bhagwat katha dijiye -20

bhagwat katha dijiye

bhagwat katha dijiye   भागवत पुराण कथा भाग-20 अब न जाने मेरी क्या गति होगी ? वे उद्विग्न मन से सोचने लगे । ईश्वर मुझे ऐसा दण्ड दे, जिससे फिर कभी मेरी मति गौ, ब्राह्मण, ऋषि-मुनियों को सताने एवं अपमानित करने की न हो। उस तेजस्वी ब्राह्मण के शाप से मेरी समृद्धि, राज्य तथा सेना … Read more

bhagwat katha bhagwat katha -19

bhagwat katha dijiye

bhagwat katha bhagwat katha   भागवत पुराण कथा भाग-19 सुखस्य दुखस्य ना कोपि दाता । परो ददातीति कुबुद्धि देशः ।। सुख और दुख देने वाला कोई दूसरा नहीं है जो दूसरों को दुख देने वाला मानता है वह अज्ञानी है विद्वानों को इसमें बड़ा मतभेद है कि दुःख का कारण क्या है ? या कौन … Read more

Shrimad Bhagwat Katha PDF in Hindi -18

bhagwat katha dijiye

Shrimad Bhagwat Katha PDF in Hindi   भागवत पुराण कथा भाग-18 धर्मराज अत्यधिक चिन्तित हो गये। सोचने लगे अर्जुन अबतक क्यों नहीं आये। “श्री धर्मराज भीम से कहते हैं कि हे भीमजी! वाम अंग फड़क रहा है। हृदय में बिना रोग का कम्पन हो रहा है। लगता है कि काल हमलोगों के विपरीत होनेवाले है। … Read more

Shrimad Bhagwat Katha In Hindi -17

bhagwat katha dijiye

Shrimad Bhagwat Katha In Hindi   भागवत पुराण कथा भाग-17 अभिमन्यु की पत्नी उतरा के गर्भ से प्रकट हुए परीक्षित् ने जन्म समय भगवान् को अंगूठे के बराबर स्वरूप में कुंडल पहने देखा था। भगवान् उस स्वरूप में रक्षा कर रहे थे। चक्र के समान तेज गति से गदा को घुमाते हुए परीक्षित् की रक्षा … Read more

bhagwat katha in hindi pdf -16

bhagwat katha dijiye

bhagwat katha in hindi pdf   भागवत पुराण कथा भाग-16 इधर उत्तरायण का समय आया तो भीष्म पितामह ने श्रीकृष्ण भगवान् के चतुर्भुज स्वरूप में ध्यानमग्न होकर मौन हो गये। उनकी सारी वासनायें नष्ट हो गयीं। वे शरीर को छोड़नेवाले हैं अतः उनके अन्त समय में भगवान् उनके सामने साक्षात् खड़े हैं। वे स्तुति करते … Read more

bhagwat katha in hindi -15

bhagwat katha dijiye

bhagwat katha in hindi   भागवत पुराण कथा भाग-15 विपदः सन्तु नः शश्वत्तत्र तत्र जगद्गुरू । भवतो दर्शनं यत्स्यादपुनर्भव दर्शनम् ।। मुझे जीवन में प्रत्येक पग में विपत्तियों की ही प्राप्ति हो क्योंकि विपत्ति होगी तो आपके दर्शन की प्राप्ति होगी और आपका दर्शन संसार सागर से मुक्त कराने वाला है । ‘विपदः सन्तु नः … Read more

bhagwat katha in hindi -14

bhagwat katha dijiye

bhagwat katha in hindi   भागवत पुराण कथा भाग-14 अश्वत्थामा विक्षिप्तावस्था में वहाँ से भाग गया। जो ब्राह्मण का धर्म पालन नहीं करता, वह पूर्ण ब्राह्मण नहीं रह जाता। मात्र जाति का ब्राह्मण रहता है। ब्राह्मण का तेज ही उसका प्राण होता है। ब्राह्मण के सिर के बाल को मुंडन करा देना, धन छीन लेना, … Read more

all bhagwat puran -13

bhagwat katha dijiye

all bhagwat puran   भागवत पुराण कथा भाग-13 व्यासजी ने श्री नारद जी के द्वारा कही गयी भागवतकथा का स्मरण कर श्रीमद् भागवत महापुराण की रचना की। अठारह हजार श्लोक वाली श्रीमद् भागवत कथा की रचना करके सबसे पहले श्रीशुकदेव जी को पढ़ाया। शौनक जी महर्षि वेदव्यास जी ने इस सात्वत संहिता की रचना की … Read more

shrimad bhagwat puran in hindi pdf -12

bhagwat katha dijiye

shrimad bhagwat puran in hindi pdf   भागवत पुराण कथा भाग-12 द्वापरे समनुपप्राप्ते तृतीये युग पर्यये । जातः पराशरद्योगी वासव्यां कलयाहरे ।। सौनक जी तीसरे युग द्वापर में महर्षि पाराशर के द्वारा वसुकन्या सत्यवती के गर्भ से भगवान के कला अवतार श्री वेदव्यास जी भगवान का जन्म हुआ व्यास जी भूत भविष्य के जानकार थे … Read more

shri bhagwat puran -11

bhagwat katha dijiye

shri bhagwat puran   भागवत पुराण कथा भाग-11 इसप्रकार आगे कि कथा को लिखते हुये महर्षि वेदव्यास ने कहा है- एक बार गोमती नदी के पावन तट पर पावन तीर्थ क्षेत्र नैमिषारण्य में अठासी हजार संत, ऋषियों सहित शौनकादि ऋषिगण उपस्थित हुए तथा श्रीभगवान् की केवल प्राप्ति के उद्देश्य से हजार वर्षों में पूर्ण होनेवाले … Read more