भागवत कथा का पहला दिन bhagwat katha lyrics
भागवत कथा का पहला दिन bhagwat katha lyrics
भागवत कथा का पहला दिन bhagwat katha lyrics
इस प्रकार सभी ऋषियों के मन के भावना को जानकर श्रीसूत जी ने कहा कि हे शौनक जी ! इस कलि के जीवों को कालरूपी काले महासर्प के डंसने के भय से मुक्ति हेतु एक दिव्य अमर कथा सुनाउँगा।
क्योंकि हम सभी प्राणी वैसे ही काल द्वारा नष्ट हो जाते हैं जैसे हवा के झोंके से पानी का बुलबुला नष्ट हो जाता है। उसी प्रकार कालरूपी सर्प के मुख में हमारा जीवन एवं जीवन का व्यवहार या सुख है।
अर्थात् जैसे एक सर्प मुख को खोलकर बैठा हो और उस सर्प के मुख में एक मेढक बैठा हो और उस मेढक के मुख में एक चिंटी बैठी हो तथा वह चींटी अपने मुख में गुड़ ली हो।
- श्रीमद् भागवत कथा 7 दिन की क्यों होती है ?
- प्रेरक प्रसंग- माधवदास जी से भगवान का रजाई मांगना ||
- भागवत कथा कैसे सीखें ?ऑनलाइन भागवत सीखे। कथा वाचक कैसे बने ?
- भक्त ध्रुव जी की कथा
- दृष्टांत कथाएं / धन्य है सत्पुरषों का संग
-
संपूर्ण रामकथा हिंदी
वस्तुतः वह मेढक और चिंटी तभी तक सुरक्षित हैं जबतक सर्प ने अपना मुख बन्द नहीं किया है, अन्यथा सर्प के मुख बन्द करते ही मेढक और चिंटी दोनों की सत्ता समाप्त हो जाएगी। अतः मेढक और चिंटी को सर्प के मुख बन्द करने से पहले ही बाहर निकल जाना चाहिए। उसी प्रकार जैसे-
“कालव्यालमुखग्रासत्रासनिर्णाशहेतवे।
अर्थात एक बार जब राजा परीक्षित् शाप के कारण गंगातट पर वही भागवत की कथा सुनने के लिए बैठे थे तो श्री शुकदेवजी के सामने देवता लोग स्वर्ग से अमृत कलश लेकर कथा के बदले में राजा परीक्षित् को पिलाना चाहा तथा कथा को स्वयं देवताओं ने अपने कानरूपी प्याले से पीना या सुनना चाहा।
भागवत कथा ऑनलाइन प्रशिक्षण केंद्र
भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-
-
भागवत कथा/भाग-1
-
भागवत कथा/भाग-2
-
भागवत कथा/भाग-3
-
भागवत कथा/भाग-4
-
भागवत कथा/भाग-5
-
भागवत कथा/भाग-6
-
भागवत कथा/भाग-7
-
भागवत कथा/भाग-8
-
भागवत कथा/भाग-9
-
भागवत कथा/भाग-10
-
भागवत कथा/भाग-11
-
भागवत कथा/भाग-12
-
भागवत कथा/भाग-13
-
भागवत कथा/भाग-14
-
भागवत कथा/भाग-15
-
भागवत कथा/भाग-16
-
भागवत कथा/भाग-17
-
भागवत कथा/भाग-18
-
भागवत कथा/भाग-1 9
-
भागवत कथा/भाग-20
-
भागवत कथा/भाग-21
-
भागवत कथा/भाग-22
-
भागवत कथा/भाग-23
-
भागवत कथा/भाग-24
-
भागवत कथा/भाग-25
-
भागवत कथा/भाग-26
-
भागवत कथा/भाग-27