सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-7 puran in hindi pdf
सातवां अध्याय
श्रोताओं द्वारा पालन किए जाने वाले नियम
सूत जी बोले—शौनक! शिव पुराण सुनने का व्रत लेने वाले पुरुषों के लिए जो नियम हैं, उन्हें भक्तिपूर्वक सुनो।
शिव पुराण की पुण्यमयी कथा नियमपूर्वक सुनने से बिना किसी विघ्न-बाधा के उत्तम फल की प्राप्ति होती है। दीक्षा रहित मनुष्य को कथा सुनने का अधिकार नहीं है। अतः पहले वक्ता से दीक्षा ग्रहण करनी चाहिए। नियमपूर्वक कथा सुनने वाले मनुष्य को ब्रह्मचर्य का अच्छी तरह से पालन करना चाहिए।
उसे भूमि पर सोना चाहिए, पत्तल में खाना चाहिए तथा कथा समाप्त होने पर ही अन्न ग्रहण करना चाहिए। समर्थ मनुष्य को शुद्धभाव से शिव पुराण की कथा की समाप्ति तक उपवास रखना चाहिए और एक ही बार भोजन करना चाहिए । गरिष्ठ अन्न, दाल, जला अन्न, सेम, मसूर तथा बासी अन्न नहीं खाना चाहिए। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-7 puran in hindi pdf
जिसने कथा का व्रत ले रखा हो, उसे प्याज, लहसुन, हींग, गाजर, मादक वस्तु तथा आमिष कही जाने वाली वस्तुओं को त्याग देना चाहिए। ऐसा मनुष्य प्रतिदिन सत्य, शौच, दया, मौन, सरलता, विनय तथा हार्दिक उदारता आदि सद्गुणों को अपनाए तथा साधु-संतों की निंदा का त्याग कर नियमपूर्वक कथा सुने।
सकाम मनुष्य इस कथा के प्रभाव से अपनी अभीष्ट कामना प्राप्त करता है और निष्काम मोक्ष प्राप्त करता है। सभी स्त्री-पुरुषों को विधिविधान से शिव पुराण की उत्तम कथा को सुनना चाहिए। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-7 puran in hindi pdf
महर्षे! शिव पुराण की समाप्ति पर श्रोताओं को भक्तिपूर्वक भगवान शिव की पूजा की तरह पुराण- पुस्तक की पूजा भी करनी चाहिए तथा इसके पश्चात विधिपूर्वक वक्ता का भी पूजन करना चाहिए। पुस्तक को रखने के लिए नया और सुंदर बस्ता बनाएं। पुस्तक व वक्ता की पूजा के उपरांत वक्ता की सहायता हेतु बुलाए गए पंडित का भी सत्कार करना चाहिए।
कथा में पधारे अन्य ब्राह्मणों को भी अन्न-धन का दान दें। गीत, वाद्य और नृत्य से उत्सव को महान बनाएं। विरक्त मनुष्य को कथा समाप्ति पर गीता का पाठ करना चाहिए तथा गृहस्थ को श्रवण कर्म की शांति हेतु होम करना चाहिए। होम रुद्रसंहिता के श्लोकों द्वारा अथवा गायत्री मंत्र के द्वारा करें। यदि हवन करने में असमर्थ हों तो भक्तिपूर्वक शिव सहस्रनाम का पाठ करें।
कथाश्रवण संबंधी व्रत की पूर्णता के लिए शहद से बनी खीर का भोजन ग्यारह ब्राह्मणों को कराकर उन्हें दक्षिणा दें। समृद्ध मनुष्य तीन तोले सोने का एक सुंदर सिंहासन बनाए और उसके ऊपर लिखी अथवा लिखाई हुई शिव पुराण की लिखी पोथी विधिपूर्वक स्थापित करें तथा पूजा करके दक्षिणा चढ़ाएं। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-7 puran in hindi pdf
फिर आचार्य का वस्त्र, आभूषण एवं गंध से पूजन करके दक्षिणा सहित वह पुस्तक उन्हें भेंट कर दें। शौनक, इस पुराण के दान के प्रभाव से भगवान शिव का अनुग्रह पाकर मनुष्य भवबंधन से मुक्त हो जाता है। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-7 puran in hindi pdf
शिव पुराण को विधिपूर्वक संपन्न करने पर यह संपूर्ण फल देता है तथा भोग और मोक्ष प्रदान करता है। मुने! शिव पुराण का सारा माहात्म्य, जो संपूर्ण फल देने वाला है, मैंने तुम्हें सुना दिया है ।
अब आप और क्या सुनना चाहते हो ? श्रीमान शिव पुराण सभी पुराणों के माथे का तिलक है। जो मनुष्य सदा भगवान शिव का ध्यान करते हैं, जिनकी वाणी शिव के गुणों की स्तुति करती है और जिनके दोनों कान उनकी कथा सुनते हैं, उनका जीवन सफल हो जाता है, वे संसार सागर से पार हो जाते हैं। ऐसे लोग इहलोक और परलोक में सदा सुखी रहते हैं।
भगवान शिव के सच्चिदानंदमय स्वरूप का स्पर्श पाकर ही समस्त प्रकार के कष्टों का निवारण हो जाता है। उनकी महिमा जगत के बाहर और भीतर दोनों जगह विद्यमान है। उन अनंत आनंदरूप परम शिव की मैं शरण लेता हूं।