raghav ko main na dunga राघव को मै ना दूंगा
राघव को मै ना दूंगा
राघव को मै ना दूंगा मुनि नाथ मरते मरते
मेरे प्राण ना रहेंगे ये दान करते करते
जल के विना कदाचित मछली शरीर धारे
पर मै ना जी सकूंगा इनको बिना निहारे
कौशिक सिहर रहे है मेरे अंग डरते डरते । राघव…
कर यत्न चौथेपन में सुत चार मैंने पाये
पितु – मातु पुरजनो को रघुचन्द्र ने जिलाये
लोचन चकोर तनमय छवि पान करते करते । राघव…
चलते विलोक प्रभु को होगा उजाड़ कौशल
मंगल भवन के जाते सम्भव कहां से मंगल
सीचे कृपालु तरू को मृदु पात झरते झरते । राघव…
होवे प्रसन्न मुनिवर ले राजकोष सारा
रानी सुतो संग में वन में करू गुजारा
ले गोद राम शिशु को सुख मोद भरते भरते । राघव…
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