गणपतये नमः गणपतिमावाहयामि ।
ॐ गौर्यै नमः गौरीमावा० ।
पद्मायै नमः पद्मामावा०।
ॐ शच्यै नमः शचीमावा० ।
ॐ मेधायै नमः मेधामावा० ।
ॐ सावित्र्यै नमः सावित्रीमावा० ।
ॐ विजयायै नमः विजयामावा० ।
ॐ जयायै नमः जयामावा० ।
ॐ देवसेनायै नमः देवसेनामावा० ।
ॐ स्वधायै नमः स्वधामावा० ।
ॐ स्वाहायै नमः स्वाहामावा०।
ॐ मातृभ्यो नमः मातृः आवा०।
ॐ लोकमातृभ्यो नमः लोकमातृः आवा० ।
ॐ हृष्ट्यै नमः हृष्टिमावा० ।
ॐ पुष्ट्यै नमः पुष्टिमावा० ।
ॐ तुष्ट्यै नमः तुष्टिमावा०।
ॐ आत्मनः कुलदेवतायै नमः आत्मनः कुलदेवतामावाहयामि ।।
यथाशक्ति पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन के पश्चात् पुष्प लेकर प्रार्थना करें।
ॐ गौरी पद्मा शची मेधा सावित्री विजया जया।
देवसेना स्वधा स्वाहा मातरो लोकमातरः ॥
हृष्टिः पुष्टिस्तथा तुष्टिरात्मनः कुलदेवता ॥
गणेशेनाधिका ह्येता वृद्धौ पूज्याश्च षोडश ॥
गणेशपूर्वक गौर्यादिषोडशमातृकाभ्यो नमः । प्रार्थनापूर्वकं नमस्कारान् समर्पयामि ।।
अर्पणम्
(जल लेकर भूमि पर छोड़ें)
अनेन कृतेन पूजनेन गणेशपूर्वकगौर्यादिषोडशमातरः प्रीयन्तां न मम ।
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