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कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
गाइये गणपति जगवन्दन
गाइये गणपति जग वन्दन । शंकर सुमन भवानि के नन्दन ॥
सिद्ध सदन गज वदन विनायक | कृपा सिन्धु सुन्दर सव लायक ॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता । विद्या वारिद बुद्धि विधाता ॥
माँगत तुलसी दास कर जोरे । वसहि राम सिय मानस मोरे ॥ ।
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 16 }
आओ गजानन आओं
आओ आओ गजानन आओ आके भक्तों का मान बढ़ाओं
ॐ गं गणपतये नमो नमः सिद्धी विनायक नमो नमः अष्ट विनायक नमो नमः
गणपति बप्पा मोरया
भोले शंकर के पुत्र गजानन, गौरा मैया के पुत्र गजानन
आके भक्तो के मन को भाओं, आके भक्तो का मान बढ़ाओं….
रिद्धि सिद्धी को संग में लाना, गौरा मैया भूल न जाना
आने में देर ना लगाओं, आके भक्तो का मान बढ़ाओं…
हम सबके प्यारे गजानन सब देवो से न्यारे गजानन
आके कीर्तन में रस बरसाओं, आकें भक्तो का मान बढ़ाओं..
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 17 }
जय गणेश जय गणेश
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी,
माथे तिलक सोहे मूसे की सवारी
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लड्डूआन को भोग लगे संत करे सेवा
अन्धेन को आँख देत कोढिन को काया, बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया
सूर श्याम शरण आय सफल कीजै सेवा । माता जाकी….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 18 }
गुरू वन्दना
गुरूदेव दया करके
गुरूदेव दया करके मुझको अपना लेना
मै शरण पडा तेरी चरणो में जगा देना
करूणा निधि नाम तेरा, करूणा दिखलाओं तुम,
सोये हुये भाग्यौ को हे नाथ जगाओं तुम
मेरी नाव भवर डोले, इसे पार लगा देना । गुरू देव…
तुम सुख के सागर हो निर्धन के सहारे हो,
इस तन में समाये हो, मुझे प्राणो से प्यारे हो
नित माला जपू तेरी, नही दिल से भुला देना ।
पापी हूं या कपटी हूं जैसा भी हूं तेरा हूं
घर वार छोडकर मैं जीवन से खेला हूं
दुख का मारा हूं मै मेरा दुखडा मिटा देना । गुरू देव..
मै सबका सेवक हूं, तेरे चरणो का चेरा हूं
नही नाथ भुलाना मुझे, इस जग में अकेला हूं
तेरे दर का भिकारी हूं, मेरे दोष मिटा देना । गुरू देव…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 19 }
सारे तीरथ धाम आपके
सारे तीरथ धाम आपके चरणों में
हे गुरूदेव प्रणाम आपके चरणों में
हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी कंठ सारदा माता है
जो भी मुख से वचन कहे, वो वचन सिद्ध हो जाता है ।
है गुरू ब्रह्मा है गुरू विष्णु, है शंकर भगवान आपके चरणों में । हे…..
जनम के दाता मात- पिता है, आप करम के दाता है
आप मिलाते है ईश्वर से आप ही भाग्य विधाता है
दुखिया मन को रोगी तन को, मिलता है आराम आपके चरणो में | हे…..
निरबल को बलवान बना दो मूरख को गुणवान प्रभु
देवकमल और वंशी को भी दो ज्ञान का दो वरदान प्रभु
हे महा ज्ञानी हे महा दानी रहू में सुबह शाम आपके चरणो में ।
हे गुरूदेव प्रणाम आपके चरणो में…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
प्रथम दिवस
ज्ञान / वैराग्य भक्ति का दुख
{ 20 }
वृज के नंद लाला
व्रज के नंद लाला राधा जी के सांवरिया
सव दुख दूर हुये जव तेरा नाम लीया
मीरा पुकारे तुम्हें गिरधर गोपाला
वन गया अमृतमय विष का भरा प्याला
कौन मिटाये उसे जिसे तूने राख लिया! सव दुख दूर हुये….
जव तेरे गोकुल में आई विपदा भारी,
एक इसारे पर सारी विपदा टारी
उठ गया गोवरधन जिसे तूने धार लिया! सव दुख दूर हुये…..
नैनौ में श्याम वसे मन में वनवारी,
सुध विसराय गयी मुरली की धुन प्यारी
मेरे मन मंन्दिर में रास रचाओं रसिया! सव दुख दूर हुये…
देख रहे हो तुम मेरे दुखडे सारे,
कव दर्शन देओगे मेरी आंखों के तारे
अधर पर मुरली है कांधे कामरिया! सव दुख दूर हुये.
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 21 }
बाँके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा
बाँके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ।
सुना है जो तेरे दर पै आवे, तन मन के दुखडे मिट जावें ।
जब आवै शरण तिहारी रे ॥ दूर ॥ ..
जनम जनम का मै हूँ भटका, बेडा आय भंवर में अटका।
पार करो गिरधारी रे / दूर ॥
शबरी अहिल्या गणिका तारी, मीरा तुमने पार उतारी।
मुकुट अब आई हमारी बारी रे ॥ दूर ॥
पीताम्बर धारी, संग में हो वृषभानु दुलारी ।
मोहन गिरवर धारी रे दूर ॥
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 22 }
कर दो दूर प्रभु मेरे मन में
कर दो दूर प्रभु मेरे मन में अन्धेरा हैं।
जब से तेरी लगन लगी हुआ मन में सवेरा हैं।
हरि तुमसे बिछडे हुये कई युग बीत गये।
अब आन मिलो प्रियतम मेरे मन में प्यार तेरा है ।
इतना तो बता दो मुझे मेरी मंजिल है कहाँ।
अब ले चलो मुझको वहाँ जहाँ संतो का डेरा है।
जब से तेरी लगन लगी मेरे मन में कलियाँ खिली।
अब जाग उठी किस्मत हुआ दर्शन तेरा है।
दर्शन पाये बिना तेरे दर से हटेंगे नही ।
अब हमने डाल दिया तेरे दर पर डेरा है ॥
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
नारद जी का वृन्दावन आना
{ 23 }
चलौ मन श्रीवृन्दावन धाम
चलौ रे मन श्री वृन्दावन धाम, रटेंगे राधे-राधे नाम।
मिलेंगे कुञ्ज बिहारी, ओढिके कामरि कारी ॥
प्रात: होत ही श्री यमुना में न्हावेंगे।
परिक्रमा दे जीवन सफल वनावेंगे ॥
तेरे होंगे पूरण काम, रटेंगे राधे-राधे नाम ॥ मिलेगें……..
दूर-दूर से नर नारी यहां आते है,
दर्शन करके जीवन सफल वनाते है
क्यौ भटके खामाखाम रटेगे राधे राधे नाम ॥ मिलेगे…
सिर्फ साल में एक वार होय मंगला है
नित्य नये वने तोरके फूल बंगला है
तेरो मन पावे विश्राम रटेगे राधे राधे नाम ॥ मिलेगे……….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 24 }
मन चल रे वृन्दावन धाम
मन चल रे वृन्दावन धाम राधे राधे गायेंगे।
राधे राधे गायेंगे श्यामा श्यामा गायेंगे तोकूँ वही पे मिलेंगे श्यामा श्याम॥
वृन्दावन में बाँके बिहारी,
ओढि के बैठो कामरिया कारी ।
तोहे मिल जाये घनश्याम ॥
वृन्दावन में राधा रानी,
मुक्ति भी यहाँ भर रही पानी ।
याके चरण पड्यो है श्याम राधे राधे गायेंगे।
अब तो आस यही मेरे मन की,
धूल बनूँ मै श्रीचरनन की।
श्रीराधा चरण विश्राम राधे राधे गायेंगे ।
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{ 25 }
वृन्दावन धाम अपार‘
वृन्दावन धाम अपार रटैजा राधे राधे
रटैजा राधे राधे भजैजा राधे राधे
जो राधा राधा गावै, वो प्रेम पदारथ पावै
वाकौ है जाय वेडा पार रटैजा………
जो राधा नाम न होतो, रसराज विचारौ रोतौ
नही होते कृष्ण अवतार रटैजा………
वृन्दावन ये `की लीला, मत जानौ गुण कौ चीला
यामें ऋषी मुनी गये हार रटैजा……..
वृन्दावन रास रचायौ, शिव गोपी रूप वनायौ
वंशी वट कियौ विहार रटैजा.
ये प्रेम की अकथ कहानी, नाय समझें ज्ञानी ध्यानी
याहे जानें विरज की नारि रटैजा…….
तू वृन्दावन में आयौ, तेने राधा नाम न गायौ
तेरे जीवन कू धिक्कार रटैजा……..
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
भक्ती नृत्य
{ 26 }
कोई कह गोविन्द कोई गोपाला
कोई कहे गोविन्द कोई गोपाला ।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला ॥
राधा ने श्याम कहा मीरा ने गिरधर ।
कृष्णा ने कृष्ण कहा कुब्जा ने नटवर ॥
ग्वालो ने तुमको पुकारा गोपाला ||
मैया तो कहती है तुमको कन्हैया
घनश्याम कहते है बलराम भैया ॥
सूरा की आँखौ के तुम हो उजाला ॥
भीष्म जी के बनबारी अर्जुन के मोहन ।
छलिया ही कह के बुलाये दुर्योधन ॥
कंसा तो कहता है जलकर के काला ॥
अच्युत युद्धिष्ठिर के ऊधो के माधव ।
भक्तों के भगवान संतो के केशव ॥
संत सभी भजते है कहकर कृपाला ।
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 27 }
नटवर नागर नंदा‘
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविन्दा |
श्याम सुन्दर मुख चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा |
तू ही नटवर, तू ही नागर, तू ही बाल मुकुन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा..
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यू तारों में चन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा…
सब सखियन में राधा जी बड़ी है, ज्यूं नदियों में गंगा ॥ भजो रे मन गोविन्दा………
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे, नरसिंह रूप धरन्दा ॥भजो रे मन गोविन्दा…..
कालीदह में नाग ज्यों नाथौ फण-पर नृत्य करन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा……..
वृन्दावन में रास रचायो, नाचत बाल मुकुन्दा ॥ भजो रे मन गोविन्दा……
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, काटो यम का फन्दा॥ भजो रे मन गोविन्दा..
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आत्मदेव को संत का आर्शिवाद
{ 28 }
संतन के संग संग लाग रे
संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी
अच्छी बनेगी तेरी बिगडी बनेगी! संतन के.
ध्रुव जी की बन गयी प्रहलाद जी की बन गयी
हरि सुमिरन में लाग रे तेरी अच्छी बनेगी! संतन के….
कागा ते तोय हंस करेंगे
मिट जाये उर के दाग रे तेरी अच्छी बनेगी ! संतन के…..
मोह निशा में बहुत दिन सोये
जाग सकै तो जाग रे तेरी अच्छी बनेगी! संतन के…
सुत वित नारि तीन आशायें
त्याग सकै तो त्याग रे तेरी अच्छी बनेगी ! संतन के…….
कहत कवीर राम सुमिरन में
पाग सकै तो मन पाग रे तेरी अच्छी बनेगी ! संतन के……..
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 29 }
जायेगा जब यहाँ से
जायेगा जब यहाँ से कुछ भी ना साथ होगा।
दो गज़ कफन का टुकड़ा तेरा लिवास होगा।
मरते ही घर से बाहर रख देंगे तेरे बदन को ।
आकर के झट उठा लें हरिजन तेरे कफन को ।
पीटेगा छाती आपनी कुनबा उदास होगा। दो गज़
काँधे पे रख ले जायें परिवार वाले तेरे ।
यमदूत लै पकड़ कर डोलैगे घेरे-घेरे ।
दे देगा आग तुझको बेटा जो खास होगा ॥ दो गज़
मिट्टी में मिले मिट्टी बाकी की राख होगी।
सौने सी तेरी काया जलकर के खाक होगी।
दुनिया को छोड़ तेरा मरघट में वास होगा ॥ दो गज़
धुधंकारी को प्रेत योनी की प्राप्ति
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 29 }
मानव जनम अनमोल रे
मानव जनम अनमोल रे मिट्टी में न घोल रे
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नहीं कभी नहीं रे
तू बुलबुला है पानी का मत कर जोश जवानी का
नेक कमाई कर ले वन्दे पता नही जिन्दगानी का
मीठा सब से वोल रे मिट्टी में न घोल रे॥ अव जो मिला.
तू सतसंग में जाया कर गीत प्रभु के गाया कर
सुवह साम तू वैठ के वन्दे ध्यान प्रभु का लगाया कर
नही लगता कुछ मोल रे मिट्टी में न घोल रे ॥ अव जो मिला.
मतलव का संसार है इसका नही ऐतवार है
सम्भल-सम्भल कर कदम बढाना फूल नही अंगार है
मन की आख़ै खोल रे मिट्टी में न घोल रे ॥ अव जो मिला.
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 30 }
जीते भी लकड़ी मरते भी लकडी
जीते भी लकड़ी मरते भी लकडी देख तमासा लकड़ी का
क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का
जिस पर तेरा जनम हुआ था वो पलंग था लकड़ी का
जव जव माँ ने लोरी सुनाई वो पलना था लकड़ी का
पढने गया जब पाठ शाला में लेखन पाटी लकड़ी का
जव जव गुरू ने डर दिखलाया डंडा था वो लकड़ी का
जहां पर तेरा व्याह रचाया, वो मंडप था लकडी का
वृद्ध हुआ जव चल न सका तो लिया सहारा लकड़ी का
मरते दम तक मिटा नही पाया, झगडा झगडी लकड़ी का
राम नाम की ज्योती जला ले मिटा जाये झगड़ा लकड़ी का
धुधंकारी उद्धार
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 31 }
हम हो गये भव से
हम हो गये भव से पार लेकर नाम तेरा
बाल्मीक अति दीन दुखी था बुरे कर्म में सदा लीन था
करी रामायण तैयार लेकर नाम तेरा! लेकर…
थे नल नील जाति के वानर राम नाम लिख दिया शिला पर
हो गयी सेना पार लेकर नाम तेरा! लेकर…
गज ने आधा नाम पुकारा गरूड़ छोड़ प्रभु दिया सहारा
किया ग्राह संघार लेकर नाम तेरा! लेकर…
भरी सभा में द्रुपद दुलारी, कृष्ण द्वारिका नाथ पुकारी
वढ गया चीर अपार लेकर नाम तेरा! लेकर…
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{ 32 }
तेरी पार करेंगे नैया
तेरी पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया
निश दिन भज गोपाल पियारे
मोर मुकुट पीताम्बर धारे ! भक्तो के रखवैया..
स्वांस स्वांस भज नंद दुलारे
वो ही बिगडे काज सम्हारे ! नटवर चतुर रिझैया..
अर्जुन के हित रथ को हाँका
साँवरिया गिरधारी वाँका ! गीता ज्ञान सुनैया……
ग्वाल वाल संग धेनु चरावै
लूट लूट कै माखन खावै ! कालीनाग नथैया.
भक्त सुदामा चावल लाये
बडे प्रेम से भोग लगायें ! कह कर भैया भैया..
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 33 }
तारा है सारा जमाना श्याम
तारा है सारा जमाना श्याम हमको भी तारो
हमको भी तारो श्याम हमको भी तारो
हमने सुना है श्याम अहिल्या को तारा
पत्थर का करके बहाना । श्याम…
हमने सुना है श्याम सवरी को तारा
वेरौ का करके बहाना । श्याम…
हमने सुना है श्याम सुदामा को तारा
तन्दुल का करके बहाना। श्याम…
हमने सुना है श्याम द्रोपदी को तारा
चीर का करके बहाना । श्याम…
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अमर कथा प्रारम्भ
{ 34 }
राम नाम के हीरे मोती
राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊँ गली-गली
ले लो रे कोई राम का प्यारा शोर मचाऊँ गली-गली
माया के दीवाने सुनलो एक दिन ऐसा आयेगा
धन दौल और माल खजाना यहीं पड़ा रह जायेगा
सुन्दर काया मांटी होगी चर्चा होगी गली-गली….ले लो रे….
इस दुनिया को कब तक पगले अपनी कहता जायेगा
ईश्वर को तू भूल गया है अन्त समय पछतायेगा
दो दिन का यह चमन खिला है फिर मुरझाये कली – कली… ले…
क्यों करता है मेरा मेरा यह तेरा मुकाम नहीं
झूठे जग में फसा हुआ है वह सच्चा इन्सान नहीं
जग का मेला दो दिन का है अन्त में होगी चला चली…ले लो रे…
जिस-जिस ने यह मोती लृटे वो तो माला-माल हुये
धन दौलत के बने पुजारी आखिर वो कंगाल हुये
सोने चांदी वालो सुनलो बात सुनाऊँ खरी खरी… ले लो रे…. –
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{ 35 }
उमा के पड गये सौता
बाघम्बर प्रभु ने मगवाये, वैटे आसन मार
कथा सुनाने लगे ऊमा को वो शंकर त्रिपुरार
उमा के पड़ गये सोता हुंकरा भर रह्यो तोता
कथा कहने लगे शिवजी, जब ताली तीन बजाई
पशु चले गये सारे पंक्षि आकाश उडाई
पार्वती भी कथा सुनन को हो गई है तैयार- उमा के…
ये कैसी हर की माया, ये कैसा खेल रचाया
आधी कथा सुनी माता ने, निन्द्रा का पहरा आया
ध्यान लगाकर सुने कथा, फिर झुके नीद भार/ उमा के….
कथा सुनी शुदेवा वो अजर अमर हो जाये
पार्वती भी मन में फिर बहुत घणी पछताये
मन ही मन में सोचे मोपे कथा रहि भरतार- उमा के….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
शुकदेव जी से व्यास जी का निवेदन
{ 36 }
मैं तो बाहर नहीं तात आऊँगा
मैं तो वाहर नही तात आऊँगा, गर्भ में रहकर हरी गुण गाऊगा
चाहे सुख में रहूं, चाहे दुख में रहूं, चाहे नरकों की सब यातनायें सहूं
में तो यही रहके प्रभु को रिझाउगा। गर्भ….
चल रही मोह ममता भयंकर यहां, काम व्यापार चलता निरन्तर यहां
चैन सपने में भी नही पाऊगा। गर्भ…..
मुझको मुनिवर न वाहर बुलाना कभी, ना दे झूठे वादे बुलाये कभी
में तो गिरधर प्रभु की शरण जाऊगा। गर्भ…..
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द्वतीय दिवस
भगवत् कथा / एवं भगवत् भक्ति का महत्व
{ 37 }
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे, तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे
अगर उनसे मिलने की दिल तमन्ना, दिल तमन्ना
अगर उनसे मिलने की दिल तमन्ना, करो शुद्ध अन्त:करण धीरे धीरे
कोई काम दुनिया मुश्किल नहीं है, मुश्किल नहीं है
कोई काम दुनिया मुश्किल नही है, जो करते रहोगें यतन धीरे धीरे
करो प्रेम से भक्ति सेवा हरी की, सेवा हरी की
करो प्रेम से भक्ति सेवा हरी की, तो मिल जायेगा वो रतन धीरे धीरे
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 38 }
अमृत है हरी नाम छोड
अमृत है हरी नाम जगत में छोड़ विषय विश पीना क्या
हरी नाम नही तो जीना क्या
काल सदा अपने रस डोले, न जाने कब सिर चढ़ बोले
हरी का नाम जपो निश वासर, अगले समय समय ही ना। हरी नाम…
भूषण से सव अंग सजावे पर रसना पे हरी नाम ना लावे
देह पडी रह जावे यही पर फिर कुण्डल और नगीना क्या । हरी नाम…
तीरथ है हरी नाम तुम्हारा, फिर क्यो फिरता मारा मारा
अन्त समय हरि नाम न आवे, फिर काशी और मदीना क्या । हरी नाम…
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नारद पूर्व चरित्र
{ 39 }
जिसको जीवन मिला सतसंग
जिसको जीवन में मिला सतसंग है, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है
जिसका हरी जुडा संम्बन्ध है उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है
तुलसी मीरा कवीरा ने गाया, सूरदास ने दर्शन पाया
जिसके हृदय में राम नाम बंद है ! उसे हर घड़ी………
जिसका जीवन सच्चाई में ढल गया, उसके पापौ का पर्वत भी टल गया
रोम रोम में बसे गोविन्द है! उसे हर घड़ी…..
संत ऋषियों की बाड़ी को मानो, तत्व क्या है जगत का ये जानो
उसका चौरासी कट जाये फंद है ! उसे हर घड़ी….
स्वर्ग जाने की इच्छा नहीं है मुक्ती पाने की इच्छा नही है
स्वयं किशोरी ही परमानन्द है ! उसे हर घड़ी……….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 40 }
वाह वाह रे मोज फकीरा की
वाह वाह रे मोज फकीरा की ।
कभी चबावे चना चबेना, कभी लपट ले खीरा की – वाह….
कभी तो ओढे शाल दुशाले, कभी गुदड़िया लीरा की – वाह…
कभी तो सोवे रंग महल में, कभी तो गली अहीरा की – वाह…
मंग-तंग के टुकड़े खाते, चाल चले है अमीरा की – वाह….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 41 }
मन लागा मोरा यार फकीरी में
मन लागा मोरा यार फकीरी में
जो सुख पावों नाम- भजनमें, सो सुख नाहि अमीरी में
भला-बुरा सबका सुन लीजै, कर गुजरान गरीबी में
प्रेम नगर में रहनि हमारी, भलि बनि आई सबूरी में
हाथ में कूँडी बगलमें सोंटा चारो दिसा जगीरी में
आखिर यह तन खाक मिलैगा, कहा फिरत मगरूरी में
कहत कबीर सुनो भाई साधो, साहिब मिलै सबूरीमें
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
कुन्ती स्तुति
{ 42 }
सुख भी मुझे प्यारे है
सुख भी मुझे प्यारे है दु:ख भी मुझे प्यारे है
छोडू मै किस भगवन दोनो ही तुम्हारे है
सुख दुख ही तो दुनिया की गाडी को चलाते है।
सुख दुख ही हम सबको इन्सान बनाते है
संसार की नदिया के दानो ही किनारे है। छोडू …
दुख चाहे ना कोई सब सुख को तरसते है ।
सुख में सब हँसते है दुख में सब रोते है
सुख मिले उसे जिसमें दुख ही तो सहारे है। छोडू…
मै कैसे कहू मुझको सुख दो या दुख दो जो
भी तेरी मरजी हो, मरजी से मुझे दे दो
मैने तो तेरे आगे वस हाथ पसारे है । छोडू…
सुख में तेरा शुक्र करूं, दुख में फरियाद करूं
जिस हाल में तू रख्खे उस हाल में याद करूं
यादो में वियोगी ने ये गीत सवारे है | छोडू…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 43 }
तेरे फूलो से भी प्यार
तेरे तेरे फूलो से भी प्यार तेरे कांटौ से भी प्यार
तू जो भी देना चाहे दे दे मेरे सरकार
चाहे सुख दे या दुख, चाहे खुशी दे या गम
मालिक जैसे भी रखेगा वैसे रह लेंगे हम
चाहे हंसी भरा संसार चाहे आंसुओं के हार । तू जो भी…
हमको दोनो है पसंद तेरी धूप और छाह
दाता किसी भी दिशा में ले चल जिन्दगी की नाव
चाहे हमे लगा दे पार चाहे छोड हमे मझधार । तू जो भी…
तेरी मर्जी में विधाता कोई छुपा वडा राज
दुनिया चाहे हमसे रूठे तू ना होना नाराज़
तूझे वन्दन है वार वार, हमको करले तू स्वीकार । तू जो भी…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 44 }
भीष्म स्तुती
इति मतिरुपकल्पिता वितृष्णा भगवति सात्वत पुङ्गवे विभूम्नि ।
स्वसुखमुपगते क्वचिद्विहर्तुं प्रकृतिमुपेयुषि यद्भवप्रवाहः ।।१।।
त्रिभुवनकमनं तमालवर्णं रविकरगौरवराम्बरं दधाने ।
वपुरलककुलावृताननाब्जं विजयसखे रतिरस्तु मेऽनवद्या || २ ||
युधि तुरगरजोविधूम्रविष्वक्कचलुलितश्रमवार्यल तास्ये ।
मम निशितशरैर्विभिद्यमानत्वचि विलसत्कवचेऽस्तुकृष्ण आत्मा ||३ ।।
सपदि सखिवचो निशम्य मध्ये निजपरयोर्बलयो रथं निवेश्य ।
स्थितवति परसैनिकायुरक्ष्णा हृतवति पार्थ सखे रतिर्ममास्तु ।।४।।
व्यवहित पृथनामुखं निरीक्ष्य स्वजनवधाद्विमुखस्य दोषबुद्धया ।
कुमतिमहरदात्मविद्यया यश्चरणरतिः परमस्य तस्य मेऽस्तु || ५ ||
स्वनिगममपहाय मत्प्रतिज्ञा मृतमधिकर्तुमवप्लुतो रथस्थ: ।
धृतरथचरणोऽभ्ययाच्चलत्गुः हरिरिव हन्तुमिभं गतोत्तरीयः ।।६।।
विजयरथकुटुम्ब आत्ततोत्रे धृतहयरश्मिनि तच्छ्रियेक्षणीये ।
शितविशिखहतोविशीर्णदंश: क्षतजपरिप्लुत आततायिनो मे ।
प्रसभमभिससार मद्वधार्थं स भवतु मे भगवान् गतिर्मुकुन्दः।।७।।
भगवति रतिरस्तु मे मुमूर्षो: यमिह निरीक्ष्य हता: गताः सरूपम् ।।८।।
ललित गति विलास वल्गुहास प्रणय निरीक्षण कल्पितोरुमानाः ।
तमनु तवत्य उन्मदान्धा: प्रं तिमगन् किल यस्य गोपवध्वः ।।९।।
मुनिगणनृपवर्यसंकुलेऽन्तः सदसि युधिष्ठिरराजसूय एषाम् ।
एषाम्अर्हणमुपपेद ईक्षणीयो मम अक्षि गोचर एष आविरात्मा ।।१०।।
तमिमहमजं शरीरभाजां हृदि धिष्टितमात्मकल्पितानाम् ।
शमिव नैकधाऽर्कमेकं समधिगतोऽस्मि विधूतभेदमोहः ||११||
श्री सूत उवाच
कृष्ण एवं भगवति मनोवाग्दृष्टिवृत्तिभिः ।
आत्मन्यात्मानमावेश्य सोऽन्तः श्वासमुपारमत् ।।
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 45 }
इतना तो करना स्वमी
इतना तो करना स्वमी जब प्राण तन से निकले,
गोविन्द नाम लेकर प्राण तन से निकले ।
श्री गंगा जी का तट हो, यमुना का वंशी वट हो
मेरा सांवरा निकट हो – जब…
श्री वृन्दावन स्थल हो, मेरे मुख में तुलसी दल हो,
विष्णु चरण का जल हो – जब…
सन्मुख सांवरा खड़ा हो, वंशी का स्वर भरा हो
तिरछा चरण धरा हो – जब….
मेरे प्राण निकले सुख से, प्रभु का नाम निकले मुख से,
बच जाऊ घोर दुख से जब…
उस वक्त जल्दी आना, नही श्याम भूल जाना,
राधे को संग में लाना- जब ….
यह नेक सी अरज है मानों तो क्या हरज है,
कुछ आपका फरज है – जब ….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
परिक्षित को श्राप
{ 46 }
क्या भरोसा है इस जिंदगी का
क्या भरोसा है इस जिंदगी का, साथ देती नही ये किसी का
स्वांस रूक जाएगी चलते-चलते, शमां बुझ जाएगी जलते जलते,
दम निकल जायेगा रोशनी का । साथ..
दुनिया है तो हकीकत पुरानी, चलते रहना है उसकी रवानी,
फर्ज पूरा करो बदंगी का। साथ…..
हम रहें न मोहब्बत रहेगी, दासतां अपनी दुनिया कहेगी,
नाम रह जाएगा आदमी का । साथ….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 47 }
पल दो पल में क्या
पल दो पल में क्या हो जाये मानव तेरे शरीर का
कुछ पता नही तकदीर का
हरिशचन्द्र से राजादानी, सत पै बिकगये तीनो प्राणी
घड़ा उठाते सवने देखा, गंगा जी के नीर का
कुछ पता नही तकदीर का…
मोरध्वज से राजा ग्यानी, सुत को चीरें दोनो प्राणी
आरा चलाते सवने देखा, अपने जिगर की पीर का
कुछ पता नही तकदीर का…
राजा दसरथ के चार पुत्र भये, राम लखन सिया वन को गये
वन को जाते सवने देखा वल्कल भेषरघुवीर का
कुछ पता नही तकदीर का…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 48 }
दुनिया दर्शन का है मेला
दुनिया दर्शन का है मेला, चित दे समझे कोई अलवेला
अपनी करनी पार उतरनी, गुरू हो या चेला । दुनिया…..
कंकण चुन चुन महल बनाया, लोग कहै घर मेरा
ना घर मेरा ना घर तेरा चिड़िया रैन बसेरा | दुनिया…
महल बनाया किला चिनाया, खेलन को सब खेला
चलने की जब वेला आयी सब तज चला अकेला । दुनिया…
न कुछ लेकर आया बन्दे न कुछ है यहाँ तेरा
कहत कबीर सुनो भाई साधू संग ना जाये अंघेला । दुनिया……
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
शुकदेव आगमन
{ 49 }
हरी की कथा सुनाने वाले
हरी की कथा सुनाने वाले, तुमको लाखौ प्रणाम -2
हम डोल रहे थे वन में और फूल गये थे मन में
ओ राह वताने वाले तुमको लाखो प्रणाम….. हरि कथा…
हम लेकर विष का प्याला, जा रहे थे यम के गाला
सत सुधा पिलाने वाले तुमको लाखो प्रणाम….. हरि कथा……..
तुम घट-घट के अन्तर्यामी, हम पतित और अज्ञानी
ईश्वर से मिलाने वाले तुमको लाखो प्रणाम….. हरि कथा……
{ 50 }
बूटी हरी के नाम की
बूटी हरी के नाम की सवको पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो खुदको मिटा के पी
ब्रह्मा ने चारो वेद की, पुस्तक बना के पी
शंकर ने अपने शीश पै गंगा चढाकर पी
बृज गोपीयो ने कृष्ण को माखन खिला के पी
सवरी ने झूठे वेर अपने प्रभु को खिला के पी
पृथ्वी का भार शेष ने शिर पर उठा के पी
वाली ने चोट वाण की सीने पै खाके पी
अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत वना के पी
बजरंग वली ने रावण की लंका जला के पी
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
शुकदेव जी द्वारा उपदेश
{ 51 }
न जाने कौन से गुण पर
न जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते है
यही हरी भक्त कहते है, यही सद् ग्रन्थ गाते है।
नही स्वीकार करते है निमत्रंण नृप सुयोधन का
विदुर के घर पहुच कर भोग छिलको का लगाते है
ना आये मधुपुरी से गोपियो की, दुख व्यथा सुनकर,
द्रोपदी के बुलाने पर, द्वारिका से दौडे आते है
ना रोये वन गमन सुनकर, पिता की वेदनाओं पर
लिटाकर गीध को निज गोद में आंसू बहाते है
कठिता से चरण धोकर मिले जो विन्दु विधि हरि को
वो चरणोदक स्वयं जाकर केवट के घर लुटाते है
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 52 }
आज हरी आये विदुर
आज हरी आये विदुर घर पाहुना
विदुर घर पाहुना विदुरानी घरी पाहुना
विदुर नही घर थी विदुररानी, आवत देखे सारंगपानी
दै आसान वैठावना। आज हरी…
केला बहुत प्रेम से लायी गिरी गिरी सव देत गिराई,
छिलका देत श्याम मुख माही
लागे बहुत सुहावना । आज हरी…
इतने में ही विदुर जी आये, खारे खोटे वचन सुनाये
कहां गवायी तूनें भावना। आज हरी…
केला लीन विदुर कर मांही, गिरी देत गिरधर मुख माही
वो स्वाद नही आवणा । आज हरी …
वासी कूसी रूखी सूखे हम तो विदुर जी प्रेम के भूखे
भक्तन मान बढावना । आज हरी…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 53 }
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खाई
जूठे फल सवरी के खाये बहु विधि करत बढाई
राजसूयज्ञ युधिष्ठर कीन्हा, तामे झूठ उठाई
प्रेम के वस अर्जुन रथ हांकौ भूल गयो ठकुराई
ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन गोपियन नाच नचाई
प्रेम के वश नृप सेवा कीन्ही आप वने हरि नाई
सूर क्रूर या लायक नाही, कहा लग करौ बडाई
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
तृतीय दिवस
दक्ष यज्ञ विध्वंस
{ 54 }
{ 55 }
बम भोले बम भोले
यही बो तंत्र है यही वो मंत्र है प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम
बम भोले बम भोले बम भोले बम – 2
कभी योगी कभी भोगी कभी बाल ब्रह्मचारी,
कभी आदि देव महोदव त्रिपुरारी,
कभी शंकर कभी शम्भु, कभी भोले भंण्डारी,
नाम है अनन्त तेरे जाऊ बलिहारी
शिव का नाम लो सुबह शाम लो गाते रहो जव तक दम में है दम! बम…
दक्ष प्रजापती जव हुंकारा त्रिशूल से शीश उतारा
माफी मांगी होस में आयों, बकरे का जब शीश लगायों
आशुतोष भोले बाबा भये प्रशन्न, बकरे ने मुख से जो बोली बम बम ! बम..
कलातीत कल्याण कल्पांतकारी सदा सच्चिदानन्द दाता पुरारी
चिदानन्द सन्दोह मोहपहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
ध्यान लगाके ज्योति जगाके, शिव को पुकारते चलो हरदम! बम…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
ध्रुव चरित्र
{ 56 }
लागी लगन मत तोड़ना
लागी लगन मत तोडना प्रभु जी मोरी लागी लगन मत तोडना
खेती बुबाई मेने तेरे नाम की, मेरे भरोषे मत छोडना
हरी जी मोरी..
जल है गहरा नाव पुरानी बीच भवर मत छोडना
हरी जी मोरी …
तू ही मेरा सेठ है तू ही साहूकार है, व्याज पे व्याज मत जोड़ना
हरी जी मोरी ….
दासी की विनती सुनलीजौ, हाथ पकड मत छोडना
हरी जी मोरी………
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 57 }
मैंने वाध लिया प्रेम वाला
मैने बाँध लिया प्रेम वाला कँगना
आओ आओ हरी आओ मोरे अँगना
मेरा मन पापी ये पाप करना छोड़ दे
दुनिया से नाता तोड़ तेरे संग जोड़ दे
यही मांग मेरी और कोई माँग ना
मेरा मन प्रभु पावन तू करदे
मेरा तेरा नाता जुड़े ऐसा मुझे वर दे
तेरे रंग ऊपर चढे कोई रंगना
ऐ मेरे श्याम प्रभु तेरा गुण गाऊँ
तेरा गुण गाउ प्रभु तुमको रिझाऊँ
तेरे सिवाप्रभु मेरे कोई संगना
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
जड भरत प्रसंग
{ 58 }
तुलसी मगन भये
तुलसी मगन भये हरी गुण गायकै
कोई खावे लड्डू पेडा बर्फी महायके,
साधु खामें रूखा सूखा, हरी का भोग लगायके । तुलसी…
कोई चलै, हाथी घोड़ा पालकी सजायके
साधू चलै पैया पैया, चीटीं बचायके । तुलसी…
कोई ओढै साल दुसाला रेसमी मगायके
साधु ओढै कमली काली, धूनी रमायके ! तुलसी…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
भारत भूमि की महिमा
{ 59 }
हे प्रीत जहां की रीत सदा
दिया मेरे भारत ने, जब जीरो भारत ने, मेरे भारत ने,
दुनियां को तव गिनती आयी,
तारो की भाषा भारत ने, दुनियां को पहले सिखलाई,
देता न दशमिलव भारत तो, यूं चांद पै जाना मुश्किल था,
धरती और चांद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था,
सभ्यता जहां पहले आयी, पहले जन्मी है जहां पै कला,
अपना भारत वो भारत है, जिसके पीछे संसार चला,
संसार चला और आगे बड़ा, यूं आगे बढ़ा और बढ़ता ही गया,
भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले फले
है प्रीत जहां की रीत सदा, मै गीत वहां के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
काले गोरे का भेद नही, हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और ना आता हो हमको हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनियां, मैं बात वही दौहराता हूँ! भारत…
जीते हौ किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है
जहां राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन है लोग यहां, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ! भारत…
इतनी ममता नदियों को भी, जहां माता कहके बुलाते है
इतना आदर इंन्सान तो क्या, पत्थर भी पूजे जाते है
इस धरती पै मैंने जन्म लिया ये सोच के मैं इतराता हूँ! भारत…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
नरकौ का वर्णन
{ 60 }
कैसे बीतेगी
कवहु कियौ न भजनवा कैसे बीतैगी
सह न सक्यौ जब कष्ट गर्भ को कीन्हो कौल करार
प्रभु तुम्हारा भजन करूगा, करौ नरक से पार
वदा भूलो रे वेईमनवा कैसे बीतेगी
वालापन हंस खेल गवायो आयी मस्त जवानी,
मात पिता ने करी सगाई दूल्हा बनो गुमानी
बध गया हाथन में कंगन वा कैसे बीतेगी
धूम धाम से व्याह रचाया पहन रेसमी जामा
दुल्हन लेके घर में आया, खतम हुआ तेरा ड्रमा
वन गये सजनी के सजनवा कैसे बीतेगी
विषयौ का विष पी-पी करके निश दिन रहै गुमाने
बालक थे फिर वाप कहाये बाबा लगे कहाने
अव आय गयो चौथौ पनवा कैसी बीतेगी
कमर कमान दाँत सब टूटे नजर लगी नजराने
खाट बिछाय द्वार पे पड़ गये, बहुयें मारे तानें
कब मरहै यह बुढनवा कैसे बीतेगी
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
अजामिल उद्धार
{ 61 }
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम,
अंत से निकला ये परिणाम, ये परिणाम, ये परिणाम
सुमिरिये नाम रूप विन देखे कौडी लगे न दाम
नाम से बधे खिचे आयेंगे आखिर एक दिन राम । राम से…
जिस सागर को बिन सेतू के लांघ सके ना राम
लांघ गये हनुमान उसी को लेके राम का नाम । राम से…
वो अभिमानी डूब जायेगें जा मुख नाही राम
वो पत्थर तर जायेंगे, लिखा हुआ जिन राम
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
व्रत्तासुर स्तुति
{ 62 }
जहां ले चलोगे वही मै
जहां ले चलोगे वही मै चलूंगा
जहां नाथ रख लोगे वही मैं रहूँगा
ये जीवन समर्पित चरण मै तुम्हारे, तुम्ही मेरे सर्वश, तुम्ही प्राण प्यारे
तुम्हे छोडकर नाथ । किससे कहूँगा। जहां…
दयानाथ दयानिधि मेरी अवस्था तेरे ही हाथो में मेरी व्यवस्था
कहना होगा जो भी तुमसे कहूँगा। जहां…
ना कोई शिकायत ना कोई अर्जी, कहलो करालो जो है तेरी मर्जी
सहाओगें जो नाथ हस के सहूगां । जहां…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
प्रहलाद चरित्र
{ 63 }
हरी का भजन करो
हरी का भजन करो हरी है तुम्हारा |
हरी के भजन विन, नहीं गुजारा ॥
हरी नाम से तेरा काम बनेगा,
हरी नाम ही तेरे साथ चलेगा।
हरी नाम लेने वाला, हरी का है प्यारा ॥ हरी….
कोई काहे राधेश्याम, कोई काहे सीताराम,
कोई गिरधर गोपाल, कोई राधामाधव लाल ।
वोही हरी दीन बंधु, वोही करूणा सिन्धु, नमो बारम्बारा ॥ हरी….. ॥
सुख दुख भोगो जाओ, लेख सव मिटाते जाओ,
हरी गुण गाए जाओं, हरी को रिझाते जाओ
वोही हरी दीन बंधु, वोही करूणा सिन्धु, सब का है प्यारा ॥ हरी…. ॥
दीनौ पर दया करो, बने तो सेवा भी करो,
मोह सव दूर करो, प्रेम हरी ही से करो ।
यही भक्ति यही योग, यही ज्ञान सारा ॥ हरी…… ॥
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 64 }
हर सांस मै सुमिरन तेरा
हर सांस मै सुमिरन तेरा यूं बीत जाये जीवन मेरा
तेरी पूजा करते बीते सांझ सबेरा | यूं बीत…
नैनो की खिडकी से तुमको पल पल में निहारू
मन में बिठालूं तेरी आरती उतारू,
डाले रहू तेरे चरणो में डेरा । यूं बीत…
जो भी तेरा प्यारा हो वो मेरे दिल का प्यारा हो
मेरे सर का ताज मेरी आंखो का तारा हो
सब में निहारू रूप सुनहरा । यूं बीत….
प्यार हो सतकार हो ऐतबार हो तुम्हारा
सुख भी हो सारे और याद हो ईशारा
हो आत्मा पर तेरा ही डेरा । यूं बीत…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 65 }
मेरे बांके बिहारी सवरिया
मेरे बांके बिहारी सवरिया तेरा जलवा कहां पर नही है
आंख वालौ ने तुमको है देखा, कान वालौ ने तुमको सुना है।
तेरा दर्शन उसी को हुआ है जिसकी आंखौ पर परदा नही है ।
लोग पीते है पी पी के गिरते. हम पीते है गिरते नही है ।
हम तो पीते है संतसंग का प्याला, ये अंगुरी वाला नही है ॥
ये नशा जल्दी चढता नही है चढ जाय तो उतरता नही है ।
लोग पीते है दुनियां के डर से, हमें दुनिया की परवाह नही है ।
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
चतुर्थ दिवस गजेन्द्र मोक्ष
{ 66 }
हे गोविन्द हे गोपाल
हे गोविन्द हे गोपाल अव तो जीवन हारे
हे गोविन्द राखौ शरण नंद के दुलारे
नीर पीवन हेतु गयो सिन्धु के किनारे
सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण ले पछारे ! हे गोविन्द…..
चार पहर युद्ध भयो ले गयो मज धारे
नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे! हे गाविन्द…..
द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो भारे
शंक चक्र गदा पद्म गरूण ले सिधारे ! हे गाविन्द…..
सूर कहे श्याम सुनो शरण हौ तिहारे
अब की बार पार करो नन्द के दुलारे ! हे गोविन्द ……
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
समुद्र मंथन
{ 67 }
तेरी मन्द-मन्द मुस्कनियाँ
तेरी मन्द मन्द मुस्कनियाँ पे बलिहार प्यारे जू
तेरे नैन अजब मतवारे मटकै ये कारे कारे
तेरी तिरछी सी चितवनियाँ पे बलिहार प्यारे जू
तेरे बाल बडे घुंघराले लटके ये काले काले
तेरी मोर मुकुट लटकनिया पे बलिहार प्यारे जू
तेरी चाल अजब मतवारी लगती है प्यारी-प्यारी
तेरी पायल की पैजनियाँ पे बलिहार प्यारे जू
तेरे संग में राधा प्यारी लगती है सबसे न्यारी
श्रीयुगल चरण पे मैं जाऊँ बलिहार प्यारे जू
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 68 }
तेरे नैना बड़े रसीले
तेरे नैना बड़े रसीले मोटे मोटे बड़े कटीले
तैनू नज़र नहीं लगजावे मेरे श्याम
मेरा सांवरा सलौना घनश्याम
तेरी प्रीत में आके कान्हा, छोडदी दुनिया सारी
पहले प्रीत लगाके कान्हा, अब करते हुशियारी
मैंतो गली – गली में होगयी बदनाम | मेरा…
सच्चे आशिक को तड़पाना अच्छी बात नही है
ये भी मैंने माना मेरे जैसे और कई है
सुन मुरली की तान निकले प्राण । मेरा…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
वामन चरित्र
{ 69 }
तेरे द्वार खडा भगवान
तेरे द्वार खडा भगवान भगत भरदे रे झोली
तेरा होगा बडा अहसान कि जुग जुग रहगी तेरी शान
डोल उठी है सारी धरती देख ये, डोला गगन है सारा
भीख मांगने आया तेरे घर, जगत का पालन हारा रे
में आज तेरा महमान कि करले मुझसे जरा पहचान ! भगत भर….
आज लुटा दे रे सर्वस अपना, मानले कहना मेरा
मिट जायेगा पल मे तेरा जनम जनम का फेरा रे
तू छोड सकल अभिमान, करले तू अपना दान ! भगत भर..
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 70 }
हरी बामन भेष बनाये
हरी बामन भेष बनाये बली राजा को छलने आये
इनके नन्ने नन्ने हाथ इनके नन्ने नन्ने पांव
मृग छाला बगल में दबाये । बली…
माथे तिलक सोहे, शिर पर छत्र धरे
हाथौ में कमण्डल झुलाये । बली…
कोधे जनेऊ धरे सिर पे चोटी सोहे
चरणों में खडाऊ सुहाये । बली…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 71 }
रूप वामन कौ वनायो
रूप वामन कौ वनायो बिहारी जी ने
कर में दण्ड कमण्डल सोहे
सर पे छत्र धरायो ! बिहारी…
माधुरी मूरत सावरी सूरत
छवि मुनिन मन भायौ ! बिहारी…
देवन काज संवारन कारण
बलि के द्वार पे आयो ! बिहारी…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
गंगा अवतरण
{ 72 }
तेरी लहर मन भाई
तेरी लहर मन भाई हो गंगा मैया ।
हरिचरणन से निकसी सुरसरि, ब्रह्म कमंडल आई- हो….
भागीरथ ने तपस्या कीन्ही, शिव लै शीश चढाई – हो….
प्रयागराज यमुना में मिलकर, काशी भेंटी जाई – हो….
भारत भुमि पावन कीन्ही, तारे अधम कसाई- हो…..
साठ हजार सगर सुत तारे, गंगा सागर धाई- हो….
जो गंगा जी की महिमा गावे, भवसागर तर जाई – हो…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
राम जन्म
{ 73 }
श्री रामावतार
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी ।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी ॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी ।
भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंन्धु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौ अनंता ।
माया गुन ग्याना तीत अमाना बेद पुरान भनंता ॥
करूणा सुख सागर सब गुन आगर जेहिं गावहि श्रुति संता ।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयेउ प्रकट श्रीकंता ॥
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै ।
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै ॥
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।
कहि कथा सुहाई मात बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा ।
कीजै सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि वचन सुजाना रोदन ठाना होई बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं ते न परहिं भवकूपा ॥
दोह-
बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार |
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गौ पार ॥
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 74 }
जनम लीये रघुरैया
जनम लीये रघुरैया अवधपुर बाजै बधैया
ब्रह्मा जी आये शंकर जी भी आये, आई शारदा माईया
गंगा भी आयी यमुना आयी आयी शरयू मईया
राजा भी आये रंक भी आये आये सबहि भैईया
सब सखी मिलकर मंगल गामें, गामें सबहि बधईया
सुर नर मुनि सव आरती उतारे, मन में बहुत हरसैया
{ 75 }
जायौ कौसल्या रानी लल्ला
जायौ कौसल्या रानी लल्ला मोहल्ला में हल्ला सौ मच गयो
राजा लुटावे अन्न धन सोना, रानी लुटावे छाप छल्ला
राजा लुटावे लड्डू पेडा, रानी लुटावे रस गुल्ला
राजा लुटावे पाग पिछोरा, रानी लुटावे दुसल्ला
राजा लुटावे रुपया पैसा, रानी लुटावे मोहर गिल्ला
कौई बजावे ढोल मंजीरा, कोई बजावे तवल्ला
धन धन केकैई सुमित्रा, धन्य दशरथ कौशल्या
अवध वासी नाचै कूदै, भक्त हँसे दे दे ठल्ला
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
विश्वामित्र आगमन
{ 76 }
राघव को मै ना दूंगा
राघव को मै ना दूंगा मुनि नाथ मरते मरते
मेरे प्राण ना रहेंगे ये दान करते करते
जल के विना कदाचित मछली शरीर धारे
पर मै ना जी सकूंगा इनको बिना निहारे
कौशिक सिहर रहे है मेरे अंग डरते डरते । राघव…
कर यत्न चौथेपन में सुत चार मैंने पाये
पितु – मातु पुरजनो को रघुचन्द्र ने जिलाये
लोचन चकोर तनमय छवि पान करते करते । राघव…
चलते विलोक प्रभु को होगा उजाड़ कौशल
मंगल भवन के जाते सम्भव कहां से मंगल
सीचे कृपालु तरू को मृदु पात झरते झरते । राघव…
होवे प्रसन्न मुनिवर ले राजकोष सारा
रानी सुतो संग में वन में करू गुजारा
ले गोद राम शिशु को सुख मोद भरते भरते । राघव…
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
{ 77 }
चले यज्ञ की रक्षा करने
चले यज्ञ की रक्षा करने वो प्राणों के प्यारे
रघुकुल राघव राम चन्द्र दशरथ के नैनो के तारे
सोच रही थी नन्ने मुन्ने कैसे तीर चलायेगे
कैसे बड़े बड़े दुष्टों को रण में मार गिरायेगें
बालक नही यह रूप प्रभु का दसरथ राज दुलारे ! रघुकुल राघव .
बालक पन में भक्त ध्रुव ने हरि दर्शन को पाया था
बाल भक्त प्रहलाद ने सत के झन्डे को फैहराया था
जली होलिका प्रभु क्रपा से फूल वने अंगारे ! रघुकुल राघव….
कृष्ण भजन संग्रह लिरिक्स 400+ bhajan sangrah hindi lyrics
जनकपुर में प्रवेश
{ 78 }
लागल जनक पुरिया मेला
लागल जनक पुरिया मेला देखैके म्हारा मनवा करेला
राजा जनक जी धनुष प्रण कीन्हा
कौन वीर तोरै अकेला ! देखैके हमरा..
देश विदेश के राजा जो अईलै
एक से एक अलवेला ! देखैके हमरा..
पश्चिम दिशा से एक साधू बाबा आइलें
संग में लिये दो चेला! देखैके हमरा..
एक साँवर एक गौर मनोहर
जिनका देख देख जिय ललचेला ! देखैके हमरा..
चलौ सखि नयन सुफल करि आवै
पैसा लगेना धेला! देखैके हमरा…………
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राम सिय प्रथम मिलन
{ 79 }
देखकर राम जी को जनक नंदिनी
देखकर राम जी को जनक नंदिनी, बाग में बस खडी की खड़ी रह गयी
राम देखें सिया को सिया राम को, चारो अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गयी
एक कहने लगी जानकी के लिये, रच दई है विधाता ने जोड़ी सुघड़
पर धनुष कैसे तोडेंगे कोमल कुमर,
दिल में शंका बढ़ी की बढ़ी रह गयी….देखके राम जी को…
बोली दूजी सखी छोटे है ये मगर, चमत्कार इनका तू नही जानती
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी,
फिर उठी ना पड़ी की पड़ी रह गयी…. देखके राम जी को……..
देखने के लिए जब जनकपुर गये, सब झरोखों से सखियाँ लगी झाँकने
देखते ही नजर से नजर मिल गयी,
सबकी अखियाँ गड़ी की गड़ी रह गयी…. देखके राम जी को……
यूँ तो कितने बहादुर स्वयंवर में थे, पर धनुष राम जी ने उठाया था जब
राम सीता युगल रूप को देखकर,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी….देखके राम जी को………
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राम विवाह
{ 80 }
शिव धनुष तोड़ा राम जी ने
शिव धनुष तोडा राम ने स्वयंबर में जिस घडी
सब देवी देवता भी लगे करने आरती
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी-2
कहीं वेद मंत्र हो रहे थे ऊँची तान से,
पुष्पौ की वर्षा हो रही थी आसमान से
ऊँचा था सिंघासन जहाँ विराजमान थे
माथे पै मुकुट कांधे तरकस कमान थे
जय माल लिये हाथ में तव आयी जानकी
डालू गले में किस तरह हैरान थी खड़ी
कुछ झिझकी कुछ सिमटी सीता ने विचारा
आखों ही आखों में किया लक्षण को इसारा
हे शेष के अवतार मुझे दे दो सहारा
भूलूंगी नही उम्र भर ऐहसान तुम्हारा
हे लखन थोडी देर तू पृथ्वी को उठा ले
ये भाभी तेरे भैया को जय माल पहना दे
इतना समझ के लक्ष्मण फौरन हुए खडे
श्री राम जी के चरणों में जाकर के गिर पड़े
श्री राम जी भी भाप गये दौनौ की बात को
सर नीचा कर उठाने लगे लखन भ्रत को
इतने में जानकी ने जयमाल डाल दी
जय राम चन्द्र आपकी जय जय हो जानकी
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{ 81 }
झुक जाइयो तनक रघुवीर
झुक जाइयो तनक रघुवीर सिया मेरी छोटी है
सिया मेरी छोटी, लली मेरी छोटी तुम हो बडे बलवीर सिया…
जय माला लिये कव से है ठाडी, दूखन लागौ शरीर । सिया….
तुम तो हो राघव अयोध्या के राजा, और हम है जनक के गरीब । सिया…
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{ 82 }
आजु मिथला नगरिया
आजु मिथला नगरिया निहाल सखियां
चारो दुलहा मै बडका कमाल सखियां
माथे मणि मौरिया, मुण्डल सोहे कनवा
कारौ कारौ कजरारौ जुलमी नयनवा
लाल चन्दन सोहे इनके भाल सखियां । चारौ…
श्यामल श्यामल गौर गौर जोडियां जहान में
अखियां ना देखेली सुनली ना कानवे
जुग जुग जीवे जोडी वेमिशाल सखियां । चारौ…
गगन मगन आजु, मगन धरतिया
देख देख दुलहा जी के सावरी सुरतिया
बाल वृद्ध नर नारी वेहाल सखियां । चारौ…
जेकरा लागी जोगी मुनि जप तप कयीले
ऐसे मोरा मिथला में पाहुन वन के अइले
आजु लोढा से सेदायी इनके गाल सखियां | चारौ…
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वनवास
{ 83 }
छोड चले आज हमारे श्री राम
छोड चले आज हमारे राम अयोध्या छोड चले
मुख मोड़ चले आज हमारे राम अयोध्या छोड़ चले
चला राम का सेवक बनकर लक्ष्मण जैसा भाई,
चली जानकी बनकर अपने प्रीतम की परछाई
नर नारी और पशु पक्षी सबसे नाता तोड़ चले! छोड.……..
जैसे बछडे छिन जाने पर रोया करती गईयाँ
वैसे रो रो देख रहीं है राम लखन को मईयाँ
माया ममता महल मोह इन सबसे नाता तोड चले ! छोड….
नगर नगर और डगर – डगर में खडे अयोध्या बासी
कल था जिनका राज तिलक वो आज हुये वनबासी
छोड़ के फूलो की सैया कोटों से नाता जोड़ चले ! छोड….
केवट प्रसंग
{ 84 }
मेरी नैया मैं लक्ष्मण राम
मेरी नैया मैं लक्ष्मण राम गंगा मैया धीरे वहो
मेरी नैया में चारौ धाम, गंगा मैया धीरे वहो
कौन की नैया कौन की गंगा, कौन के लक्ष्मण राम ! गंगा मैया धीरे..
केवट की नैया भागीरथ की गंगा, राजा दशरथ के लक्ष्मण राम ! गंगा मैया…
कौन लाये नैया कौन लाये गंगा, कौन पठये लक्ष्मण राम! गंगा मैया……
केवट लाये नैया भगीरथ लाये गंगा, दशरथ पठये राम! गंगा मैया….
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भरत मिलाप
{ 85 }
मईया री तेने काह ठानी
मईया री तेने काह ठानी मन में, राम सिया भेज दये री वन में
जदपि भरत तेरौ ही जायौ, तेरी करनी देख लजायौ ।
अपनो पद तैने आप गवायौ, भरत की नजरन में ॥ राम सिया……
हठीली तेने……………
महल छोड़ वहाँ नही रे मडइया सीय सकुमारि संग दोऊ भइया ।
काऊ वृक्ष तरू भीजत होंगे, तीनो मेहन में ॥ राम सिया…….
हठीली तेने………….
कौसल्या की छिन गई वानी, रो न सकी उर्मिला दीवानी।
कैकई तू वस एकहि रानि, रहगई महलन में ॥ राम सिया……
हठीली तेने………..
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{ 86 }
राम भक्त ले चला रे
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
शीश पे खडायूं और अखियो में पानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
शीस खडामू ले चला ऐसे, राम सिया जी संग हो जैसे।
चरणो में रहेंगी अब इनके रजधानी ॥ राम भक्त ले चला..
पल पल दिन दिन बीते ऐसे, चौदह वर्ष कटेंगे कैसे।
राम बिन कठिन है ये घडी वितानी ॥ राम भक्त ले चला.
तन मन ज्ञान मुदित अनुरागा, धर्म कर्म पर धीरज त्यागा
आपदा में बह गये है धीर वीर ज्ञानी ॥ राम भक्त ले चला..
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शवरी प्रसंग
{ 87 }
रामा रामा रटते रटते बीती
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
रघुकुल नन्दन कब आओगे भिलनी की डगरिया
मैं सबरी भिलनी की जायी, भजन भाव ना जानू रे
राम तुम्हारे दर्शन के हित, वन में जीवन पालु रे
चरण कमल से निर्मल कर दो, दासी की झुपड़िया । रामा…
रोज सवेरे वन जाकर रस्ता साफ कर आती हूँ
अपने प्रभु के लिए वन से चुन चुन फल मैं लाती हूँ
मीठे बेरौ से मै भर लायी छबरिया । रामा…
सुन्दर श्याम सलौनी सुरत नैना बीच बसाऊंगी
पद पंकज रज धर मस्तक पे चरणो में शीश नवाऊंगी
प्रभु जी मुझको भूल गये लो, दासी की खबरिया । रामा…
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{ 88 }
बोल बोल कागा मेरे
बोल बोल कागा मेरे राम कब आयेंगे
राम कब आयेंगे लखन कब आयेंगे
धीरे धीरे हमतो बागौ में जायेंगे
बागौ से राम जी को फल लेके आयेंगे
फलो का राम जी को भोग लगायेंगे । बोल बोल…
धीरे धीरे हमतो बागौ में जायेंगे
बागौ से राम जी को फूल लेके आयेंगे
फूलो को राम जी को विस्तर लगायेंगे । बोल बोल…
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आशोक वाटिका में हनुमान
{ 89 }
राम कहानी सुनो रे राम कहानी
राम कहानी सुनो रे राम कहानी, कहत सुनत आवै अखियों में पानी
दसरथ के राज दुलारे, कौशल्या की आख के तारे
वे सूर्य वंश के सूरज रघुकुल के वे उजयारे
राजिव नयन वोले मघुभरी वानी ! राम कहानी…
शिव धनुष भंग प्रभु करके ले आये सिता वरके
घर त्याग भये वनबासी पितु की आज्ञा सिर धरके
लखन सिया ने संग छोडी रजधानी ! राम कहानी..
खल भेष भिक्षु का धरके, भिक्षा का आग्रह करके
उस जनक सुता सीता को छलवल से ले गया हरके
बडा दुख पावै राजा राम जी की रानी ! राम कहानी……
श्री राम ने मोय पठायौ में राम दूत वन आयौ
सीता माँ की सेवा में रघुवर को संदेशा लायौ
और संग लायौ प्रभु मुद्रका निसानी ! राम कहानी…..
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लक्ष्मण शक्ति
{ 90 }
मेरे लखन दुलारे
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
मत भईया को रूला रे बोल कछु बोल
भईया भईया कहके रस प्राणो में घोल | मेरे…
इस धरती पर और न होगा मुझ जैसा हत भागा
मेरे रहते वान शक्ति का तेरे तन मै लागा
जा नही सकता तोड़ के मुझसे ऐसे नेह का धाग
मैं भी अपने प्राण तजूंगा आज जो तू नही जागा
अखियों के तारे लल्ला अखियां तो खोल । मेरे…
बीत जाये रैन पवन सुत क्यो अब तक ना आये
बुझ ना जाये आस का दीपक मनवा जी घवराये
सूर्य निकल कर सूर्य वंश का सूर्य डिबो ना जाये
बिना बुलाये बोलने वाला बोले नही बुलाये
चुप चुप रहकर मेरा धीरज ना तोड़ । मेरे
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{ 91 }
दुनियां मै देव हजारौ है
दुनियां मै देव हजारौ है बजरंग बली का क्या कहना
इनकी शक्ति का क्या कहना इनकी भक्ति का क्या कहना
ये सात समुन्दर लांघ गये और गढ़ लंका में कूद गये
रावन को डराना क्या कहना, लंका को जलाना क्या कहना । दुनियां…
जव लक्ष्मण जी बेहोश हुये संजीवनी बूटी लाने गये
पर्वत को उठाना क्या कहना, लक्ष्मण को जिलाना क्यो कहना। दुनियां…
वनवारी इनके सीने में सिया राम की जोड़ी रहती है
ये रमा दिवाना क्या कहना, गुण गाये जमाना क्या कहना | दुनियां…
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राजगद्दी
{ 92 }
राम दरस रस बरसै जैसे
दोहा. चहु दिस वरसै राम रस छायौ हरस अपार।
रानी की करै सव मिल जय जय कार
कौसल्या नन्दन राजा राम, जानकी नन्दन राजा राम
जय सिया राम जय जय सिया राम
सीताराम दरस रस बरसै जैसे सावन की झडी
सावन की झडी रे प्यासे प्राणों पे पडी-2 सीता राम..
राम लखन अनमोल नगीना, अवध अगूठी में जड़ दीन्हा
सीता से सोहे जैसे मोती की लड़ी-2 ॥ सीता राम..
राम सिया कौ रूप निहारी नाचै गावै सव नर नारी
चल री दरसन करिआवै का सोचत खडी ॥ सिया राम..
रोम रोम को नयन वनालो राम सिया के दरसन पालो
वरसों पीछे आयी है ये मिलन की घडी ॥ सिता राम…..
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{ 93 }
भज मन राम चरण सुख
भज मन राम चरण सुख दायी
जिन चरणन से निकसी सुरसरी शंकर जटा समायी
जटा शंकरी नाम पर्यो हैं त्रभुवन तारन आयी। भज…
जिन चरणन की चरण पादुका भरत रह्यो लव लायी
सोई चरण केवट धोये लीन्हें तव हरी नाव चढ़ाई | भज…
सोई चरण संतन जन सेवत सदा रहत सुखदाई
सोई चरण गौतम ऋषि नारी परसि परम पद पाई। भज…
दण्डक वन प्रभु पावन कीन्हो ऋषियन त्रास मिटाई
सोई प्रभु त्रलोक के स्वामी, कनक मृग संग धाई। भज…
कपि सुग्रीव बन्धु भय व्याकुल तिन लय छत्र कराई
रिपु को अनुज, विभीषण निसचर परसत लंका पाई | भज…
शिव सनाकदिक और ब्रह्मादिक शेष सहस मुख गाई
तुलसी दास मारूत सुत की प्रभु निज मुख करत बडाई | भज…
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{ 94 }
दुनियां चले ना श्रीराम
दुनियां चले ना श्रीराम के बिना
राम जी चले ना हनुमान के बिना
जव से रामायण पढ़ ली है एक बात मैने समझ ली है
रावण मरे न श्री राम के बिना, लंका जले ना हनुमान के बिना। दुनिया …
लक्ष्मण का वचना मुश्किल था, कौन बूटी लाने के काविल था
लक्ष्मण बचे ना श्रीराम के बिना, बूटी मिले ना हनुमान के बिना। दुनिया…
सीता हरण की कहानी सुनो, वनवारी मेरी जुवानी सुनो
वापस मिले ना श्रीराम के बिना, पता चले ना हनुमान के बिना । दुनिया…
बैठे सिघांसन पर श्रीराम जी चरणौ में बैठे है हनुमान जी
मुक्ति मिले ना श्रीराम के बिना, भक्ति मिले ना हनुमान के बिना | दुनिया …
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{ 95 }
श्रीराम जानकी बैठे
श्रीराम जानकी बैठे है मेरे सीने में
देख लो मेरे दिल के नगीने में
मुझको कीर्ती ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझको रस चाहिये
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में । श्रीराम…
राम रसिया हूँ मैं राम सुमिरन करूँ
सिया राम का सदा ही मैं चिन्तन करूँ
सच्चा आनन्द है ऐसे जीने मैं । श्रीराम…
फाड सीना है सबको ये दिखला दिया
भक्ति में मस्ती है बेधडक बतला दिया
कोई मस्ती ना सागर को मीने में । श्रीराम….
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श्रीकृष्ण जन्म
{ 96 }
बधाई-1
आनंद उंमग भयौ जय कन्हैया लाल की
नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
हाथी दीन्हे घोड़ा दीन्हे और दीन्हे पालकी । नंद के…
ज्वानन कू हाथी घोड़ा बूढ़ेन कू पालकी। नंद के….
ज्वानन कू लड्डू पेड़ा बूढ़ेन कू लापसी | नंद के…
कवित्त
आज वर्फी सी ब्रज नारि बनी, गुजिया से गीत और गुंजा से ग्वाला
पेडा से प्यारे वने बलदेव जी, रस खीर सी रोहड़ी रूप रसाला
नंद महीप बने नमकीन, गोकुल ग्राम सब गरम मसाला
जायौ यशोदा जलेबी सी रानी ने, रबडी सी रात में लडूआ सौ लाला
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{ 97 }
बधाई – 2
चलो देख आवें नंद घर लाला हुआ,
बूदं आनंद की बरसाने वाला हुआ- चलो…..
सखी ब्रज के सब ग्वाल होके दिल में खुशहाल,
बैया गर्दन में डाल, नाचें दे-दे के ताल,
आज नंद का नसीबा उजला हुआ- चलो…
आज ब्रज में महाराज, करे भक्तो का काज,
जुडा सारा समाज करो दर्शन सब आज,
सुख नयनों को पहुंचाने वाला हुआ – चलो……
{ 98 }
बधाई – 3
ब्रज में है रही जय-जयकार, नंद घर लाल जायो है ।
लाल जायो है नंद घर लाल जायो है – ब्रज में….
यूथ के यूथ नंद घर आवें ग्वाला बाल सब मिल जुल गावें
ब्रह्मानंद समान आज सुख सबने पायो है- ब्रज में……
मंगल वस्तु सभी लै लीन्हीं, न्योछावर लाला की कीन्ही
नंद द्वारे अरू मारग में दधि कीच मचायो है- ब्रज में….
ब्रज चौरासी कोस में भैया, धन्य नंद यशोदा मैया
अस्सी साल की आयु में सुत याने पायो है-ब्रज में….
नंद यशोदा भाग्य बड़ाई, सब ही देने लगे बधाई
ऐसो अद्भुद सुत कोई और न जायो है- ब्रज में….
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{ 99 }
बधाई – 4
नंद जू के अंगना में, बज रही आज बधाई,
सौ-सौ बार बधाई सखियों, लाखों बार बधाई – नंद…
चमत्कार सा हो गया सखियों, हो गई बात निराली
रात ही रात में नंदबाबा की, दाढी हो गई काली-नंद…
ना जाने किस ऋषि मुनि ने, धागा हाथ लपेटा,
नंद भवन अनहोनी हो गई, बेटी हो गई बेटा – नंद…..
कानो कान ये बात चली, सोचे हर ब्रजबाला,
नंद भी गोरे यशोदा भी गोरी लाला केहि बिधि काला – नंद…
जनम-जनम की साध पूरी हुई लाला घर में आया,
माल खजाना हीरे मोती, दोनो हाथ लुटाया – नंद…..
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{ 100 }
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धन्य धन्य ब्रज भूमि कि तूने
धन्य धन्य ब्रज भूमि कि तूने चरण चिन्ह जहां डाले
भाग्यवान है कृष्णा तेरे देश में रहने वाले
मै ब्रज कौ रसिया ब्रजवासी मेरौ मन कान्हा कौ दास आत्मा राधे की दासी
हृदय वृन्दावन में डोले मेरी श्वास श्वास राधे कृष्ण राधे कृष्ण बोले
इस जग को बुद्धि देने वाला बुधवार को जग में आया रे
अष्टम सन्तान का जन्मोत्सव अष्टमी को जाय मनाया रे
लेते ही जनम गोकुल की ओर आंधी पानी में धाया रे
हुआ नंद के घर आनन्द सवेरे जब मुख चन्द्र दिखाया रे
वही चन्द्र वृज चन्द्र वना और बृज में किये उजाले। भाग्यवान…
मान व्रज ने यह पाया है चारो धामो ने इसी धाम को श्रेष्ठ बताया है ।
गोपाल बना दिया गोचारण गऊँओं का मान बढ़ाने को
घर घर का माखन खाता रहा हर घर से नेह निभाने को
बरसाने वाली राधा से किया प्रेम प्रेम बरसाने को
ब्रज में आया ब्रजवासी का सर्वोत्तम गौरव पाने को
बन्दनीय है राधा वंशी यमुना गोपी ग्वाले । भाग्यवान…
मेरे भारत का क्या कहना सोने पै सुहाग है पावन ब्रजभूमि पे रहना
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