गुण रूप भरी श्यामा प्यारी रस रूप भरे मेरे बाँके बिहारी gun rup bhari shyama pyari
गुण रूप भरी श्यामा प्यारी रस
गुण रूप भरी श्यामा प्यारी रस रूप भरे मेरे बाँके बिहारी
गौर वरण नीलाम्बर सोहे, मोर मुकुट पीताम्बर सोहे
जोडी पै जाऊ बलिहारी । रस रूप….
उत घुघरू की झनकार बजे इत मुरली मस्त सुहानी बजै
दोनों की घुन न्यारी। रस रूप…..
इत माथे विंदिया सोह रही उत भ्रकुटी मन को मोह रही
रस की है रही वरषा भारी । रस रूप….
इत सखियन संग विराज रही उत सखा की ढोली साज रही
दुलरावै श्री हरिदास दुलारी । रस रूप…
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com