Tuesday, September 17, 2024
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सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-2 shiv puran in hindi 

सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-2 shiv puran in hindi 

दूसरा अध्याय

देवराज को शिवलोक की प्राप्ति चंचुला का संसार से वैराग्य

श्री शौनक जी ने कहा- आप धन्य हैं। सूत जी! आप परमार्थ तत्व के ज्ञाता हैं। आपने हम पर कृपा करके हमें यह अद्भुत और दिव्य कथा सुनाई है। भूतल पर इस कथा के समान कल्याण का और कोई साधन नहीं है। आपकी कृपा से यह बात हमने समझ ली है। सूत जी! इस कथा के द्वारा कौन से पापी शुद्ध होते हैं? उन्हें कृपापूर्वक बताकर इस जगत को कृतार्थ कीजिए

सूत जी बोले—मुने, जो मनुष्य पाप, दुराचार तथा काम-क्रोध, मद, लोभ में निरंतर डूबे रहते हैं, वे भी शिव पुराण पढ़ने अथवा सुनने से शुद्ध हो जाते हैं तथा उनके पापों का पूर्णतया नाश हो जाता है। इस विषय में मैं तुम्हें एक कथा सुनाता हूं। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-2 shiv puran in hindi 

देवराज ब्राह्मण की कथा

बहुत पहले की बात है— किरातों के नगर में देवराज नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वह ज्ञान में दुर्बल, गरीब, रस बेचने वाला तथा वैदिक धर्म से विमुख था । वह स्नान-संध्या नहीं करता था तथा उसमें वैश्य-वृत्ति बढ़ती ही जा रही थी। वह भक्तों को ठगता था। उसने अनेक मनुष्यों को मारकर उन सबका धन हड़प लिया था। उस पापी ने थोड़ा-सा भी धन धर्म के काम में नहीं लगाया था। वह वेश्यागामी तथा आचार-भ्रष्ट था। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-2 shiv puran in hindi 

एक दिन वह घूमता हुआ दैवयोग से प्रतिष्ठानपुर (झूसी-प्रयाग) जा पहुंचा। वहां उसने एक शिवालय देखा, जहां बहुत से साधु-महात्मा एकत्र हुए थे। देवराज वहीं ठहर गया। वहां रात में उसे ज्वर आ गया और उसे बड़ी पीड़ा होने लगी। वहीं पर एक ब्राह्मण देवता शिव पुराण की कथा सुना रहे थे। ज्वर में पड़ा देवराज भी ब्राह्मण के मुख से शिवकथा को निरंतर सुनता रहता था। एक मास बाद देवराज ज्वर से पीड़ित अवस्था में चल बसा। यमराज के दूत उसे बांधकर यमपुरी ले गए। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-2 shiv puran in hindi 

तभी वहां शिवलोक से भगवान शिव के पार्षदगण आ गए। वे कर्पूर के समान उज्ज्वल थे। उनके हाथ में त्रिशूल, संपूर्ण शरीर पर भस्म और गले में रुद्राक्ष की माला उनके शरीर की शोभा बढ़ा रही थी। उन्होंने यमराज के दूतों को मार-पीटकर देवराज को यमदूतों के चंगुल से छुड़ा लिया और वे उसे अपने अद्भुत विमान में बिठाकर जब कैलाश पर्वत पर ले जाने लगे तो यमपुरी में कोलाहल मच गया, जिसे सुनकर यमराज अपने भवन से बाहर आए। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-2 shiv puran in hindi 

साक्षात रुद्रों के समान प्रतीत होने वाले इन दूतों का धर्मराज ने विधिपूर्वक पूजन कर ज्ञान दृष्टि से सारा मामला जान लिया। उन्होंने भय के कारण भगवान शिव के दूतों से कोई बात नहीं पूछी। सम्पूर्ण शिव पुराण हिन्दी-2 shiv puran in hindi 

तत्पश्चात शिवदूत देवराज को लेकर कैलाश चले गए और वहां पहुंचकर उन्होंने ब्राह्मण को करुणावतार भगवान शिव के हाथों में सौंप दिया। शौनक जी ने कहा—महाभाग सूत जी! आप सर्वज्ञ हैं। आपके कृपाप्रसाद से मैं कृतार्थ हुआ। इस इतिहास को सुनकर मेरा मन आनंदित हो गया है। अतः भगवान शिव में प्रेम बढ़ाने वाली दूसरी कथा भी कहिए।

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( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )
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